पाकिस्तान की आजादी का जश्न मना रहे हों

इसका विरोध शुरू हो चुका है। दरअसल, पाकिस्तान के नक्शे को इंडिया से जोड़कर इस तरह से सेलिब्रेट किया जा रहा था, जैसे 14 अगस्त को पाकिस्तान की आजादी का जश्न मना रहे हों। हाल ही में सीमा पर शहीद हुए हमारे जवानों की विधवाओं के आंसू सूखे भी नहीं होंगे। बिहार के शहीद चार जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं पड़ी कि एकता की आवाज उठाने लगीं। जहां पूरा देश उबल रहा है, वहां आखिर इस थीम पर कॉलेज में जुनून-ए-आजादी का जश्न मनाने की इजाजत किसने दी? भारत-पाक के बीच भाईचारे का संदेश देना सही है, पर क्या अभी इसका माकूल समय है?

पाकिस्तान की जरूरत क्या थी

पटना वीमेंस कॉलेज में जुनून-ए-आजादी का जश्न मनाया गया। इस मौके पर गल्र्स ने भारत-पाकिस्तान का नक्शा जोड़कर खुशियां मनाईं। यही नहीं, भारत के नक्शे के साथ जोड़कर एक बनाने का मैसेज भी देने की कोशिश की गई। वहां कोई भी इन स्टूडेंटस को ऐसा करने से रोकने वाला नहीं था, जबकि इस सेंसेटिव इश्यू ने अभी पूरे देश को हिला कर रख दिया। सीमा पर लड़ रहे हमारे जवान लगातार पाकिस्तानी गोलियों की बौछार झेल रहे हैं। हर दिन युद्ध के माहौल से हमारी सेना टकरा रही है। 6 अगस्त को तो पाकिस्तान सेना के दुस्साहस ने तो हमारे पांच जवानों को छीन लिया। इसमें चार जवान तो हमारे स्टेट की शान थे। इस गर्म महौल में पाकिस्तान से दोस्ती की तरफदारी किसी भी तरह सही नहीं ठहराई जा सकती। पीठ में खंजर भोंकने की छवि बना चुका पाकिस्तान फिलहाल माफी के काबिल नहीं। यह बात एक सुर में सारा देश बोल रहा।

साथ लाना है तो बंगलादेश क्यों नहीं

सिर्फ पाकिस्तान ही क्यों? जब इस थीम जब प्रोग्राम आयोजित हुआ, तो भारत से बंटे बंगलादेश को क्यों नहीं जोड़ा गया। चीन के कब्जे में लाये हुए वह भाग क्यों नहीं। सिर्फ पाकिस्तान के नक्शे को ही जोड़कर क्या मैसेज देने की कोशिश की गई है। पटना वीमेंस कॉलेज में सुलझे हुए टीचर्स और देश के लोगों की नब्ज को समझने वाले स्टूडेंटस की कमी नहीं फिर इस समय गुस्से से उबल रहे लोगों के मन को ठेस पहंचाने की कोशिश किसके इशारे पर की गई।

पाकिस्तान ने इन्हें छीना हमसे

1. शहीद लांस नायक शंभू शरण राय, बिहार

2. शहीद नायक प्रेमनाथ सिंह, बिहार

3. शहीद सिपाही रघुनंदन प्रसाद, बिहार

4. शहीद विजय कुमार राय, बिहार

5. शहीद नायक माने कुंडलिक करेबा, महाराष्ट्र

यह दुखद सत्य है कि पाकिस्तान ने बार-बार हमारी संप्रभुता पर हमला किया है। बार-बार अपनी धरती का उपयोग हमारे देश के खिलाफ आतंकियों के लिए किया है। अभी के माहौल में उससे दोस्ती परिकल्पना करना ही गलत है। वीमेंस कॉलेज में इस वक्त अगर आजादी के जश्न में पाकिस्तान को भारत के साथ जोडऩे की अगर कोशिश की गई है, तो यह गलत है। पटना वीमेंस कॉलेज में वही हुआ है, जो हमारे स्टेट के दो मंत्रियों ने किया है। अभी देश के सम्मान की की बात है। शहीदों और उनके परिजनों को सम्मान देने की बात है, इस समय अगर इन चीजों को अवॉयड किया जाता, तो ठीक होता। शिक्षण संस्थानों का यह कर्तव्य है कि वे इस वक्त ऐसी चीजों को बढ़ावा न दें, यह देश की जनता की भावना के साथ खिलवाड़ है।

प्रो। डॉ एनके चौधरी, कन्वीनर, पटना यूनिवर्सिटी डेमोक्रेटिक टीचर्स फोरम