लेखक जियालाल आर्य की लेखन शैली मोहित करती है। उनका उपन्यास सफेद चादर एक ऐसी रचना है, जिसे पढऩा आरंभ करने के बाद समाप्त किए बिना छोडऩे का मन नहीं करता। समाज को केंद्र में रखकर अनेक उपन्यास लिखे गए हैं, किंतु आर्य का यह उपन्यास हिन्दी साहित्य में विशेष महत्व रखता है। यह बातें रविवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में बिहार के पूर्व गृह सचिव और वरिष्ठ लेखक जियालाल आर्य के उपन्यास सफेद चादर का लोकार्पण करते हुए बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहीं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सम्मेलन अध्यक्ष डा। अनिल सुलभ ने कहा कि लोकार्पित पुस्तक के लेखक एक संवेदनशील और गहन सामाजिक-दृष्टि रखने वाले रचनाकार हैं। सफेद चादर में इनकी लोक-चेतना और जीवन के अनेक मूल्यों को अभिव्यक्ति मिली है। समारोह के विशिष्ट अतिथि और दूरदर्शन बिहार के कार्यक्रम-प्रमुख डॉ। राज कुमार नाहर, सम्मेलन के उपाध्यक्ष डॉ। शंकर प्रसाद, डॉ। मधु वर्मा, डॉॅ। ध्रुव कुमार तथा डॉ। मनोज गोवर्द्धनपुरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।