पटना(ब्यूरो)। गर्मी के कारण धड़कन तेज होना, सांस लेने में परेशानी, चक्कर, गैस, कमजोरी, अधिक पसीना, हीट स्ट्रोक, चक्कर, बदहवासी, मांसपेशियों में ङ्क्षखचाव से हार्ट अटैक व हार्ट फेल्योर तक का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट फेल्योर के रोगियों को खास सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि बीपी व हृदयाघात से बचाव की कई दवाएं ऐसी होती हैं जिनसे पसीना व यूरिन ज्यादा होता है और इससे इलेक्ट्रोलाइट््स असंतुलन की आशंका बढ़ जाती है। ये बातें एम्स के डॉ। संजीव कुमार और बिहार कार्डियोलाजी सोसायटी के अध्यक्ष डॉ। एके झा ने कहीं।

हार्ट पेशेंट को परेशानी
डॉ। संजीव कुमार ने कहा कि तेज गर्मी के बाद सुहावना मौसम और सोमवार से फिर झुलसाती गर्मी हृदय-बीपी रोगियों की समस्या बढ़ा सकती है। 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और 75 प्रतिशत से अधिक आद्र्रता होने पर खून पतला होने से अंगों तक रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे हृदय को अधिक काम करना पड़ता है। इससे ऊपर हर एक डिग्री सेल्सियस तापमान बढऩे पर शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए दिल को 10 बार तक अधिक धड़कना पड़ता है। इससे पसीना अधिक निकलता है और शरीर में सोडियम-पोटैशियम जैसे लवण की कमी हो जाती है। इन लवणों की कमी से हृदय की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी प्रभावित होने से अरदिमिया यानी दिल की चाल अनियमित हो जाती है।

सीरम इलेक्ट्रोलाइट््स की जांच कराएं
उन्होंने बताया कि जिन लोगों के दिल की मांसपेशियां पहले से ही कमजोर है काम का अतिरिक्त दबाव पडऩे पर उनकी समस्या गंभीर हो सकती है। हार्ट फेल्योर के जिन रोगियों को हृदयाघात से बचाव के लिए दवाएं दी जाती है, उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ सकता है। ऐसे में तेज गर्मी में सीरम इलेक्ट्रोलाइट जांच कर बीपी व हार्ट फेल्योर रोगियों को दवाएं एडजस्ट करा लेनी चाहिए।


स्वस्थ रहने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
शरीर को नम रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी या तरल पदार्थ का सेवन जरूरी है लेकिन हृदय रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए। अधिक पानी पीने से हृदय पर दबाव बढ़ सकता है।
ताजे फल-सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, नमक, तम्बाकू व कैफीनयुक्त चाय-काफी जैसे पदार्थों का सेवन कम करें।
आसपास के वातावरण को ठंडा रखें, तेज धूप में बाहर जाने से बचें और सोते समय घर में सबसे ठंडे स्थान का चयन करें।
यदि सुबह 10 से 4 के बीच धूप में निकलने से बचें, यदि जाना पड़े तो पानी साथ रखें और पीते रहें।
हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, हल्का खाना खाएं।


आठ दिनों में 11 डिग्री चढ़ा पटना का पारा

प्रदेश में बीते दिनों वर्षा के कारण तापमान में गिरावट आने से लोगों को गर्मी से राहत मिली थी। तीन दिनों से पछुआ के कारण प्रदेश का मौसम शुष्क हो गया है और अधिकतम तापमान में वृद्धि हुई है। बीते आठ दिनों के दौरान पटना के अधिकतम तापमान में 11.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। सोमवार को पटना का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री की बढोतरी के साथ 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं एक मई को पटना का अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। बीते 24 घंटों के दौरान पटना समेत प्रदेश के 28 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। 41.8 डिग्री सेल्सियस के साथ बांका प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार प्रदेश में इन दिनों पछुआ हवा का प्रवाह बना हुआ है। इसके चलते पूर्णिया, शेखपुरा, खगडिय़ा और बांका में हीट वेव के हालात रहे।

पांच दिनों तक शुष्क बना रहेगा मौसम
वहीं पछुआ हवा के प्रभाव से प्रदेश का मौसम अगले पांच दिनों तक शुष्क बना रहेगा। इस दौरान सतही हवा का प्रवाह 10-12 किमी प्रतिघंटा व झोंके के साथ 20-30 किमी प्रतिघंटा रहने के आसार है। प्रदेश में बढ़ रहे तापमान के बारे में मौसम विज्ञानी संजय कुमार बताते हैं कि प्रशांत महासागर से आने वाली गर्म हवा देश के मैदानी हिस्सों में प्रवेश कर रही है।

प्रमुख शहरों के तापमान में वृद्धि
बीते 24 घंटों के दौरान पटना के अधिकतम तापमान में 3.2 डिग्री, गया में 1.5 डिग्री, औरंगाबाद में 1.4 डिग्री, नवादा में 1.8 डिग्री, जमुई में 1.6 डिग्री, बांका में 2.2 डिग्री, सबौर में 1.6 डिग्री, भागलपुर में 1.4 डिग्री, वैशाली में 1.7 डिग्री, मुजफ्फरपुर में 0.2 डिग्री, सीतामढ़ी के पुपरी में 0.3 डिग्री, छपरा में 1.3 डिग्री, मोतिहारी में 0.7 डिग्री, नालंदा में 0.5 डिग्री, खगडिय़ा में 0.3 डिग्री, अररिया में 0.7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।