ठंड के साथ बढ़ती गई यूथ ब्रिगेड के भाषणों की गर्मी


 : 'विवेकानंद का क्या संदेश, सुंदर सुहाना भारत देशÓ इसी थीम के इर्द गिर्द अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन गुरुवार को हुए ओपन कांफ्रेंस में यूथ ब्रिगेड की टोली की बारी थी। शोभा यात्रा के बाद एबीवीपी के वर्कर्स गांधी मैदान में जमा हुआ और शुरू हुआ ओपन कांफ्रेंस। शाम की ठंड के साथ यूथ ब्रिगेड के भाषणों की गर्मी भी बढ़ती रही। एजुकेशन, कल्चर से बातें बढ़ती हुई करप्शन और पॉलिटिकस तक आईं और इनके बीच कॉमनमैन की कंडीशन पर एबीवीपी का गुस्सा भी दिखा। मकसद साफ था, एबीवीपी इस कांफ्रेंस के जरिए अपनी बातों को यूथ की भीड़ तक पहुंचाना चाहती थी, जो बढ़ती ठंड के बावजूद वहीं टिकी थी। उमेश दत्त और विष्णु दत्त शर्मा जैसे एबीवीपी के बड़े लीडर्स ने देश-दुनिया की बातों से यूथ को जगाने की कोशिश, तो यूथ लीडर्स का फोकस 'टू द प्वाइंट' रहा. 
जमा हुआ और शुरू हुआ ओपन कांफ्रेंस
'विवेकानंद का क्या संदेश, सुंदर सुहाना भारत देश' इसी थीम के इर्द गिर्द अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन गुरुवार को हुए ओपन कांफ्रेंस में यूथ ब्रिगेड की टोली की बारी थी। शोभा यात्रा के बाद एबीवीपी के वर्कर्स गांधी मैदान में जमा हुआ और शुरू हुआ ओपन कांफ्रेंस। शाम की ठंड के साथ यूथ ब्रिगेड के भाषणों की गर्मी भी बढ़ती रही। एजुकेशन, कल्चर से बातें बढ़ती हुई करप्शन और पॉलिटिकस तक आईं और इनके बीच कॉमनमैन की कंडीशन पर एबीवीपी का गुस्सा भी दिखा। मकसद साफ था, एबीवीपी इस कांफ्रेंस के जरिए अपनी बातों को यूथ की भीड़ तक पहुंचाना चाहती थी, जो बढ़ती ठंड के बावजूद वहीं टिकी थी। उमेश दत्त और विष्णु दत्त शर्मा जैसे एबीवीपी के बड़े लीडर्स ने देश-दुनिया की बातों से यूथ को जगाने की कोशिश, तो यूथ लीडर्स का फोकस 'टू द प्वाइंट' रहा. 

एजुकेशन
खामियों को गिनाना नहीं, बदलना है
पटना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन प्रेसिडेंट बनने के बाद बिहार में एबीवीपी का चेहरा बन चुके हैं आशीष सिन्हा। उन्होंने अपनी बातों में एजुकेशन रिफार्म के जरिए बिहार और देश बदलने की बात कही। आशीष ने कहा कि बिहार का हायर एजुकेशन टीचर्स की कमी के कारण बदहाल है। लेकिन सिर्फ यह कहने भर से काम नहीं चलेगा। एबीवीपी स्टेट की यूनिवर्सिटी में टीचर्स की अप्वाइंटमेंट के लिए आंदोलन करेगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में फीस चार गुना बढ़ाने की प्लानिंग शुरू हो गई है, जिसके खिलाफ आखिरी दम तक लड़ाई की जरूरत है. 

वीमेन इंपावरमेंट
नारी के पूजनीय होने तक ही थी देश की पहचान
उड़ीसा में एबीवीपी की छात्रा प्रमुख गीतांजलि जेना की बातों ने देश के करेंट सिनारियो में महिलाओं की स्थिति की पोल खोल दी। दिल्ली की घटना पर  गीतांजलि ने सिस्टम को तो लताड़ा ही साथ ही सोसाइटी में लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे इश्यूज पर भी मोर्चा खोला। गीतांजलि ने कहा कि आज देश की राजधानी में जैसे बलात्कार हो रहे हैं, उससे शर्म आनी चाहिए। हमारे देश की पूजा तभी तक होती थी, जब तक हमारे यहां नारी पूजनीय थी. 

यूथ पावर
इंडियन यूथ को चाहिए सिंघम इफेक्ट
महाराष्ट्र में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राजू चौहान ने हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन यूथ पावर को बताया। उन्होंने कहा कि आज का यूथ पावरफुल तो है लेकिन इसे सही रास्ते पर आना होगा। अजय देवगन स्टारर 'सिंघम' फिल्म से इंस्पायर्ड राजू ने कहा कि इस देश को किसी घराने के सम्मान से दिक्कत नहीं है, दिक्कत शहीदों के अपमान से है। उन्होंने कहा कि अगर देश के यूथ एक बार ध्यान दे दें तो किसी गद्दार या आतंकवादी की हिम्मत नहीं है जो इस देश पर निगाह उठा सके. 

एग्रेसिवनेस
घोटालों पर मौन सरकार आसानी से नहीं जागती
हाल के दिनों में नेशनल मूवमेंट की धुरी बन चुकी दिल्ली से आए अंकित चौधरी की एग्रेसिवनेस उनकी बातों में भी दिखी। अंकित ने कहा कि आज स्कैम्स की कमी नहीं है। लाखों करोड़ रुपए का घोटाला साफ दिखा लेकिन सिस्टम की नींद नहीं टूटी। नींद तब टूटी जब विदेशों में जमा काले धन को लाने के लिए यूथ सड़कों पर उतरी। उन्होंने कहा कि आज सिस्टम ठीक नहीं काम कर रहा और इंडियन यूथ को इन्हें सही राह पर लाना होगा. 



अंधी दौड़ से बचना होगा 
एबीवीपी के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन आरएसएस के सुरेश सोनी का 'स्वामी विवेकानन्द : युवा पीढ़ी के लिए संदेश' पर भाषण हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि विवेकानन्द के वक्त में भारत सिर्फ खड़ा ही नहीं हो रहा बल्कि विश्व विजय करने का संकल्प भी ले रहा था। स्वामी जी ने पूरे नेशनल मूवमेंट को प्रभावित किया। स्वामी जी के जीवन का मूल भाव राष्ट्रीय पुनर्निर्माण था। लेकिन उनकी सोच के मुताबिक आज भी यह पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि आज की यूथ जेनरेशन को वेस्टर्न कल्चर की अंधी दौड़ से बचना होगा। उन्होंने कहा कि स्पिरिचुएलिटी और साइंस एंड टेक्नोलॉजी के समन्वय से ही नये भारत की शुरुआत होगी. 

डिस्कशन और डायरेक्शन 
कांफ्रेंस के दौरान 16 सब्जेक्ट्स पर देश भर से आए रिप्रेजेंटेटिव्स के साथ डिस्कशन हुआ और उन्हें डायरेक्शन भी दिए गये। नेशनल सिक्योरिटी और इकोनॉमिकल सब्जेक्ट्स के साथ सोशल वर्क के सेशन में रिप्रेजेंटेटिव ने जमकर हिस्सा लिया। इसके बाद देश भर से आये टीचर्स की एक मीटिंग हुई जिसमें एजुकेशनल कंडीशन पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त और यूथ अंगेस्ट करप्शन के नेशनल कंवीनर सुनील बंसल के साथ देश भर के डिफरेंट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज से आए रिप्रेजेंटेटिव्स की बैठक हुई जिसमें आने वाले समय में स्टूडेंट यूनियन के रोल पर डिटेल डिस्कशन हुए. 
खामियों को गिनाना नहीं, बदलना है
पटना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन प्रेसिडेंट बनने के बाद बिहार में एबीवीपी का चेहरा बन चुके हैं आशीष सिन्हा। उन्होंने अपनी बातों में एजुकेशन रिफार्म के जरिए बिहार और देश बदलने की बात कही। आशीष ने कहा कि बिहार का हायर एजुकेशन टीचर्स की कमी के कारण बदहाल है। लेकिन सिर्फ यह कहने भर से काम नहीं चलेगा। एबीवीपी स्टेट की यूनिवर्सिटी में टीचर्स की अप्वाइंटमेंट के लिए आंदोलन करेगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में फीस चार गुना बढ़ाने की प्लानिंग शुरू हो गई है, जिसके खिलाफ आखिरी दम तक लड़ाई की जरूरत है. 

वीमेन इंपावरमेंट
नारी के पूजनीय होने तक ही थी देश की पहचान
उड़ीसा में एबीवीपी की छात्रा प्रमुख गीतांजलि जेना की बातों ने देश के करेंट सिनारियो में महिलाओं की स्थिति की पोल खोल दी। दिल्ली की घटना पर  गीतांजलि ने सिस्टम को तो लताड़ा ही साथ ही सोसाइटी में लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे इश्यूज पर भी मोर्चा खोला। गीतांजलि ने कहा कि आज देश की राजधानी में जैसे बलात्कार हो रहे हैं, उससे शर्म आनी चाहिए। हमारे देश की पूजा तभी तक होती थी, जब तक हमारे यहां नारी पूजनीय थी. 

यूथ पावर
इंडियन यूथ को चाहिए सिंघम इफेक्ट
महाराष्ट्र में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राजू चौहान ने हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन यूथ पावर को बताया। उन्होंने कहा कि आज का यूथ पावरफुल तो है लेकिन इसे सही रास्ते पर आना होगा। अजय देवगन स्टारर 'सिंघम' फिल्म से इंस्पायर्ड राजू ने कहा कि इस देश को किसी घराने के सम्मान से दिक्कत नहीं है, दिक्कत शहीदों के अपमान से है। उन्होंने कहा कि अगर देश के यूथ एक बार ध्यान दे दें तो किसी गद्दार या आतंकवादी की हिम्मत नहीं है जो इस देश पर निगाह उठा सके. 

एग्रेसिवनेस
घोटालों पर मौन सरकार आसानी से नहीं जागती
हाल के दिनों में नेशनल मूवमेंट की धुरी बन चुकी दिल्ली से आए अंकित चौधरी की एग्रेसिवनेस उनकी बातों में भी दिखी। अंकित ने कहा कि आज स्कैम्स की कमी नहीं है। लाखों करोड़ रुपए का घोटाला साफ दिखा लेकिन सिस्टम की नींद नहीं टूटी। नींद तब टूटी जब विदेशों में जमा काले धन को लाने के लिए यूथ सड़कों पर उतरी। उन्होंने कहा कि आज सिस्टम ठीक नहीं काम कर रहा और इंडियन यूथ को इन्हें सही राह पर लाना होगा. 




अंधी दौड़ से बचना होगा 
एबीवीपी के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन आरएसएस के सुरेश सोनी का 'स्वामी विवेकानन्द : युवा पीढ़ी के लिए संदेश' पर भाषण हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि विवेकानन्द के वक्त में भारत सिर्फ खड़ा ही नहीं हो रहा बल्कि विश्व विजय करने का संकल्प भी ले रहा था। स्वामी जी ने पूरे नेशनल मूवमेंट को प्रभावित किया। स्वामी जी के जीवन का मूल भाव राष्ट्रीय पुनर्निर्माण था। लेकिन उनकी सोच के मुताबिक आज भी यह पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि आज की यूथ जेनरेशन को वेस्टर्न कल्चर की अंधी दौड़ से बचना होगा। उन्होंने कहा कि स्पिरिचुएलिटी और साइंस एंड टेक्नोलॉजी के समन्वय से ही नये भारत की शुरुआत होगी. 

डिस्कशन और डायरेक्शन 
कांफ्रेंस के दौरान 16 सब्जेक्ट्स पर देश भर से आए रिप्रेजेंटेटिव्स के साथ डिस्कशन हुआ और उन्हें डायरेक्शन भी दिए गये। नेशनल सिक्योरिटी और इकोनॉमिकल सब्जेक्ट्स के साथ सोशल वर्क के सेशन में रिप्रेजेंटेटिव ने जमकर हिस्सा लिया। इसके बाद देश भर से आये टीचर्स की एक मीटिंग हुई जिसमें एजुकेशनल कंडीशन पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त और यूथ अंगेस्ट करप्शन के नेशनल कंवीनर सुनील बंसल के साथ देश भर के डिफरेंट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज से आए रिप्रेजेंटेटिव्स की बैठक हुई जिसमें आने वाले समय में स्टूडेंट यूनियन के रोल पर डिटेल डिस्कशन हुए. 

कॉमनमैन की कंडीशन पर एबीवीपी का गुस्सा  
शाम की ठंड के साथ यूथ ब्रिगेड के भाषणों की गर्मी भी बढ़ती रही। एजुकेशन, कल्चर से बातें बढ़ती हुई करप्शन और पॉलिटिकस तक आईं और इनके बीच कॉमनमैन की कंडीशन पर एबीवीपी का गुस्सा भी दिखा। मकसद साफ था, एबीवीपी इस कांफ्रेंस के जरिए अपनी बातों को यूथ की भीड़ तक पहुंचाना चाहती थी, जो बढ़ती ठंड के बावजूद वहीं टिकी थी। उमेश दत्त और विष्णु दत्त शर्मा जैसे एबीवीपी के बड़े लीडर्स ने देश-दुनिया की बातों से यूथ को जगाने की कोशिश, तो यूथ लीडर्स का फोकस 'टू द प्वाइंट' रहा. 

जमा हुआ और शुरू हुआ ओपन कांफ्रेंस
'विवेकानंद का क्या संदेश, सुंदर सुहाना भारत देश' इसी थीम के इर्द गिर्द अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन गुरुवार को हुए ओपन कांफ्रेंस में यूथ ब्रिगेड की टोली की बारी थी। शोभा यात्रा के बाद एबीवीपी के वर्कर्स गांधी मैदान में जमा हुआ और शुरू हुआ ओपन कांफ्रेंस। शाम की ठंड के साथ यूथ ब्रिगेड के भाषणों की गर्मी भी बढ़ती रही। एजुकेशन, कल्चर से बातें बढ़ती हुई करप्शन और पॉलिटिकस तक आईं और इनके बीच कॉमनमैन की कंडीशन पर एबीवीपी का गुस्सा भी दिखा। मकसद साफ था, एबीवीपी इस कांफ्रेंस के जरिए अपनी बातों को यूथ की भीड़ तक पहुंचाना चाहती थी, जो बढ़ती ठंड के बावजूद वहीं टिकी थी। उमेश दत्त और विष्णु दत्त शर्मा जैसे एबीवीपी के बड़े लीडर्स ने देश-दुनिया की बातों से यूथ को जगाने की कोशिश, तो यूथ लीडर्स का फोकस 'टू द प्वाइंट' रहा. 

एजुकेशन
खामियों को गिनाना नहीं, बदलना है
पटना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन प्रेसिडेंट बनने के बाद बिहार में एबीवीपी का चेहरा बन चुके हैं आशीष सिन्हा। उन्होंने अपनी बातों में एजुकेशन रिफार्म के जरिए बिहार और देश बदलने की बात कही। आशीष ने कहा कि बिहार का हायर एजुकेशन टीचर्स की कमी के कारण बदहाल है। लेकिन सिर्फ यह कहने भर से काम नहीं चलेगा। एबीवीपी स्टेट की यूनिवर्सिटी में टीचर्स की अप्वाइंटमेंट के लिए आंदोलन करेगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में फीस चार गुना बढ़ाने की प्लानिंग शुरू हो गई है, जिसके खिलाफ आखिरी दम तक लड़ाई की जरूरत है. 

वीमेन इंपावरमेंट
नारी के पूजनीय होने तक ही थी देश की पहचान
उड़ीसा में एबीवीपी की छात्रा प्रमुख गीतांजलि जेना की बातों ने देश के करेंट सिनारियो में महिलाओं की स्थिति की पोल खोल दी। दिल्ली की घटना पर  गीतांजलि ने सिस्टम को तो लताड़ा ही साथ ही सोसाइटी में लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे इश्यूज पर भी मोर्चा खोला। गीतांजलि ने कहा कि आज देश की राजधानी में जैसे बलात्कार हो रहे हैं, उससे शर्म आनी चाहिए। हमारे देश की पूजा तभी तक होती थी, जब तक हमारे यहां नारी पूजनीय थी. 

यूथ पावर
इंडियन यूथ को चाहिए सिंघम इफेक्ट
महाराष्ट्र में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राजू चौहान ने हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन यूथ पावर को बताया। उन्होंने कहा कि आज का यूथ पावरफुल तो है लेकिन इसे सही रास्ते पर आना होगा। अजय देवगन स्टारर 'सिंघम' फिल्म से इंस्पायर्ड राजू ने कहा कि इस देश को किसी घराने के सम्मान से दिक्कत नहीं है, दिक्कत शहीदों के अपमान से है। उन्होंने कहा कि अगर देश के यूथ एक बार ध्यान दे दें तो किसी गद्दार या आतंकवादी की हिम्मत नहीं है जो इस देश पर निगाह उठा सके. 

एग्रेसिवनेस
घोटालों पर मौन सरकार आसानी से नहीं जागती
हाल के दिनों में नेशनल मूवमेंट की धुरी बन चुकी दिल्ली से आए अंकित चौधरी की एग्रेसिवनेस उनकी बातों में भी दिखी। अंकित ने कहा कि आज स्कैम्स की कमी नहीं है। लाखों करोड़ रुपए का घोटाला साफ दिखा लेकिन सिस्टम की नींद नहीं टूटी। नींद तब टूटी जब विदेशों में जमा काले धन को लाने के लिए यूथ सड़कों पर उतरी। उन्होंने कहा कि आज सिस्टम ठीक नहीं काम कर रहा और इंडियन यूथ को इन्हें सही राह पर लाना होगा. 

अंधी दौड़ से बचना होगा 
एबीवीपी के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन आरएसएस के सुरेश सोनी का 'स्वामी विवेकानन्द : युवा पीढ़ी के लिए संदेश' पर भाषण हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि विवेकानन्द के वक्त में भारत सिर्फ खड़ा ही नहीं हो रहा बल्कि विश्व विजय करने का संकल्प भी ले रहा था। स्वामी जी ने पूरे नेशनल मूवमेंट को प्रभावित किया। स्वामी जी के जीवन का मूल भाव राष्ट्रीय पुनर्निर्माण था। लेकिन उनकी सोच के मुताबिक आज भी यह पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि आज की यूथ जेनरेशन को वेस्टर्न कल्चर की अंधी दौड़ से बचना होगा। उन्होंने कहा कि स्पिरिचुएलिटी और साइंस एंड टेक्नोलॉजी के समन्वय से ही नये भारत की शुरुआत होगी. 

डिस्कशन और डायरेक्शन 
कांफ्रेंस के दौरान 16 सब्जेक्ट्स पर देश भर से आए रिप्रेजेंटेटिव्स के साथ डिस्कशन हुआ और उन्हें डायरेक्शन भी दिए गये। नेशनल सिक्योरिटी और इकोनॉमिकल सब्जेक्ट्स के साथ सोशल वर्क के सेशन में रिप्रेजेंटेटिव ने जमकर हिस्सा लिया। इसके बाद देश भर से आये टीचर्स की एक मीटिंग हुई जिसमें एजुकेशनल कंडीशन पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त और यूथ अंगेस्ट करप्शन के नेशनल कंवीनर सुनील बंसल के साथ देश भर के डिफरेंट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज से आए रिप्रेजेंटेटिव्स की बैठक हुई जिसमें आने वाले समय में स्टूडेंट यूनियन के रोल पर डिटेल डिस्कशन हुए. 

खामियों को गिनाना नहीं, बदलना है
पटना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन प्रेसिडेंट बनने के बाद बिहार में एबीवीपी का चेहरा बन चुके हैं आशीष सिन्हा। उन्होंने अपनी बातों में एजुकेशन रिफार्म के जरिए बिहार और देश बदलने की बात कही। आशीष ने कहा कि बिहार का हायर एजुकेशन टीचर्स की कमी के कारण बदहाल है। लेकिन सिर्फ यह कहने भर से काम नहीं चलेगा। एबीवीपी स्टेट की यूनिवर्सिटी में टीचर्स की अप्वाइंटमेंट के लिए आंदोलन करेगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में फीस चार गुना बढ़ाने की प्लानिंग शुरू हो गई है, जिसके खिलाफ आखिरी दम तक लड़ाई की जरूरत है. 

वीमेन इंपावरमेंट
नारी के पूजनीय होने तक ही थी देश की पहचान
उड़ीसा में एबीवीपी की छात्रा प्रमुख गीतांजलि जेना की बातों ने देश के करेंट सिनारियो में महिलाओं की स्थिति की पोल खोल दी। दिल्ली की घटना पर  गीतांजलि ने सिस्टम को तो लताड़ा ही साथ ही सोसाइटी में लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे इश्यूज पर भी मोर्चा खोला। गीतांजलि ने कहा कि आज देश की राजधानी में जैसे बलात्कार हो रहे हैं, उससे शर्म आनी चाहिए। हमारे देश की पूजा तभी तक होती थी, जब तक हमारे यहां नारी पूजनीय थी. 

यूथ पावर
इंडियन यूथ को चाहिए सिंघम इफेक्ट
महाराष्ट्र में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राजू चौहान ने हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन यूथ पावर को बताया। उन्होंने कहा कि आज का यूथ पावरफुल तो है लेकिन इसे सही रास्ते पर आना होगा। अजय देवगन स्टारर 'सिंघम' फिल्म से इंस्पायर्ड राजू ने कहा कि इस देश को किसी घराने के सम्मान से दिक्कत नहीं है, दिक्कत शहीदों के अपमान से है। उन्होंने कहा कि अगर देश के यूथ एक बार ध्यान दे दें तो किसी गद्दार या आतंकवादी की हिम्मत नहीं है जो इस देश पर निगाह उठा सके. 

एग्रेसिवनेस
घोटालों पर मौन सरकार आसानी से नहीं जागती
हाल के दिनों में नेशनल मूवमेंट की धुरी बन चुकी दिल्ली से आए अंकित चौधरी की एग्रेसिवनेस उनकी बातों में भी दिखी। अंकित ने कहा कि आज स्कैम्स की कमी नहीं है। लाखों करोड़ रुपए का घोटाला साफ दिखा लेकिन सिस्टम की नींद नहीं टूटी। नींद तब टूटी जब विदेशों में जमा काले धन को लाने के लिए यूथ सड़कों पर उतरी। उन्होंने कहा कि आज सिस्टम ठीक नहीं काम कर रहा और इंडियन यूथ को इन्हें सही राह पर लाना होगा. 

अंधी दौड़ से बचना होगा 
एबीवीपी के नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन आरएसएस के सुरेश सोनी का 'स्वामी विवेकानन्द : युवा पीढ़ी के लिए संदेश' पर भाषण हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि विवेकानन्द के वक्त में भारत सिर्फ खड़ा ही नहीं हो रहा बल्कि विश्व विजय करने का संकल्प भी ले रहा था। स्वामी जी ने पूरे नेशनल मूवमेंट को प्रभावित किया। स्वामी जी के जीवन का मूल भाव राष्ट्रीय पुनर्निर्माण था। लेकिन उनकी सोच के मुताबिक आज भी यह पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि आज की यूथ जेनरेशन को वेस्टर्न कल्चर की अंधी दौड़ से बचना होगा। उन्होंने कहा कि स्पिरिचुएलिटी और साइंस एंड टेक्नोलॉजी के समन्वय से ही नये भारत की शुरुआत होगी. 

डिस्कशन और डायरेक्शन 
कांफ्रेंस के दौरान 16 सब्जेक्ट्स पर देश भर से आए रिप्रेजेंटेटिव्स के साथ डिस्कशन हुआ और उन्हें डायरेक्शन भी दिए गये। नेशनल सिक्योरिटी और इकोनॉमिकल सब्जेक्ट्स के साथ सोशल वर्क के सेशन में रिप्रेजेंटेटिव ने जमकर हिस्सा लिया। इसके बाद देश भर से आये टीचर्स की एक मीटिंग हुई जिसमें एजुकेशनल कंडीशन पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त और यूथ अंगेस्ट करप्शन के नेशनल कंवीनर सुनील बंसल के साथ देश भर के डिफरेंट कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज से आए रिप्रेजेंटेटिव्स की बैठक हुई जिसमें आने वाले समय में स्टूडेंट यूनियन के रोल पर डिटेल डिस्कशन हुए.