पटना(ब्यूरो)। सियाराम जयराम, जय जय राम सीताराम हनुमान की जय। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री संग श्रद्धालुओं ने भगवान सीताराम-हनुमान के जमकर जयकारे लगाए। नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ परिसर में पांच दिवसीय हनुमत कथा को सुनने के लिए जमकर श्रद्धालु उमड़े। 17 मई तक चलने वाली कथा के पहले दिन कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री ने सुंदरकांड की महिमा का जिक्र किया। उन्होंने लोगों से इसका नियमित पाठ करने को कहा। कथा के दौरान शास्त्री ने कहा कि नीयत अच्छी है तो किस्मत दासी बन जाती है। घर भी मथुरा काशी बन जाता है। कर्म अच्छे करोगे तो इसका फल भी अच्छा मिलेगा। हनुमान के लंका में प्रवेश पर कहा कि कर्म अच्छे हो तो लंका में भी डंका बज जाता है। बिहार की भूमि का वंदन करते हुए कहा कि यहां की भूमि मां सीता की, गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह की, भगवान महावीर की है। ऐसी भूमि पर जन्म लेना पुण्य फल का प्रभाव है। बिहार में सदियों से भगवान राम की महिमा का गुणगान होते रहा है। यहां हमेशा राम नाम की बयार बहती रही है।

राम नाम स्मरण से बंदर भी हो जाता है सुंदर

सुंदरकांड की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सभी अर्थों में सुंदरकांड सबसे सुंदर है। इस अध्याय में मां सीता की खोज, हनुमान से मां सीता का मिलन, उन्हें धैर्य देना, विभीषण जैसे भक्तों से मिलन कई अर्थों में सुंदर है। राम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए हनुमान समुद्र को लांघ कर लंका पहुंचे। राम नाम स्मरण से बंदर भी सुंदर हो जाता है। कथा वाचक ने लोगों से कहा कि संसार में भक्ति को खोज लो तो सारे सुखों की प्राप्ति हो जाएगी। जीवन के बारे में कहा कि यह रेलगाड़ी की तरह है। सांस रूपी डीजल खत्म होने के बाद रेलगाड़ी भी गंतव्य से पहले रूक जाती है। जीवन तो भइया एक रेल है, कभी पैसेंजर तो कभी मेल है गीत पेश कर उन्होंने श्रद्धालुओं को खूब आनंदित किया।