जांच अभियान तेज हो गया

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद निगम की ओर से शहर के हर सर्किल में जांच अभियान तेज हो गया है। अब तक नूतन राजधानी सर्किल की रिपोर्ट आई है, जिसकी जांच एक बार फिर से की जानी है। इसके बाद उसमें जो भी निर्माण कार्य या अपार्टमेंट गलत पाए गए, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

कई तरह की गड़बड़ी मिली

इससे पहले निगम को पिछले तीन सालों में जारी किए गए नक्शे की जांच में कई तरह की गड़बड़ी मिली है। इसे दूर करने के लिए आर्किटेक्ट्सकी पूरी टीम के साथ जुलाई फस्र्ट वीक में मीटिंग होगी, जिसके बाद गलत नक्शा पास करने वालों के खिलाफ कार्रवायी भी की जाएगी। निगम कमिश्नर कुलदीप नारायण ने बताया कि आर्किटेक्ट से अब तक की अपडेट रिपोर्ट मांगी जाएगी। जिसने भी गलत नक्शा पास किया है, उसके खिलाफ कार्रवायी होगी। अब तक नूतन राजधानी अंचल एरिया में ऐसी डेढ़ सौ से अधिक बिल्डिंग की जांच हो चुकी है।

तैयार हो रहा था 17 फ्लोर का अपार्टमेंट

निगम की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि बुद्धमार्ग पर 17 फ्लोर का नक्शा तक पास हो गया है। इसके अलावा बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में फर्जी प्लानिंग रिपोर्ट लगाकर निगम को सौंपा गया है। यहां तो 13 फीट की सड़क पर अपार्टमेंट बने हुए हैं। वहीं कई ऐसी गलियां है, जहां कचरे की गाड़ी भी नहीं पहुंच पाती, वहां भी अपार्टमेंट पूरी तरह से तैयार हो चुका है। कमिश्नर ने बताया कि ऐसी गलियों में निगम की ओर से कार्रवाई के तहत सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी, वरना ऐसे अपार्टमेंट वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

3 आर्किटेक्ट ने पास किया तीन हजार नक्शा

यह सारा खेल जून 2009 से दिसंबर 2012 तक हुआ है। इस दौरान पैनल में रजिस्टर्ड 51 आर्किटेक्ट ने 5600 नक्शा पास किए। इसमें से 49 आर्किटेक्ट ने 2600 नक्शा पास किए और रेस्ट तीन आर्किटेक्ट ने मिलकर तीन हजार से अधिक नक्शा पास कर दिया। यही नहीं, कई आर्किटेक्ट ने होशियारी दिखाते हुए दूसरे आर्किटेक्ट से साइन करवाकर नक्शा पास करवा दिया है। ऐसे आर्किटेक्ट की दो पैनल को निगम अपने यहां दो दिन में बुला रही है। तीन सालों में सबसे अधिक नक्शा पास करने वालों में रमन कुमार ने 1551, अरुण कुमार ने 864 और राकेश कुमार रंजन ने 702 नक्शा पास किया है।

गलत पाए जाने पर डिग्री होगी कैंसिल

कमिश्नर ने बताया कि मीटिंग में नक्शा पास करने की पूरी जानकारी मांगी गई है। इसमें जो भी गलत पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा। इसके लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्टको भी इंफॉर्म किया जाएगा।

क्या-क्या छुपाया गया

एक तो गलत नक्शा पास करना, दूसरा पास हुए नक्शे की सही जानकारी निगम को नहीं देना, ऑन द स्पॉट जाकर उस नक्शे की जानकारी नहीं लेना और न ही निगम को इसकी सूचना देना। आर्किटेक्ट्स ने इसी तरह का गोरखधंधा किया था। निगम को उन बिल्डिंग के हर स्टेप की जानकारी होनी चाहिए थी।

क्या है बिल्डिंग बायलॉज

बिल्डिंग बायलॉज के तहत बीस फीट चौड़ी सड़क पर 11 फीट उंची बिल्डिंग बना सकते हैं। इसके अलावा रेसिडेंशियल एरिया में नन रेसिडेंशियल बिल्डिंग का निर्माण नहीं करवा सकते। निगम इन्हीं दो बिंदुओं के तहत जांच अभियान चला रहा है और जल्द ही इसके तहत कार्रवाई की जाएगी।