-जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता त्यागी बोले, यह रवैया दोस्ताना नहीं

PATNA: अरुणाचल प्रदेश में फ्राइडे को बीजेपी ने जेडीयू को जोर का झटका धीरे से दिया। जेडीयू के 7 विधायकों में 6 बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के इस रवैये से जेडीयू में जबरदस्त रोष है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने त्वरित प्रतिक्रिया में कहा कि यह रवैया अनफ्रेंडली है। साथ ह उन्होंने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम का बिहार में कोई असर नहीं होगा। अरुणाचल में जेडीयू प्रमुख विपक्ष के रूप में सदन में थी व सरकार बीजेपी की है।

फिर गरमाई राजनीति

बिहार में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन वाली एनडीए सरकार है। हम और वीआईपी भी गठबंधन में हैं। ऐसे में बीजेपी के इस रवैये से एक बार फिर बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है। बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 6 विधायकों को उस वक्त तोड़ा है जब पटना में एक दिन बाद राष्ट्रीय कार्यसमिति और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होनी है।

विधायकों को आना था पटना

अरुणाचल के विधायकों को पटना में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होने आना था। जिन विधायकों को भाजपा ने तोड़ा, उनमें तलेम तबोह, हायेंगा मांगफी, जिके ताको, दोरजी वांग्डी खरमा, डोंगरू सिंयोंग्जू तथा कांगांग टाकू है। भाजपा ने यह काम पंचायत और नगर निकाय चुनाव के परिणाम आने के एक दिन पहले किया है। इससे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

अब जेडीयू का एक एमएलए

जेडीयू अरुणाचल प्रदेश में 2019 के विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 7 सीटों पर जीत हुई थी। बीजेपी को 41 सीटें आयीं थी। 60 सदस्यों की विधानसभा में अब बीजेपी के 48 सदस्य हो गए हैं जबकि जेडीयू का केवल एक सदस्य बचा है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विस्तार पर भी चर्चा

जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के विस्तार पर भी विशेष रूप से चर्चा होगी। सैटरउे को पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक है और 27 यानी संडे को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक होनी है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में दो दर्जन से अधिक राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। उनके पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। बहुत सारे डेलिगेट्स रविवार को भी पहुंचेंगे। पार्टी के पदाधिकारियों ने कहा बिहार विधानसभा चुनाव और कोरोना की वजह से लगभग 14 महीने से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो पायी थी।