- डिस्टेंस लर्निग के माध्यम से होगी इंटर की पढ़ाई

PATNA :

अक्टूबर, 1917 में स्थापित और देश के सात सबसे पुराने यूनिवर्सिटीज में शामिल पटना यूनिवर्सिटी में इंटर की पढ़ाई डिस्टेंस मोड में कराई जाएगी। अभी इसकी घोषणा मात्र हुई है। लेकिन इसके साथ ही कई चर्चा तेज हो गई है। खास तौर पर यहां 16 साल बाद एक फिर से इसके शुरू किए जाने की। लेकिन इस बार मामला अलग है। यह पूर्व की भांति रेगुलर नहीं बल्कि डिस्टेंस मोड में कराया जाएगा। पीयू प्रशासन ने इस बाबत हाल ही में सिंडिकेट की बैठक में इसकी घोषणा की। अब स्टूडेंट और उनके अभिभावक यह जानना चाहते हैं कि क्या यह रेगुलर मोड में भी होगा। इसकी भविष्य की योजना में कुछ और है क्या?

फाउंडेशन मजबूत करने पर जोर

यदि अब तक के आईआईटीयन, ब्यूरोक्रेट और कई बडे़ सार्वजनिक और कारपोरेट के पदों पर आसीन लोगों के प्रोफाइल पर नजर डालें तो पता चलता है कि सभी ने पीयू से इंटर से लेकर पीजी तक की पढ़ाई की है। लेकिन जब से यहां से इंटर की पढ़ाई बंद हुई है, यहां से बेहतर कैंडिडेट की संख्या में गिरावट भी आई है।

पुरानी मांग हुई पूरी

इंटर की पढ़ाई शुरू करने की मांग राजनीतिक और सामाजिक फोरम पर कई बार उठाई गई है। सिंडिकेट की बैठक में इस पर सहमति भी हुई। यहां तक कि यहां से रिटायर्ड शिक्षकों के बीच भी इसे फिर से शुरू करने का सुझाव दिया गया था।

इंटर नहीं होगा रेगुलर

घोषणा के दिन से ही ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि अभी डिस्टेंस मोड में इंटर की पढ़ाई होगी और आगे इसे रेगुलर किया जा सकता है। हालांकि पटना यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। जीके चौधरी ने कहा कि यहां केवल इंटर की पढ़ाई के लिए एक प्लेटफॉर्म मिलेगा। लेकिन अब यह स्थिति नहीं है कि इसे रेगुलर मोड में कराया जा सके। इसका कारण इसके लिए अलग से सैंक्शंड पोस्ट नहीं है। साथ ही आगे इसे दूसरे या व्यापक स्वरूप में शुरू नहीं किया जा सकता है।

भटकाव नहीं था

पीयू में जब इंटर की पढ़ाई रेगुलर मोड में हो रही थी तब पूरे बिहार के छात्रों के लिए यह बड़ी राहत थी। इसका कारण था कि उन्हें इंटर से लेकर पीजी की पढ़ाई के लिए भटकना या अन्य विकल्प की ओर नहीं देखना पड़ता था। जो छात्र यहां से इंटर पढ़ते थे वे यहां से स्नातक और परास्नातक भी कर लेते थे। इससे पढ़ाई का एक सिलसिला बना रहता था। अच्छी पढ़ाई के कारण इंजीनियरिंग का भी एक बेस तैयार होता था। हालांकि अब यह स्थिति नहीं रह गई है।

रेगुलर में हो तभी लाभ

साइंस कॉलेज के पूर्व छात्र और छात्र नेता लव कुमार ने बताया कि सिंडिकेट की बैठक में भले ही इंटर की पढ़ाई शुरू करने की बात कही गई है। लेकिन इसका वास्तविक लाभ तभी होगा जब इसे रेगुलर मोड में कराया जाएगा। क्योंकि तब शिक्षकों से बेहतर इंटरैक्शन और आगे के लिए फाउंडेशन तैयार होगा।