मैराथन में दौडऩे के लिए तैयार हो गए

सबको इंतजार था दानापुर रेल डिविजन द्वारा आयोजित 5 किलोमीटर मैराथन के फ्लैग ऑफ होने का। सुबह 5.30 बजे तक सैकड़ों लोग व्हाइट टीशर्ट पहनकर मैराथन में दौडऩे के लिए तैयार हो गए थे। फ्लैग ऑफ होते ही यह मैराथन शुरू हो गई।

उड़ा बैलून दौड़े लोग

ईस्ट सेंट्रल रेलवे के जीएम मधुरेश कुमार और डीआरएम एलएम झा ने जैसे ही बैलून उड़ाया लोग, शुरु हो गई मैराथन। कोई झूमते हुए निकला तो कोई उछलते-कूदते आगे बढ़ा। गल्र्स भी पीछे नहीं थी। कबड्डी स्टार प्लेयर नागालक्ष्मी से लेकर कविता तक मैराथन में पार्टिसिपेट कर रहीं थी। आम लोगों के साथ रेलवे के सैकड़ों इम्पलाई और ऑफिसर्स मैराथन में पार्टिसिपेट कर रहे थे। जीएम और डीआरएम ने भी दौड़ को पूरा किया। इस मौके पर विनर्स सहित अन्य पार्टिसिपेंट को सर्टिफिकेट डिस्ट्रीब्यूट किया गया।

अवेयरनेस के लिए किया आयोजन

रेलवे ने 'इंटरनेशन लेवल क्रासिंग डे' पर लोगों को अवेयर करने के लिए मैराथन का आयोजन किया था। इस मौके पर जीएम मधुरेश कुमार ने कहा कि रेलवे फाटक बंद होने के बावजूद लोग नीचे से जबरन ट्रैक क्रॉस करते हैं। इससे उनके जान को खतरा होता है। वहीं डीआरएम एलएम झा ने कहा कि जहां रेलवे फाटक नहीं है, वहां बिना देखे रेल ट्रैक क्रॉस करने से बड़ी संख्या में दुघर्टना हो रही है। लेकिन जरा सी सावधानी बरतने से लोग अपनी जान बचा सकते हैं।

मौत के फिगर्स शॉकिंग हैं

रेलवे क्रासिंग पर होने वाली मौत के फिगर्स शॉकिंग हैं। आंकड़े बताते हैं कि रोड पर 41 परसेंट एक्सीडेंट रेलवे क्रासिंग पर होती है। इसमें लोगों की लापरवाही बड़ा कारण है। रेलवे ट्रैक पार करते समय वे दोनों ओर नहीं देखते हैं। यहां थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो काफी लोगों की जान बचाई जा सकती है।

At a glance

* देश भर के टोटल रोड एक्सीडेंट में 41 परसेंट मामले रेलवे क्रासिंग पर होते हैं।

* देश भर के टोटल रोड एक्सीडेंट में 66 परसेंट मौत के मामले रेलवे क्रासिंग पर होते है।

* देश भर के टोटल रोड एक्सीडेंट में 33 परसेंट लोग रेलवे क्रासिंग पर होने वाले एक्सीडेंट में घायल होते हैं।

For your help

* रेलवे गुमटी पर बैरियर गिरा हो तो उसके खुलने का इंतजार करें।

* बंद रेलवे गुमटी के दोनों तरफ ट्रेन ना दिखे तो भी ट्रैक पार न करें। क्योंकि इलेक्ट्रीक ट्रेन की स्पीड अधिक होती है, पलक झपकते ही इसके चपेट में आ सकते हैं।

* ट्रेन गुजरने के बाद भी रुके रहें और बैरियर उठने का इंतजार करें। कभी-कभी दो ट्रेन एक साथ गुजरती है, इसमें एक के पार करने के बाद दूसरी ट्रेन आती है। उस वक्त ट्रैक पार करते समय इसके चपेट में आ सकते हैं।

* जहां भी रेलवे क्रासिंग पर बैरियर नहीं लगा हो, वहां दोनों तरफ देखने के बाद ही ट्रैक पार करें।

यह अवेयरनेस मैराथन है। हमें समझना चाहिए कि थोड़ी लापरवाही फैमिली पर कितना भारी पड़ सकती है। जीवन अनमोल है उसे थोड़ी हड़बड़ी के लिए खत्म नहीं करना चाहिए।

राकेश

 

मुझे दौडऩा अच्छा लगता है। हर दिन दौड़ता हूं आज लोगों को अवेयर करने के लिए दौड़ रहा हूं। इससे कुछ लोग भी अवेयर हुए तो मैं समझूंगा हमलोगों की मेहनत सफल हो गई।

धर्मेंद्र

सैकड़ों लोग रेलवे क्रासिंग पर एक्सीडेंट में भयानक मौत का शिकार हो जाते हैं। आखिर इतनी जल्दी क्यों? हमें इससे बचना चाहिए। अच्छा लगा कि मैं किसी अच्छे काम के लिए दौड़ रहा हूं।

विनोद यादव

लोगों को रेलवे क्रासिंग पर अवेयर रहने के लिए यह दौड़ आयोजित की गई है। रेलवे की यह पहल बहुत ही अच्छा है। ऐसा टाइम टू टाइम होना चाहिए, ताकि लोग अवेयर हों।

आधार राज

5 किमी मैराथन के विनर :

फस्र्ट : मिंशु कुमार, रेलवे स्कूल, खगौल।

सेकेंड : सुजीत कुमार सिंह, मेडिकल कॉलोनी, खगौल।

थर्ड : दीपक कुमार, सेंट्रल स्कूल, दानापुर।

फस्र्ट, सेकेंड व थर्ड को ट्रॉफी दी गई। इसके अलावा टॉप 50 को मेडल और 500 को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट दिया गया।