नक्सली अपने लिए सेफ मानते हैं

ऐसा उन एरिया में हो रहा है जिसे नक्सली अपने लिए सेफ मानते हैं। ऐसे में उन्हें अब लगने लगा है कि उनकी घेराबंदी की जा रही है। फिलहाल गया, रोहतास और औरंगाबाद में इसकी शुरुआत हुई है। इसके बाद से ही नक्सलियों ने आक्रामक रुख अपनाया है।

जमुई में रहे हैं मजबूत

नक्सली जमुई में पहले से ही मजबूत स्थिति में रहे हैं। ऐसे में पुलिस की सख्ती को लेकर वे अपनी ताकत और दहशत दिखाने में लगे हैं। जमुई में ट्रेन पर हमला और गया के छतबंदा में हो रही मुठभेड़ से कुछ ऐसा ही मैसेज देना चाहते हैं। गया छतबंदा के मजहारी डैम के पास भी सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन और नक्सलियों के बीच कई घंटों तक इंकाउंटर गुरुवार की शाम से ही चल रहा था। इसमें कई नक्सलियों के जख्मी होने की खबर है। साथ ही कोबरा के जवान भी इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं।

बढ़ाई जाएगी ट्रेनों की सिक्योरिटी

इस वारदात के बाद सिक्योरिटी को और दुरुस्त किया जाएगा। इस संबंध में एडीजी लॉ एण्ड आर्डर एसके भारद्वाज ने बताया कि ट्रेनों की सिक्योरिटी और बढ़ाई जाएगी। नक्सलियों की यह कायरतापूर्ण कार्रवाई है। उनके खिलाफ चल रहा ऑपरेशन बंद नहीं होगा बल्कि और तेज किया जाएगा।

हथियार लूटना था मकसद

नक्सलियों ने अचानक और दिनदहाड़े ट्रेन को निशाना क्यों बनाया। पुलिस हेडक्वार्टर की मानें तो नक्सलियों ने आम्र्स लूटने के लिए हमला किया। ट्रेन में पांच आरपीएसफ के जवान थे। एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर एस के भारद्वाज ने बताया कि नक्सली हथियार लूटने के मकसद से आए थे। जहां हमला हुआ वहां काफी दूर तक जंगल फैला है।

पैसेंजर्स बने थे कुछ नक्सली

ट्रेन पर हमला करने से पहले नक्सलियों की पूरी तैयारी थी। ट्रेन में पहले से ही नक्सली पैसेंजर बनकर बैठे थे। यहां तक कि जो महिला नक्सली शामिल थी वह भी ट्रेन में पहले से यात्रा कर रही थी। पुलिस हेडक्वार्टर ने भी इसकी पुष्टि की है। पहली बार बिहार में हुए इस तरह के हमले में डायरेक्टर महिला नक्सलियों के शामिल होने की बात सामने आई है।

बिहार के 23 डिस्ट्रिक्ट नक्सल अफेक्टेड

पटना, नालंदा, जहानाबाद, अरवल,  बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, वैशाली, मोतिहारी, सीतामढ़ी, शिवहर, बेतिया, बगहा, रोहतास, जमुई, गया, औरंगाबाद, भभुआ, आरा, नवादा, बांका, खगडिय़ा, मुजफ्फरपुर।

ऐसा खौफ कि दिल दहल जाए