- नगर निगम को जानकारी नहीं और बेची जा रही है सिल्ट

नाला उड़ाही के दौरान निकलने वाली सिल्ट को बेच रहे है कर्मचारी

PATNA :

पटना नगर निगम में इन दिनों नाला उड़ाही का काम जोरों से चल रहा है। शहर को जलजमाव से बचाने के लिए नालों को पहले ही साफ कर लिए जा रहे हैं जिससे कि बरसात के पहले कोई समस्या नहीं आए, लेकिन नगर निगम के कर्मी इसमें भी अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहे हैं। नाले से निकलने वाली सिल्ट को भी खुलेआम बेचा जा रहा है। वो भी पदाधिकारियों की अनुमति के बिना। मुख्यालय तो मुख्यालय निगम के अंचल कार्यालय को भी इसकी जानकारी नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसके बारे में पड़ताल की तो सच्चाई कुछ यूं सामने आया।

सैदपुर नाले में चल रहा है खेल

नाला उड़ाही के बाद सड़क पर पड़ी सिल्ट को बेचने में निगम के कर्मचारी और गाडि़यों के ड्राइवर जुट गए हैं। 300 से 400 रुपए प्रति गाड़ी सिल्ट की ब्रिकी खुलेआम हो रही है। सिल्ट बेचने में संलिप्त निगम कíमयों व चालकों को सैदपुर-पहाड़ी नहर से निकले सिल्ट के खरीदार का इंतजार है। हालांकि इस बीच सड़क किनारे पड़े सिल्ट हादसों का भी कारण बन रहे हैं, लेकिन सिल्ट के दलालों को इससे कोई मतलब नहीं है। उन्हें अब अपनी जेब भरने से मतलब है।

मिला 15 टेलर सिल्ट का खरीदार

सिल्ट के खरीदार और स्थानीय निवासी राजू पाल ने बताया कि मैंने 15 टेलर सिल्ट खरीदा है। 300 रुपए प्रति टेलर का चार्ज भी दिया है। कोई पेपर वर्क की जरूरत नहीं पड़ी। मुझे जमीन में गड्ढे को भरवाने के लिए इसकी जरूरत थी ।

कोई भी ले सकता है सिल्ट

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब सिल्ट खरीदना चाहा तो सिल्ट बेचने वाले दलाल आसानी से इसे उपलब्ध करवाने का दावा करने लगे।

रिपोर्टर और दलाल की बातचीत

9278 हैलो कौन?

रिपोर्टर - मुझे सिल्ट गिरवाना है अपनी जमीन पर, हो जाएगा।

9278 हां हो जाएगा पर पैसा लगेगा,

रिपोर्टर - कितना?

9278 कम से कम 500

रिपोर्टर - अरे भैया कम लो। हमको तो 300 पता चला था।

9278. चलो 300 ही दे देना कितना चाहिए?

रिपोर्टर - 5 गाड़ी।

रिपोर्टर - कोई एप्लीकेशन भी देना होगा।

9278 नहीं कोई एप्लीकेशन नहीं, कैश देना होगा लेकिन, थोड़ा गीला है

रिपोर्टर - नहीं मुझे सुखा हुआ चाहिए।

9278. तब एक दो दिन लगेगा, आप एड्रेस दो। गिरवा दिया जाएगा।

ड्राइवरों का होता है दो गुना फायदा

नगर निगम की मानें तो नाला उड़ाही के बाद बची हुई सिल्ट हटाने के लिए एजेंसी को पेमेंट किया जाता है। प्रति घंटे के हिसाब से ये निगम से चार्ज लेते हैं। इनका काम होता है। सिल्ट को उठाकर रामचक बैरिया में डंप करना। लगभग 700 रुपए चार्ज निगम एक घंटे का इन गाडि़यों को देता है। इसमें एजेंसी को गाडि़यां और ड्राइवर दोनों देनी होती हैं। एक तरफ तो ये निगम से सिल्ट हटाने के पैसे लेते हैं वहीं दूसरी तरफ सिल्ट को बेचकर दोगुना फायदा करते हैं।

काम कर रहा है गिरोह

वार्ड 60 के पूर्व पार्षद प्रदीप मेहता ने बताया कि सिल्ट बेचने के लिए नगर निगम में एक गिरोह काम कर रहा है। यही कारण है कि सिल्ट निकलने के एक सप्ताह बाद भी इसे उठाया नहीं गया है। जैसे जैसे खरीदार मिलते हैं वैसे-वैसे इसे यहां से हटाया जा रहा है।

ड्राइवर और कर्मियों की होती है मिलीभगत

पटना नगर निगम के अजीमाबाद अंचल अंतर्गत कुछ कर्मी इन दिनों सैदपुर-पहाड़ी नाला से निकलने वाले सिल्ट को अच्छी कीमत में बेच रहे हैं। गड्ढे वाली जमीन भरने तथा खेत के लिए यह सिल्ट उपयोगी साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों की मानें तो शनिचरा से मठ लक्ष्मणपुर के बीच सैदपुर नहर से निकला सिल्ट एक सप्ताह बाद भी आधा-अधूरा उठाया गया। इस बीच की पक्की सड़क सिल्ट से भर चुकी है। रास्ते पर सिल्ट फैल जाने के कारण कीचड़, फिसलन और बदबू के कारण लोग रास्ता बदलने को मजबूर हैं। उड़ती धूल से आसपास की दुकानों और घरों में रहना मुश्किल हो रहा है।

दो अंचल दो बातें

पटना सिटी और अजीमाबाद - कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह की मानें तो सिल्ट बेचने को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। नाला उड़ाही के बाद बची हुई सिल्ट हटाने के लिए एजेंसी को पेमेंट किया जाता है। सिल्ट को बेचने का कोई नियम नहीं है।

वहीं बांकीपुर - कार्यपालक पदाधिकारी देवेन्द्र सुमन कहते हैं कि सिल्ट बेचने का कोई नियम नहीं है। हां अगर किसी को ये अपनी जमीन पर गिरवाना है तो उसे नगर निगम में आवेदन देना होगा जिसके बाद हम निर्णय करते हैं कि क्या करना है। इसके लिए जो राशि भी होगी वह अंचल कार्यालय में ही जमा करनी होगी। कोई मैन टू मैन डील नहीं हो सकती है।