पटना (ब्यूरो)। लखनऊ के पीजीआई की तरह अगर पटना के अस्पतालों में आग लग जाए तो मरीजों के साथ अस्पताल भी जलकर खाख हो जाएगा, क्योंकि मरीजों का उपचार कर उनकी जान बचाने वाले अस्पताल के डॉक्टर पर कर्मियों को आग बुझाने के शत-प्रतिशत मानक पूर्ण करने में चूक कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राजवंशी नगर स्थित लोक नायक जय प्रकाश नारायण सुपर स्पेशलिटी हड्डी अस्पताल की। जहां प्रति ऑउटडोर और इनडोर मिलाकर तकरीबन सात से आठ सौ मरीज इलाज लिए आते हैं। बावजूद अस्पताल की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को आग बुझाने की जानकारी सही-सही नहीं है। और तो और अस्पताल में फायर सिलेंडर के अलावा बाल्टी और बालू की व्यवस्था भी कहीं नहीं दिखी। ऐसे में अगर शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग जाए तो धू धू कर अस्पताल जल जाएगा पढि़ए रिपोर्ट

-आग बुझाने की व्यवस्थाएं अधूरी

राजवंशी नगर स्थित एलएनजेपी हॉस्पीटल में आग पर काबू पाने के लिए जगह-जगह फायर सिलेंडर तो लगा दिए गए हैं। मगर सिलेंडर के साथ आग बुझाने में प्रयोग की जाने वाली बालू और बाल्टी की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। जबकि नियमानुसार बालू और बाल्टी ऐसे जगहों पर रखे जाते हैं जहां आसानी से लोग आपातकालीन स्थिति में उठा सकें। शिकायत मिलने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने अस्पताल के सभी हिस्सों में जाकर मुआयना किया मगर कहीं भी बालू और बाल्टी नहीं दिखी।

-अस्पताल कर्मी और गार्ड नहीं है प्रशिक्षित

अस्पताल के सुरक्षा में लगे गार्ड और अस्पताल के कर्मियों को आग बुझाने की जानकारी न के बराबर है। सुरक्षा में लगे एक कर्मी ने बताया कि एक दिन प्रशिक्षण के लिए फायर सिलेंडर खोला गया था जिसके बाद पूरे सिलेंडर के गैस कपड़ा और फैल गया है। बॉडी में सफेद-सफेद लग गया। पूरी तरह से प्रैक्टिकल कार्य हो नहीं पाया। जबतक आग बुझाने की सही जानकारी नहीं मिलेगी तब तक आग कैसे बुझाएंगे। गार्ड ने बताया कि कर्मचारी को भी आग बुझाने की जानकारी नहीं है इसलिए कोई ट्रेनिंग नहीं दिया है। जबकि नियमानुसार गार्ड को आग पर काबू पाने का प्रशिक्षित होना आवश्यक है।

-लखनऊ पीजीआई में लगी थी भयंकर आग

पिछले दिनों लखनऊ के पीजीआई में भयंकर आग लगी थी जिसमें तीन मरीजों की जलने से मौत हो गई थी।
अग्निशमन विभाग को पीजीआई के ओटी में शॉर्ट सर्किट से आग लगने से महिला और बच्ची की मौत के बाद अस्पतालों में आग बुझाने के मानकों की याद आई है। इस तरह अगर पटना के अस्पतालों में भी आग बुझाने की प्रशिक्षण सुरक्षा कर्मियों न दी जाए तो घटना के समय मरीजों की जान जा सकती है।

क्या है मानक
- इमरजेंसी गेट होना चाहिए
-बाल्टी और बालू रखा हो
-सुरक्षा में लगे गार्ड आग बुझाने की ज्ञान हो
- सेकेंड फ्लोर पर पानी से भरे टंकी हो