-हत्या, लूट सहित कई आपराधिक मामले दर्ज है मुन्ना केवट पर

क्कन्ञ्जहृन्: मुन्ना केवट का नाम आते ही पटना पुलिस की मुश्किल बढ़ जाती थी। वह आतंक का दूसरा नाम बन गया था। पुलिस 12 साल से उसकी तलाश कर रही थी लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा था। पुलिस को पसीना छुड़ाने वाले इस कुख्यात को रविवार को गिरफ्तार कर पटना पुलिस ने बड़ा गुडवर्क कर लिया है। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में मुन्ना से 12 साल के क्राइम का हिसाब मांगा जाएगा। पटना पुलिस ने यह भी दावा किया है कि मुन्ना से पूछताछ के बाद अपराधियों का एक बड़ा गैंग बेनकाब हो जाएगा।

गोपलापुर का डॉन रहा है मुन्ना

पुलिस के मुताबिक पटना से सटे

गोपालपुर एरिया का मुन्ना आतंक था। वह वहां का डॉन था। मुन्ना को पकड़ने के लिए एसएसपी मनु महाराज ने पटना सदर के एएसपी सुशांत सरोज और गोपालपुर थाने की पुलिस टीम को निर्देश दिया था। जिसके बाद ही पुलिस की एक स्पेशल टीम ने छापेमारी कर मुन्ना केवट को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मुन्ना के पास से एक पिस्टल और दो गोली भी बरामद किया है। पुलिस को सूचना मिली कि अपराधी मुन्ना केवट उर्फ छोटू को

गोपालपुर के अ?दुल्लाचक में देखा गया था और इसकी सूचना एसएसपी मनु महाराज को मिल गई थी।

जेल से भागकर पुलिस को दी थी चुनौती

कुख्यात मुन्ना केवट हत्या, लूट और रंगदारी की कई बड़ी घटना को अंजाम दे चुका है। वह अपराध को अंजाम देने और फिर मौके से फरार होने में वह मास्टर कहा जाता है। घटनाओं को अंजाम देने वाले इस माहिर खिलाड़ी का खेल पुलिस 12 साल बाद खत्म कर पाई है। पुलिस का कहना है कि वर्ष 2006 में जेल से भागकर उसने पुलिस को चुनौती दी थी। उस पर पहले भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 24 सितंबर 2005 को अगमकुआं थाना की पुलिस ने आ‌र्म्स एक्ट के तहत मुन्ना को गिरफ्तार किया था। लेकिन एक साल बाद 2006 में वह पटना सिटी जेल से फरार हो गया।

ठिकाना बदलकर पुलिस को देता रहा चुनौती

मुन्ना पुलिस से बचने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहा। इस कारण पुलिस उसका सुराग ही नहीं लगा पा रही थी। ठिकाना बदलने के कारण ही मुन्ना केवट 12 साल तक पटना पुलिस की गिरफ्त से दूर रहा। पटना एसएसपी की मॉनीटरिंग नहीं होती तो वह गिरफ्त में नहीं आता। पुलिस को मुन्ना की गिरफ्तारी से काफी राहत मिली है। पुलिस का दावा है कि मुन्ना से पूछताछ में कई बड़ा खुलासा हो सकता है।