- पीयू और पीपीयू में ऑनलाइन पढ़ाई एक माह तक रही बंद

- ऑनलाइन पढ़ाई में तकनीकी समस्याओं से कनेक्टिविटी की समस्या से जूझते रहे छात्र

PATNA : पढ़ाई हुई नहीं और परीक्षा का बोझ। यह आलम है पटना यूनिवर्सिटी और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में यूजी और पीजी की। दरअसल, कोरोना काल के कारण पढ़ाई पर ब्रेक और उच्च शिक्षा विभाग की ओर से गेस्ट शिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन क्लास लेने पर पूरे मई माह में रोक के बाद से हर विषय के स्टूडेंट्स की पढ़ाई बीच में ही छूट गई। अगले माह इसे दोबारा से शुरू किया, लेकिन जहां सिलेबस के हिस्से पीछे हो गए थे, उन्हें पूरा करने के लिए अभी भी ऑनलाइन क्लास जारी है। जबकि पीपीयू में तो इतना भी नहीं हो सका है। इसलिए वहां के स्टूडेंट और भी पीछे हो गए हैं। ऐसे में इन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट को यह चिंता सता रही है कि बिना सही दीक्षा के कैसे परीक्षा दें। परीक्षा दिया तो नंबर अच्छे नहीं आएंगे। नहीं दिया तो और लोड बढ़ेगा। एक सेमेस्टर भी बर्बाद हो जाएगा।

इसलिए है परेशानी

सिलेबस पूरा करने के लिए पढ़ाई को लेकर दो प्रकार की बातें चर्चा में हैं। इसमें एक ओर यह बात कही जा रही है कि ऑनलाइन पढ़ाई से सिलेबस पूरा किया जा रहा है। दूसरी ओर, वैसे लोग भी हैं जो यह बता रहे हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई फेल है, क्योंकि अधिकांश स्टूडेंट्स कोरोना काल में अपने गांव-घर चले गए थ जहां इस मोड में पढ़ाई बहुत सफल नहीं रही। तकनीकी समस्याओं के कारण कनेक्टिविटी और अन्य समस्याएं हावी रहीं।

अतिरिक्त क्लास ली गई

ऑनलाइन क्लास के मामले में पटना यूनिवर्सिटी में दोबारा से जून के पहले हफ्ते में पढ़ाई शुरू कर दी गई। गेस्ट शिक्षकों के मुताबिक अभी ऑनलाइन क्लास जारी हैं। सिलेबस को पूरा करने के लिए अतिरिक्त ऑनलाइन क्लास भी ली गई है। हालांकि इसके लिए अभी भी क्लास का सिलसिला जारी है।

सीनेट मेंबर ने कहा, प्रमोट करें

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के सीनेट मेंबर राधे श्याम ने बताया कि उन्होंने परीक्षा नियंत्रक प्रो। महेश मंडल से मुलाकात कर छात्रों की वर्तमान में समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अभी जिस प्रकार से कोरोना महामारी को देखते हुए स्टूडेंट्स को प्रमोट किया गया, उसी तर्ज पर विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स को भी प्रमोट किया जाए, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी।

परीक्षा पर ऊहापोह

सीनेट मेंबर राधे श्याम से बातचीत के बाद प्रो। महेश मंडल ने कहा कि हमने शेड्यूल बना लिया है। परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही इसकी तिथि के बारे में भी बताया जाएगा। इस दौरान राधे श्याम ने इस बात को रखा कि यदि परीक्षा हो तो भी कम से कम सभी स्टूडेंट्स को पास किया जाए। क्योंकि सत्र जिस तरीके से डीले हो गया है, उसे देखते हुए फेल स्टूडेंट्स के लिए स्थिति और जटिल हो जाएगी।

वायस

पीपीयू के अधिकांश कॉलेजों के छात्रों के पास स्मार्ट फोन ही नहीं है। ऐसे में यदि कुछ समय के लिए ऑनलाइन क्लास कराया गया है तो वह भी काम का नहीं है।

- सूरज प्रकाश

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बेहतर होगा कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को छोड़कर सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट कर दिया जाए। क्योंकि पढ़ाई नहीं होने और सेशन लेट होने की वजह से विकल्प नहीं है।

- राजवीर सिंह

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इस संबंध में विश्वविद्यालय से आग्रह किया जा चुका है लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। बिना परीक्षा स्टूडेंट्स में अवसाद भर देगा।

- रंजन यादव

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अभी पीपीयू ने इस संबंध में निर्णय नहीं लिया है। इसलिए हमें उम्मीद है कि इसका कुछ बेहतर हल निकाला जाएगा। तब तक स्टूडेंट अपने स्तर पर तैयारी करें तो बेहतर रहेगा।

- अभ्युदय नारायण सिंह