पटना (ब्यूरो)।बिहार के पद्मश्री सम्मानित शिवन पासवान और शांति देवी का खादी मॉल पटना में आगमन हुआ पद्मश्री शांति देवी ने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी और चरखा के माध्यम से ग्रामीण आत्मनिर्भरता की ज्योति जलाई, वह ज्योति अभी भी विश्व के सभी विकासशील देशों के लिए अनुकरणीय है। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड,पटना के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने दोनों अतिथिगणों का अंग वस्त्र, फूल और बुके भेंट दे कर अभिवादन किया शांति देवी ने कहा कि मैं देश-विदेश में अपने बिहार की धरोहर मधुबनी पेंटिंग लेकर लोगों के बीच कई बार गई हूं। चार बार जापान (हासेगावा मिथिला आर्ट इंस्टिट्यूट) गई। उनकी मां मधुबनी पेंटिंग बनाकर अपने घर की दीवारों पर सजाती थी जिससे उन्होंने प्रेरित होकर मधुबनी चित्रकला करना शुरू किया.
वही पद्मश्री शिवन पासवान ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग हमारे देश की प्राचीनतम कला है। उन्होंने कहा कि यह कला काफी बारीक है। इस कला के माध्यम से ना सिफऱ् कलाकारों में कौशल का विकास होता है बल्कि इस कला की लोकप्रियता से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजग़ार की संभावनाएँ बढ़ रही है.