पटना (ब्यूरो)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विश्वेश्वरैया भवन में लगी भीषण आग को देखकर कहा कि मैंने अगलगी की ऐसी घटना नहीं देखी । उधर, फायर डीजी शोभा अहोतकर ने भी इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न उठाया दी । लेकिन यह बात यहीं खत्म नहीं हो रही है। राजधानी में कई विभागों की ऊंची- ऊंची इमारतें हैं। तय मानकों के अनुसार इमारतों में फायर फ्रूफ उपकरण लगाना अनिवार्य है। बावजूद इसके राजधानी पटना के कई बड़े सरकारी बिल्डिंग में फायर फ्रूफ की समुचित व्यवस्था नहीं है। यह कोई स्टेटमेंट नहीं बल्कि सच्चाई है जिसे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने खुद देखा और मौके के हाल भी यही बयां कर रहे हैं। इसके लिए बेली रोड समेत अन्य जगहों पर मौजूद अन्य सरकारी बिल्डिंग का विजिट किया। इन तीन बिल्डिंग में से एक टेक्नोलॉजी भवन की बिल्डिंग की ग्राउंड फ्लोर पर ही अग्नि शामक को एक कमरे नुमा जगह में ताला से जड़ दिया गया है। पेश है रिपोर्ट।

लोगों को नहीं है जानकारी
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने टेक्नोलॉजी भवन में मौजूद कर्मचारियों से बातचीत में यह जानने का प्रयास किया कि क्या वे अग्निशामक यंत्र का प्रयोग आपात स्थिति में करने के लिए जानकारी रखते हैं, तो पता चला कि नहीं, वे नहीं जानते हैं। कई लोगों को तो यह भी पता नहीं था कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अग्नि शामक यंत्र रखा गया है।
मैन्यूफैक्चरिंग डेट भी पुरानी
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, विकाश भवन (नया) में अग्निशमन इक्यूपमेंट हर फ्लोर पर लगे दिखे लेकिन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में लगे अग्नि सामन यंत्र 2019 का मैन्यूफैक्चर दिखा। इस अग्निशामक यंत्र पर यह अंकित था कि इसे एक साल में रिफीलिंग करना है। इसमें यह भी दिखा कि अग्निशामक यंत्र पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखा था। विकास भवन, नया सचिवालय का जायजा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने ली। यह पाया कि वहां कई विभाग के ऑफिस है। उप मुख्यमंत्री से लेकर मद्यनिषेध विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के अलावा बहुत सारे विभाग का ऑफिस है। सरकार के सभी विभागों के सचिव का यहां कार्यालय है। सभी विभाग के ऑफिस के आगे अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं लेकिन सभी के मैन्यूफैक्चरिंग डेट 2018 है। लास्ट रिफाइलिंग डेट लिखा हुआ नहीं पाया गया।

महालेखाकार भवन का हाल खास्ता
बिहार सरकार के कुछ सरकारी कार्यालयों की पड़ताल की। इस पड़ताल में कई तरह की खामियां उजागर हुई है। सबसे पहले दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम पटना के महालेखाकार भवन पहुंची, जहां पर अगलगी की घटना से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड की जो सुविधा होनी चाहिए वह तो वहां पर मौजूद है परंतु उसकी देखभाल और साफ सफाई करने वाला कोई नहीं है। फायर ब्रिगेड के इक्यूपमेंट की कई महीनों से सफाई नहीं की गई है। ऐसे में अगर आग लगने की घटना घटित होती है तो कैसे तुरंत आग पर काबू पाया जा सकेगा।

परिवहन विभाग में नहीं था अग्नि शामक यंत्र
महालेखाकर भवन के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सरकारी कार्यालयों में लगे इक्यूपमेंट की जांच करने परिवहन विभाग के कार्यालय पहुंचा। यह हेरिटेज के रूप में घोषित किया गया है। यहां पर परिवहन विभाग के कई आला अधिकारी बैठते हैं। इसके बावजूद भी वहां पर एक भी फायर सेफ्टी के इक्यूपमेंट नहीं थे। तैनात गार्ड और कर्मचारियों ने बताया कि फायर ब्रिगेड से संबंधित यंत्र यहां पर मौजूद नहीं है।

विकास भवन में दिखी लापरवाही
इसे नया सचिवालय के नाम से जाना जाता है। वहां पर दर्जनों सरकारी विभाग के कार्यालय स्थापित है और दर्जनों मंत्री और उपमुख्यमंत्री तक बैठते हैं। पड़ताल के क्रम में जब हम विकास भवन स्थित उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के कार्यालय के कॉरिडोर में पहुंचे तो वहां एक भी फायर ब्रिगेड के उपकरण नहीं देखे थे। हालांकि विकास भवन में बने कुछ सरकारी कार्यालय जिसे नए रूप में बनाया गया है। वहां पर जरूर फायर ब्रिगेड के सामग्री को लगाया गया है।