केस वन :- रोज मैसेज कर मुझसे किया दोस्ती

मैं लड़कों पर विश्वास नहीं करती थी, लेकिन पता नहीं इस लड़के के चक्कर में कैसे आ गई। मुझे ये भी पता नहीं कि उसेमेरा नंबर कैसे मिला। हर दिन मुझे 25 से 30 मैसेज करता था। कुछ ऐसी बातें कही कि मैं उस पर अंधे की तरह विश्वास करने लगी। हमारे बीच अच्छी दोस्ती हो गई। दोस्ती जल्द ही प्यार और शादी के वादे तक पहुंच गई। लेकिन उसका काम निकल जाने के बाद अब वो मुझे देखता तक नहीं। उसने अपना मोबाइल नंबर चेंज कर लिया है। उसने मुझे बर्बाद कर दिया।

माधुरी, (बदला हुआ नाम) राजेन्द्र नगर की रहने वाली, कंप्यूटर कोर्स कर रही है।

केस टू :- प्लीज मैडम मुझे बचा लीजिए

मैं उसके बिना नहीं रह सकती। वो मुझे बार-बार मर जाने को भी कहता है। उसने मुझसे जबरदस्ती मैसेज करके दोस्ती की। फिर प्यार के झांसे भी देने लगा। मैं रात के 10 बजे तक उसके साथ रहती थी। साथ में हमेशा घूमने भी जाती थी। फ्रेजर रोड स्थित एक कंपनी में वो काम करता है। इधर कई दिनों से मिलने भी नहीं आया है। फोन भी रिसीव नहीं करता हैं। मैंने कई दिन ब्लेड से अपनी नस भी काट लिया। प्लीज मैडम मुझे बचा लीजिए। फैमिली वालों से कुछ नहीं बोल पाती हूं।

कामिनी (बदला हुआ नाम), महेन्द्रू, कॉलेज की स्टूडेंट है।

केस थ्री :- उससे मेरी शादी करवा दीजिए

अगर मेरी शादी उससे नहीं हुई तो सुसाइड कर लूंगी। मैं उसके बिना नहीं रह सकती। अभी बंगलुरू के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मेरा एडमिशन हो गया है। मैं वहां चली जाऊंगी लेकिन उससे पहले उसे पाना चाहती हूं। वो मुझसे दूर भागता है। दो साल पहले उसने दोस्ती की। वो मेरे भाई का दोस्त है। घर आना जाना था। दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। जब काम निकल गया, तो पीछा छुड़ाने लगा। मैं उससे शादी करना चाहती हूं। फैमिली से बोल नहीं पा रही हूं। डर लगता है।

रागिनी, (बदला हुआ नाम) कंकड़बाग, बंगलुरू में इंजीनियरिंग कॉलेज में कंपीट की है।

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मैसेज, फ्रेंडशिप, लव, रिलेशन और फिर धोखा, कुछ इसी के नाम रहा बुधवार का पूरा दिन। लड़कियां आती रहीं और अपनी प्राब्लम शेयर करती रहीं। वीमेन हेल्प लाइन में बुधवार को पूरे दिन कुछ ऐसा ही माहौल बना रहा। एक लड़की जाती और दूसरी आती। कई तो फोन पर ही अपनी कंप्लेन दर्ज करवा रही थी। किसी की कंप्लेन ब्वायफ्रेंड से वादा तोडऩे की थी तो किसी को रिलेशन बचाने की चिंता थी। एक दिन में इतने केस आने से हेल्प लाइन भी परेशान था।

दिन भर चली काउंसलिंग

कोई रो रही थी तो कोई ब्लेड से हाथ की नस को कटा हुआ दिखा रही थी। कोई घर वापस नहीं जाने की बातें दुहरा रही थी तो कोई ब्वायफ्रेंड से मिलवाने की जिद कर रही थी। हर किसी की अपनी परेशानी। वहीं हेल्प लाइन की ओर से उनकी काउंसलिंग की जा रही थी। लड़कियों को समझाया जा रहा था। हेल्प लाइन की सरिता सजल ने बताया कि आए दिन इस तरह की घटना वाले केस आते हैं, लेकिन आज कुछ अधिक आ गए।

लड़कों को बुलाया गया

लड़कियों की कहानी सुन कर लड़कों का कांटैक्ट नंबर लेकर उसे काउंसलिंग के लिए बुलाया गया है। हेल्प लाइन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रमिला ने बताया कि एक दिन में इस तरह के कई केस आए हैं। इसको लेकर हमलोग सीरियस हैं। हमने उन लड़कों से बात की है और उन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया है।

सोचिए फिर उठाइए कदम

- किसी अंजान लड़के से दोस्ती करने से पहले अच्छी तरह सोच लें।

- कोई भी अननोन मोबाइल नंबर को इंटरटेन नहीं करें।

- फोन पर किससे क्या बातें करें, यह ख्ुाद ही डिसाइड करें।

- अगर घटना घट ही जाए तो लाइफ को खत्म कर लेना सॉल्यूशन नहीं है।

- आपकी एक कदम से आपकी फैमिली पर क्या असर होगा, इसको जरूर एक बार सोच लें।

- अगर किसी ने आपको धोखा दिया है तो उसका सामना करना सीखें, ना कि जिंदगी खत्म करने के बारे में सोचें।

डा। पुष्पा सिंह, एचओडी, साइकोलॉजी, पटना वीमेंस कॉलेज

फैमिली से शेयर कीजिए

- किसी भी घटना की हर बात फैमिली से जरूर शेयर करें।

- जिसके ऊपर विश्वास हो, उससे अपनी हर प्राब्लम को शेयर करें।

- मन में कोई बात को छुपाकर नहीं रखें।

- सामने वाला आपकी इस कमजोरी का फायदा उठाए इससे पहले खुद को मजबूत करें।

- दिन का भूला, शाम को वापस लौटे तो उसे भूला नहीं कहते, इस बात का ध्यान रखें।

- किसी भी लड़के से अपना रिलेशन बढ़ाने से पहले फैमिली वालों से डिस्कस करें।

डा। रेणु रंजन, एचओडी, सोशियोलॉजी, मगध महिला कॉलेज।