मारपीट के बाद हुआ क्लियर
डाकबंगला से लेकर गांधी मैदान, बेली रोड, जंक्शन गोलंबर, जीपीओ सहित तमाम मेन और लिंक रोड थम गए। ओवर ब्रिज पर गाड़ी घंटों फंसी रहीं। पुलिस और कर्मचारी के बीच की झड़प इतनी बढ़ गयी कि इसमें आम पब्लिक तक भी फंसती चली गयी। डाकबंगला के आसपास की दुकानों का शटर गिरा दिया गया। अफरा-तफरी के बीच पथराव ने ऐसा रुप ले लिया कि जो जहां था, वहीं से जान बचाकर भागने लगा। इस दौरान चार पुलिस कर्मी और एक दर्जन से अधिक लोगों के सर फट गए। बिहार राज्य संख्याकी कर्मचारी संघ की ओर से आर ब्लॉक सहित शहर के विभिन्न जगहों से होकर प्रदर्शन निकाला जा रहा था। इस दौरान गांधी मैदान से रैली निकाल कर विधानसभा के घेराव का प्लैन भी था। रैली में संघ के हजारों कर्मचारी थे, जो स्थायी नौकरी और अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी के बीच पुतला दहन के दौरान अनबन हो गयी। पहले पुलिस वाले पर फिर पुलिस वाले ने प्रदर्शनकारी पर जमकर लाठी चार्ज किया। इस दौरान पूरे चौराहे पर अफरा-तफरी मची रहीं।

 

 रोक दिया गया ट्रेफिक

लाठीचार्ज की वजह से कोतवाली के पास ही पूरे ट्रैफिक को ब्लॉक कर दिया था। कोतवाली के अलावा शहर के दो दर्जन से अधिक एरिया के ट्रैफिक को जहां-तहां ब्लॉक कर देने से पटनाइट्स को चार घंटे तक जाम में फंसना पड़ गया।