पटना(ब्यूरो)। पटना में चैम्बर की सफाई का तरीका एक लंबे अर्से से एक जैसा ही है। दमघोंटू गैस चैम्बर में बिना किसी सेफ्टी के चैम्बर में उतर मजदूर नाले की सफाई करता है। इससे निजात दिलाने के लिए पटना में एक रोबोट मशीन का ट्रायल किया गया था। इसका नाम है - बैंडीकूट। यह बात फरवरी, 2021 की है। तब पटना नगर निगम में इस बात को लेकर बड़ा जोश था और निगम प्रशासन ने खुद कहा था कि इसका ट्रायल सफर रहा तो और रोबोट मंगाए जाएंगे। लेकिन सब बातें हवा -हवाई रह गई। कुछ भी आगे नहीं हुआ। फिलहाल रोबोट कहीं निगम के कमरे में बंद है और चैम्बर में मजदूर नारकीय स्थिति में उतर रहे हैं।

ये खासियत थी रोबोट की
बैंडीकूट रोबोट का निर्माण त्रिवेंद्रम की एक कंपनी द्वारा किया गया था। पटना में इसका ट्रायल सफल रहा था। रोबोट मशीन में चार कैमरे लगे हुए थे। ये 20 मिनट में एक मैनहाल की सफाई करने में सक्षम था। जबकि मैनुअली सफाई में यह चार से पंाच घंटे तक का समय लग जाता था। यह एक बार में 16 किलो कचरा निकालने लायक था। इंदौर और सूरत सहित अन्य शहरों में रोबोट से मैनहोल की सफाई हो रही है। मैनहोल के अंदर रोबोट प्रवेश करने पर स्क्रीन पर देखकर संचालित होगा। चार नाइट विजन कैमरा से यह लैस है। यही वजह है कि नाला में यदि अंधेरा भी होगा तो यह रोबोट स्क्रीन पर कचरा दिखा देता है।

मकसद रह गया अधूरा
39 लाख की लागत से यह मशीन जानकारी हो कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने सीएसआर फंड से पटना नगर निगम को बैंडीकूट रोबोट दिया था। मकसद था कि पटना शहर में चैम्बर की सफाई को सेफ और एडवांस बनाना। हालांकि अभी यह बात केवल पुरानी बात ही रह गई है। अभी रोबोट वाले विषय पर निगम का कोई ध्यान नहीं है। इतनी महंगी रोबोट अब किस हाल में और कहां रखी पड़ी है, इस बारे में निगम की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। लेकिन इतना तय है कि सफाई कर्मियों की सुरक्षा की समस्या और चैम्बर की आधुनिक तरीके से सफाई पर निगम का ध्यान नहीं है।

अभी चल रहा है काम
जहां एक ओर बड़े नालों की सफाई का काम शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया है, वहीं अलग-अलग वार्ड में चैम्बर की सफाई का काम अभी जारी है। निगम के मुताबिक करीब 70 प्रतिशत तक काम कर लिया गया है। बचे हुए काम में भी तेजी लाई जा रही है। इसे पूरा करने के लिए मैनुअली सफाई की जा रही है।

हो चुके हैं कई हादसे
यह बात स्पष्ट है कि यह पटना नगर निगम की लापरवाही है, क्योंकि कई हादसे हो चुके है जिसमें लोग चैम्बर में उतरने और वहां गहराई में जाने के क्रम में दम घूंट जाने के कारण काल के गाल में समां गए। हाल ही में बाइपास स्थिति जकरियापुर इलाके में चैम्बर की सफाई के दौरान सफाई कर रहे दो युवकों की मौत हो गई। यह ताजा मामला रहा। इससे पहले भी दर्जनों ऐसे मामले हो चुके हैं जिस पर दु:ख व्यक्त करने के अलावा निगम के पास कोई ठोस प्रतिउत्तर नहीं रहा। निगम चैम्बर की सफाई को गंभीरता से नहीं ले रहा है।