पटना (ब्यूरो)। शहर में इन दिनों मच्छरों का आतंक गली-मोहल्लों से लेकर अस्पताल तक में फैल गया है। जानकारी के अनुसार पटना में डेंगू के 233 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। गली-मोहल्लों में रहने वाले लोग तो फिर भी इन मच्छरों के आतंक से बचने के लिए मच्छरदानी सहित अन्य उपाय कर ले रहे हैं, लेकिन अस्पतालों में आलम यह है कि शाम होते ही एक पल के लिए भी ठीक से बैठना मुश्किल है। पीएमसीएच के कई वार्ड में तो दिन में भी मच्छरों का आतंक नजर आता है। अस्पताल में भर्ती सामान्य मरीजों में भी डेंगू का खतरा मंडराने लगा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की। ।
पर्याप्त व्यवस्था नहीं
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में सैकड़ों मरीज विभिन्न वार्ड में भर्ती हैं। कोई सामान्य तो कोई गंभीर बीमारी से पीडि़त है तो कोई मच्छर जनित बीमारी से पीडि़त है। कई वार्ड में मच्छरों का हमला पेशेंट से लेकर स्टाफ तक झेल रहे हैं, लेकिन इनसे बचाव के लिए अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था तक नहीं है। पीएमसीएच के हथुआ वार्ड में पेशेंट को मच्छर काट-काट कर परेशान कर रहा है। लेकिन साफ-सफाई की कमी और मच्छरदानी नहीं मिलने के कारण उन्हें वार्ड से बाहर टहलना पड़ रहा है।

दिन में भी परेशानी
छपरा से अपनी सास को इलाज कराने आई ममता ने बताया कि पीएमसीएच कहने को राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां परिजनों की तो दूर की बात है वार्ड में भर्ती मरीज के लिए भी मच्छरदानी की कोई व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं की गई है। जिस वजह से रात क्या दिन में भी बैठना मुश्किल है। क्योंकि मच्छर के डंक से हथुआ वार्ड में भर्ती मरीज परेशान रहते हैं। वहीं सिवान से भाई का इलाज कराने आए सुरेश ने बताया कि प्रदेश में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं बावजूद पीएमसीएच प्रशासन मच्छर को लेकर जागरूक नही है। अस्पताल शौचालय में हमेशा पानी लगा रहता है। साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जाती है। पीने के लिए स्वच्छ पानी तक की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं है। जहां नल लगा है उसके आसपास गंदगी का अंबार है। जिस वजह से पीएमसीएच परिसर में मच्छरों का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।

शिकायत के बाद भी नहीं मिली मच्छरदानी
पटना के फतुआ से अपने मां का इलाज कराने आए सुमित ने बताया कि पिछले दो दिनों से मां हथुआ वार्ड में भर्ती है। मच्छर इतना ज्यादा काट रहा है कि पेशेंट का बैठना भी मुश्किल है। इसकी शिकायत नर्स और डॉक्टर्स से करने के बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ। ऐसे में पेशेंट के साथ आने वाले अटेंडेंट भी बीमार हो सकते हैं। इसी तरह मधुबनी से पिता का इलाज कराने आए चंदन ने बताया कि यहां समय पर चादर तक नहीं चेंज होता है। परिसर में जहां देखों वहीं गंदगी पसरी है। सफाई ठीक से नहीं होने से मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है।
233 मामले आ चुके हैं
सिविल सर्जन ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार अब तक पटना में डेंगू को मामले सामने आए हैं। इसके अलावा वेक्टर बार्न डिजीज व अन्य बीमारियों का भी प्रकोप है। शहर में बाजार समिति, बहादुरपुर, दानापुर, कंकड़बाग और पटना सिटी जैसे इलाके ज्यादा प्रभावित हैं। गर्दनीबाग अस्पताल में वैक्सीन देने वालों एक स्टाफ को भी डेंगू हो चुका है।


अस्पताल में मच्छर बहुत ज्यादा हैं। रात क्या दिन में भी बैठने नहीं देते हैं। हम लोग कुछ देर पेशेंट के पास रहते हैं उसके बाद इधर-उधर टहलने लगते हैं।
- माया देवी, मरीज के परिजन, पटना

अस्पताल की ओर से मच्छरदानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। दिन तो किसी तरह काट लेते हैं मगर रात के समय मरीज को बहुत परेशानी होती है।
- कामेश्वर, मरीज के परिजन, छपरा

यहां सुनने वाला कोई नहीं है इसलिए चुप हूं । मच्छर के प्रकोप मरीज के साथ उनके परिजन भी परेशान होते हैं। रात भर मच्छर की वजह से जगना पड़ता है।
- बचाई यादव, मरीज के परिजन, सिवान


छोटी मशीनों से फॉगिंग हो रही है। लेकिन कई इलाकों में बड़ी मशीनों की जरूरत है। बड़ी मशीनें नहीं हीं, विभाग को को इस संबंध में लिखा गया है। सबसे अधिक समस्या ज्यादा गंदगी वाले इलाकों में है। जल्द ही समाधान किया जाएगा।
- डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना