-टिप्पणी के बाद सत्तारूढ़ पक्ष भी सदन के बीच पहुंच गए
PATNA: विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की टिप्पणी से विवाद बढ़ गया। जब वह बोल रहे थे तो सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने टीका-टिप्पणी की। इसपर तेजस्वी ने अपनी अहमियत बताई। कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है, उप मुख्यमंत्री का पद नहीं। इसी बात पर भाजपा के संजय सरावगी एवं जनक सिंह सहित कई विधायक शोर-शराबा करने लगे। तेजस्वी ने आपत्ति की। कहा कि वे नियमसंगत बात कर रहे हैं। वह जब बोलने के लिए खड़े हुए हैं तो नियमत: उन्हें रोका नहीं जा सकता है। शोर-शराबा हो ही रहा था कि राजद के छोटेलाल राय के साथ कुछ अन्य विधायक बांहे चढ़ाकर संजय सरावगी और जनक सिंह की ओर बढ़े। तबतक दोनों पक्षों के कई विधायक सदन के बीच में आ गए थे। दूसरे को धमका रहे थे। कुछ विधायकों ने कांग्रेस के अजित शर्मा की माइक तोड़ने की कोशिश की। जनक सिंह अपनी ही माइक तोड़ने की कोशिश करते नजर आए। सरकार के मंत्री नीरज कुमार बब्लू और सुमित सिंह भी सदन के बीच में आ गए। इसी बीच अध्यक्ष ने साढ़े तीन बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी। उसके कुछ देर बात तक विधायक सदन के बीच में बहस करते नजर आए। दूसरी पाली की कार्यवाही 32 मिनट बाद ही करीब 58 मिनट के लिए स्थगित हो गई।
तेजस्वी यादव ने जताया खेद
तेजस्वी ने कहा कि वह नियमसंगत बातें रख रहे थे। अब भी कह रहे हैं कि उप मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं है। अगली कतार में बैठे नेता और मंत्री आसन को निर्देशित करते हैं। हम आज की घटना को खेदजनक मानते हैं। साथ में सत्तारूढ़ दल से आग्रह भी कर रहे हैं कि वे विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि इस सदन में उनके परदादा, दादा, पिता और चाचा के उम्र के सदस्य हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। हमें भी विपक्ष के नेता का सम्मान मिलना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने घटना की निंदा की।