हर शख्स जंग लड़ कर परेशान

Road and footpathके सबसे बड़े दुश्मन भी यही हैं। General shops पर तो फिर भी customers दो-चार मिनट में अपना काम कर लेते हैं, पर किसी  food zone के आगे गाड़ी लगने का मतलब है कि आधे या एक घंटे के लिए traffic की ऐसी की तैसी। यही वजह है कि हर शाम यहां से गुजरने वाला हर शख्स जंग लड़ कर परेशान हाल अपने घर पहुंच पाता है।

फैसिलिटीज नहीं मिल पा रही

अपने शहर में जिस तेजी से खाने वाले बढ़ रहे हैं, उसी अंदाज में 'खिलाने' वाले भी डेवलप कर रहे हैं। पर, अफसोस उस लिहाज से पटनाइट्स को फैसिलिटीज नहीं मिल पा रही हैं। पिछले कुछ दिनों में बोरिंग रोड से पानी टंकी तक कई रेस्टोरेंट खुले हैं, लेकिन बिना पार्किंग एरिया के। आपको अगर बोरिंग रोड चौराहा से पानी टंकी की तरफ जाना हो या फिर उधर से आना हो, तो बिना जाम में फंसे कोई उपाय नहीं है।

दोनों तरफ एक दर्जन के अधिक रेस्टोरेंट

इस जाम की मेन वजह इस रोड में खुले रेस्टारेंट व बार हैं। इस सड़क के दोनों तरफ मिलाकर एक दर्जन के अधिक रेस्टोरेंट हैं। इनमें से सिर्फ एक-दो के पास ही पार्किंग की व्यवस्था है। जहां है भी, वहां का पार्किंग प्लेस सिर्फ दिखाने के लिए है। रेस्टोरेंट में जितनी कुर्सियां हैं, उस हिसाब से पार्किंग के नाम पर कुछ भी नहीं है। पानी टंकी के पास पुराने रेस्टोरेंट रोटी के पास पार्किंग प्लेस तो है, पर शाम में पूरा भर जाता है, बाकी गाडिय़ां सड़क पर लगी रहती हैं। वरुण विहार और ओएसिस के पास भी पार्किंग एरिया के नाम पर चंद प्लेस मौजूद हैं, पर प्रोपर पार्किंग न होने की वजह से इन एरिया के सड़कों की हालत खराब रहती है। वहीं, अभी-अभी खुले टिक्की वाला, बिरयानीज, साउथ इंडियन रेस्टोरेंट अप्पम के पास तो पार्किंग के नाम पर कुछ भी नहीं है।

अंदर मजा, तो बाहर जबर्दस्त परेशानी

बोरिंग रोड में रेस्टोरेंट के कारण शाम और रात में, तो स्वीट्स होम के बाहर दिनभर गाडिय़ां सड़क पर पार्क होती हैं। एक तरफ लोग एसी में अपनी मनपसंद जायके को इंज्वॉय करते हैं, तो दूसरी ओर सड़क पार्किंग करते वक्त पसीने छूट जाते हैं। पानी टंकी से बोरिंग रोड चौराहे तक ट्रैफिक पुलिस भी मुस्तैद रहती है, बावजूद इसके सड़क पर गाडिय़ां लगी रहती हैं और कोई देखने वाला नहीं है।

निगम भी आंख मूंदकर कर दिया पास

ताज्जुब की बात तो यह है कि बोरिंग रोड में निगम की ओर से ही सारे रेस्टोरेंट पास हुए हैं, पर पार्किंग को लेकर कोई भी नियम-कानून अप्लाई नहीं होता है। बोरिंग रोड के राकेश कुमार कहते हैं कि हर दिन जाम की प्रॉब्लम बढ़ती ही जा रही है। अगर निगम पहले ही इन्हें बिना पार्किंग की परमिशन नहीं देता, तो शायद इतनी प्रॉब्लम नहीं आती। उधर, निगम के ऑफिसर्स इस मसले पर जांच और चेक करने की बात कहकर चुप्पी साध लेते हैं। नतीजतन, डेली पचास हजार से अधिक लोग बोरिंग रोड के इस जाम में फंसते हैं।

बीस नए रेस्टोरेंट का प्रपोजल

वर्तमान में लगभग एक दर्जन रेस्टोरेंट के कारण इस एरिया में हमेशा जाम लगा रहता है। हालांकि पॉश एरिया के कारण बिजनेसमैन इस एरिया पर अपनी नजर टिकाए हुए हैं। रिटेल कंसलटेंट अजय की मानें, तो अभी बीस नए रेस्टोरेंट के लिए 2000 एस्क्वायर फीट की जमीन लेने के लिए कुछ भी रेट देने को तैयार हैं। जाहिर है कि नए रेस्टोरेंट के लिए भी पार्किंग नहीं के बराबर ही होगा।

कम कर सकते हैं परेशानी

फिलहाल पार्किंग को लेकर नगर विकास विभाग और नगर निगम की ओर से कोई सख्त कानून नहीं है। लिहाजा, बेतरतीब व्यवस्था के बीच ही हर किसी को चलना पड़ता है। ऐसे में अगर पटनाइट्स खुद संभल कर चलें, तो दूसरों को परेशानी कम आएगी। बिना पार्किंग प्लेस वाले रेस्टोरेंट में न जाएं, गाड़ी में ड्राइवर को छोड़ दें, रेस्टोरेंट कर्मियों को बता दें प्रॉब्लम होने पर फौरन बता देने, आसपास कोई पार्किंग प्लेस है, तो वहां जाकर गाड़ी पार्क कर लें। इस तरह अगर ध्यान रखा जाए, तो जाम से बच सकते हैं।

इस एरिया के रेस्टोरेंट्स

ओएसिस

निर्वाणा

फूड कोर्ट

अप्पम

केंट्स फास्ट फूड

वरुण विहार

विदालिया

नॉनवेज किंग

1/6 एरिया हो पार्किंग स्पेस

बिल्डिंग बायलॉज के रूल्स 23 और पार्किंग एंड लोडिंग के सब रूल्स 23.2 के हिसाब से नन रेसिडेंशियल एरिया के डेवलपमेंट में पार्किंग का खासा ख्याल रखना होता है। इसके तहत कुल कारपेट एरिया का वन बाई सिक्स पार्किंग स्पेस होना चाहिए। अगर इससे कम स्पेस है तो फिर निगम उसे कंस्ट्रक्शन करने नहीं देगा। उस कारपेट एरिया में आप कोई भी वर्क करें, उससे निगम को कुछ भी लेना देना नहीं रहता है।

कचरे के लिए NOC

यही नहीं बिल्डिंग बायलॉज के रूल्स 342 के सेक्शन 30 के सब सेक्शन 6 में जिक्र है कि किसी भी तरह के होटल या रेस्टोरेंट को इसके तहत एनओसी की दरकार पड़ती है। इसके बिना आप होटल या रेस्टोरेंट का कचरा यूं ही डंप नहीं कर सकते हैं। जिस सर्किल एरिया में होटल या रेस्टोरेंट तैयार होता है उसके सर्किल ऑफिसर से एनओसी लेना पड़ता है। तभी कंस्ट्रक्शन प्रॉपर तरीके से होता है।

वेस्ट को लेकर रेस्टोरेंट या होटल वालों में से कुछ ने एनओसी ली है। एक-दो को छोड़कर कइयों के पास पार्किंग स्पेस नहीं है। बोरिंग रोड एरिया में अमूमन गाडिय़ां सड़कों पर ही लगी रहती हैं। कई बार एनाउंसमेंट करवाया गया है। अगर बिना पार्किंग स्पेस के कोई नन रेसिडेंशियल डेवलपमेंट करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

शशांक शेखर सिन्हा

प्रभारी अपर निगम आयुक्त।

ट्रैफिक पुलिस अपने हिसाब से हर जगह जाम को हटाने के लिए तत्पर रहती है। पब्लिक को भी समझनी चाहिए कि उनकी लापरवाही से दूसरे को परेशानी होती है। एएन कॉलेज से लेकर पूरे बोरिंग रोड एरिया में जाम की प्राब्लम काफी रहती है। इसलिए दोनों चौराहे से लेकर हर जगह ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था करायी जाती है।

एनएम झा

ट्रैफिक डीएसपी.