- सफल ऑपरेशन के बाद निकला गया साढे़ चार इंच लंबा चाकू और पेन

-बेतिया का रहने वाला संत कुमार मानसिक रूप से है कमजोर

<- सफल ऑपरेशन के बाद निकला गया साढे़ चार इंच लंबा चाकू और पेन

-बेतिया का रहने वाला संत कुमार मानसिक रूप से है कमजोर

PATNA:

PATNA: पीएमसीएच में 35 साल के व्यक्ति के पेट से एक चाकू और दो कलम ऑपरेशन के बाद निकाला गया। पेशेंट संत कुमार बेतिया जिला का रहने वाला है। उसकी मां के मुताबिक वह मानसिक रूप से कमजोर है। उसने कब चाकू निगल लिया, पता नहीं। जब कुछ दिनों पहले रह-रहकर पेट में दर्द उठने लगा, तो उसे पास के एक डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने एक्स-रे व अन्य टेस्ट के बाद बताया कि उसके पेट में चाकू और दो कलम है, तो वहां इसे लेकर यहां चली आयी। ऑपरेशन के बाद वह ठीक है।

आठ महीने से था पेट में चाकू

बुधवार को पीएमसीएच के ओटी नंबर तीन में पेशेंट संत कुमार को ऑपरेट करने वाले डॉक्टरों की मानें तो चाकू 20 अक्टूबर, 2013 को ही वह निगल लिया था, लेकिन फोल्डिंग चाकू होने के कारण आंत को रप्चर नहीं कर पाया। ऑपरेशन के दौरान उसके बड़े आंत से साढ़े चार इंच लंबा चाकू निकाला गया, जबकि छोटी आंत <पीएमसीएच में फ्भ् साल के व्यक्ति के पेट से एक चाकू और दो कलम ऑपरेशन के बाद निकाला गया। पेशेंट संत कुमार बेतिया जिला का रहने वाला है। उसकी मां के मुताबिक वह मानसिक रूप से कमजोर है। उसने कब चाकू निगल लिया, पता नहीं। जब कुछ दिनों पहले रह-रहकर पेट में दर्द उठने लगा, तो उसे पास के एक डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने एक्स-रे व अन्य टेस्ट के बाद बताया कि उसके पेट में चाकू और दो कलम है, तो वहां इसे लेकर यहां चली आयी। ऑपरेशन के बाद वह ठीक है।

आठ महीने से था पेट में चाकू

बुधवार को पीएमसीएच के ओटी नंबर तीन में पेशेंट संत कुमार को ऑपरेट करने वाले डॉक्टरों की मानें तो चाकू ख्0 अक्टूबर, ख्0क्फ् को ही वह निगल लिया था, लेकिन फोल्डिंग चाकू होने के कारण आंत को रप्चर नहीं कर पाया। ऑपरेशन के दौरान उसके बड़े आंत से साढ़े चार इंच लंबा चाकू निकाला गया, जबकि छोटी आंत ((डूओडेनम <डूओडेनम ))से छह इंच का कलम निकाला गया। डॉक्टरों का दावा है कि यह एक रेयर केस था, क्योंकि पेन का प्वांइट वॉल को हिट कर सकता था।

किसी तरह होता है जीवन-यापन

उसकी मां ने बताया कि घर में न नल है और न ही सेफ्टिक टॉयलेट। छत भी टूटी है। संत के पिता की मौत करीब ख्0 साल पहले ही हो चुकी है। मैं आस-पास के घरों में छोटा-मोटा काम कर अपना और अपने इस इकलौते बेटे का पेट पालती हूं। पड़ोस के लोगों से थोड़ी मदद मिल जाती है।

पढ़ा-लिखा है, लेकिन

संत पढ़ा-लिखा है। नौंवी तक पास है, लेकिन मैट्रिक फेल है। वह जन्म से मानसिक रूप से कमजोर नहीं है लेकिन पिता की मौत के बाद उसके बिहेवियर में निगेटिव चेंज आने लगा। वह अनइम्पलाइड है। इस बारे में आई नेक्स्ट ने सुपरिटेंडेंट डॉ लखींद्र प्रसाद से बात की। उन्होंने कहा कि ऐसे केस में अगर पेशेंट के साथ कोई व्यक्ति साइकेट्री डिपार्टमेंट के आउटडोर में कंसल्ट कर सकता है। संबंधित डॉक्टर इस बारे में एडवाइस देंगे।

क्ख् दिन बाद हुआ ऑपरेशन

पेशेंट को क्9 जून को ही बेतिया से पीएमसीएच एडमिट किया गया था। इस बीच, उसका प्रिलिमनरी टेस्ट किया गया। इसके साथ ही उसकी कंडिशन को देखते हुए बुधवार मार्निग में ऑपरेट किया गया। इसमें सर्जिकल डिपार्टमेंट के डॉ उमा शंकर की यूनिट व उनकी टीम शामिल थी।