- 20 साल बाद एक साथ ली चाय की चुस्की और गले मिले लालू-नीतीश

- लालू-नीतीश की पहली संयुक्त सभा हाजीपुर में

- रामविलास पासवान को लालू प्रसाद ने कहा मौसम वैज्ञानिक

- नीतीश कुमार ने कहा पहले कांग्रेस से खतरा अब दूसरे से

PATNA : ख्0 साल बाद बिहार में राजनीति के महाभारत का पहिया ऐसे घूमा कि राजनीति के दो बड़े दुश्मनों ने गले मिलकर कॉमन दुश्मन बीजेपी से लोहा लेने का संकल्प लिया। कैसी मजबूरी होगी इसका अंदाजा ही सिर्फ लगाया जा सकता है। दोनों ने जब-जब मौका मिला एक दूसरे को जड़ से उखाड़ने का मौका नहीं गंवाया, लेकिन नरेन्द्र मोदी की फौज से लड़ने के लिए महागठंधन की सेना चाहिए। दोनों ने इस बंधन के साथ विधानसभा उपचुनाव में जीत दिलाने का आग्रह जनता से किया।

चाय की चुस्की और गला मिलन

हाजीपुर के मंच पर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने चाय की सार्वजनिक रूप से चुस्की दिनों बाद एक साथ ली। इसके पहले गले मिले। दिल जोड़े। चाय की ये चुस्की बीजेपी को कितनी भारी पड़ेगी इसको तौलने का काम बीजेपी के भीतर भी इसी के साथ शुरू हो गया है। लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को एक होना भी था। दोनों के पास विकल्प भी नहीं थे। दोनों एक मोड़ पर खड़े थे।

लालू ने परिवार में शामिल किया नीतीश को

लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के बारे में अपने कार्यकर्ताओं को समझाया कि नीतीश कुमार गैर नहीं, हमारे परिवार के ही सदस्य हैं। तो समझिए कि इस तरह से लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को अपने परिवार में शामिल किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष कहते हैं कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद की गोद में चले गए हैं। बताइए तो बड़ा भाई छोटा भाई की गोद में नहीं जाएगा तो उनकी गोद में जाएगा।

मौसम वैज्ञानिक से बचकर रहिए

हाजीपुर के एमपी और सेंट्रल फूड मिनिस्टर रामविलास पासवान को लालू प्रसाद ने इसरो का मौसम वैज्ञानिक घोषित किया। उनका इशारा इस ओर था कि रामविलास पासवान राजनीति का मौसम पहले भांप गए थे और इसलिए नरेन्द्र मोदी के साथ चले गए थे।

टमाटर लाल हो गया

टमाटर लाल हो गया यानी उसकी कीमत आसमान पहुंच गई। लालू प्रसाद ने बीजेपी के शासन को महंगाई बढ़ाने वाला कहा। कहा सब कुछ महंगा हो गया इ सरकार में

कैसे बनेगा बेटा-बेटी डीएम एसपी

लालू प्रसाद ने सी-सैट पर भी हमला बोला कहा कि सी सैट से जानबूझकर बिहार के लोगों को बाहर कर दिया गया है। सवालिया लहजे में कहा कि अब बताओ तुम्हारा बेटा-बेटी कैसे डीएम और एसपी बनेगा। कहा कि सी-सैट का विरोध करने पर ढेरों को पीटा गया।

बिहार पुलिस अलबेला

कल तक बिहार पुलिस को कोसने वाले लालू प्रसाद अब बिहार पुलिस का भी गुणगान करने लगे। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह के यहां से करोड़ रुपए मिले। बिहार की पुलिस अलबेला है।

आजादी की लड़ाई में उनका कोई योगदान नहीं

बीजेपी पर निशाना साधने के क्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि देश गलत हाथों में चला गया है। आजादी की लड़ाई में उनका कोई योगदान नहीं है। उन लोगों ने तो गांधी के आदर्शो को चकनाचूर किया। हमेशा समाज को धर्म के नाम पर उन्माद पैदा करने की कोशिश की। कुछ लोगों पर सत्ता का नशा चढ़ गया है और इतने कम वोट परसेंट पर कभी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी है। सरकार चलाना आसन है पर देश चलाना कठिन।

ये महंगाई पर काबू नहीं करेंगे

जो नीतीश कुमार कांग्रेस की महंगाई डायन के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करने के लिए उतरे थे। बिहार को बंद कराया था। वही नीतीश कुमार के सुर पूरी तरह से बदल गए हैं। महंगाई के लिए वे अब कांग्रेस को कोसने के बजाय बीजेपी को कोस रहे हैं। कहा कि ये महंगाई पर काबू नहीं करेंगे।

तब कांग्रेस से खतरा था अब

समय के साथ नीतीश कुमार की राजनीति भी बदल गई है। उन्होंने याद दिलाया कि लोहिया ने गैर कांग्रेसवाद की नीति अपनाई। इससे 9 राज्यों में कांग्रेस हार गई। उस समय कांग्रेस से खतरा था अब उससे खतरा है जिसका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं है। अब तो पूरे देश का भगवाकरण किया जा रहा है।

कैसे दोनों एक थे, फिर अलग हुए

लालू प्रसाद 90 में सीएम बने। तब जनता दल था। नीतीश कुमार एमपी थे। जनता दल में थे। डिफरेंस शुरू हुआ म् दिसंबर, 9ख् को जब बाबरी मस्जिद टूटी। जनवरी, 9फ् में लालू प्रसाद ने गांधी मैदान में रैली बुलाई। इसमें देशभर से एंटी बीजेपी बड़े नेता पहुंचे। विशाल रैली थी। मंच पर नीतीश कुमार के लिए स्थान चिह्नित नहीं था। वे अन्य स्थान पर बैठ कर भाषण सुनते रहे। वहीं से शुरुआत हुई अलग होने की कहानी। क्ख् फरवरी, 9ब् को नीतीश कुमार ने चेतना रैली की। जून, क्99ब् को जॉर्ज फर्नाडिस के नेतृत्व में क्ब् एमपी जनता दल से टूटे और जनता दल जॉर्ज बना। इलेक्शन कमीशन ने कहा जनता दल (ज) नाम बदलिए। क्9 अक्टूबर क्99ब् को समता पार्टी बनी। गांधी मैदान की रैली में समता पार्टी बनी। समता पार्टी ने भाकपा माले से समझौता कर लालू के खिलाफ 9भ् में विधानसभा चुनाव लड़ा। समता पार्टी 7 सीटें जीत पाई। क्99म् में बीजेपी से समता पार्टी का समझौता हुआ। समता में टूट हुई तो कुछ नेता बीजपी के विरोध में निकले। 9म् में लोकसभा चुनाव हुआ। लालू प्रसाद से लड़ाई जारी रही। बीजेपी के समर्थन से नीतीश कुमार आगे बढ़ते रहे। ख्000 के विधानसभा इलेक्शन में नीतीश खासतौर से सीपीआई और बीजेपी गठबंधन में क्फ् दिन के लिए सीएम रहे, लेकिन बहुमत नहीं जुट पाया और सरकार गिर गई। कांग्रेस के समर्थन से राबड़ी सरकार बनी। लालू 9म् में चारा घोटाले में अरेस्ट हो गए। मार्च ख्00भ् में प्रेसीडेंट रूल लागू हुआ। नवंबर ख्00भ् में नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिला।

बिहार विनाश का कारण मानते थे जिसे उससे गलबहियां

लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के मेल को बीजेपी ने बिहार की जनता के साथ छलावा व धोखा कहा है। बीजेपी के स्टेट प्रेसीडेंट मंगल पांडेय ने कहा कि समता पार्टी की नींव डाली गई थी लालू प्रसाद के खिलाफ। ख्0 वर्षो तक जिस लालू प्रसाद को नीतीश कुमार कोसते रहे और बिहार की बर्बादी के लिए आरजेडी और लालू प्रसाद को मानते रहे, अब गलबहियां कर रहे हैं। ये बड़ा मजाक है। या तो नीतीश कुमार पहले झूठ बोल रहे थे या फिर अब जनता को छल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू नीतीश के एक होने से बीजेपी की जीत आसान होगी।

- मंगल पांडेय, स्टेट प्रेसीडेंट, बीजेपी