उसे गले लगा लिया

गर्व से सीना चौड़ा किए अंशुमत स्टेज की ओर बढ़े। मंच पहुंचते ही डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी तथा आर्ट, कल्चर एंड स्पोट्र्स मिनिस्टर सुखदा पाण्डेय ने उसे गले लगा लिया। इसके बाद उसे प्रशस्ति पत्र और 35 हजार रुपए का चेक देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद बारी थी सुनंदा सरकार की। सुनंदा के स्टेज पर आते ही फिर जोरदार तालियां बजीं।

राज्य श्रेष्ठ खेल सम्मान से सम्मानित

सुनंदा को भी राज्य श्रेष्ठ खेल सम्मान से सम्मानित किया गया। दोनों प्लेयर्स ने इंटरनेशनल लेवल पर अपनी बदौलत पहचान बनाई है। अंशुमत को खेलने के लिए टेनिस कोर्ट नहीं है, तो सुनंदा को दौडऩे के लिए सिंथैटिक कोर्ट नहीं। बावजूद इसके दोनों ने देश व राज्य का नाम रोशन किया।

ध्यानचंद के नाम पर सम्मान, पर एक भी स्ट्रो टर्फ नहीं

स्टेट में करीब 12 साल से हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के नाम पर प्लेयर्स को सम्मानित किया जा रहा है। यह विडंबना ही है कि स्टेट में हॉकी का एक भी स्ट्रो टर्फ ग्राउंड नहीं है। हर बार ग्राउंड बनने की बात होती है, लेकिन आज तक उसकी फाइल विभागों में घूम ही रही है। डिप्टी सीएम ने एक बार फिर फिजिकल कॉलेज में स्ट्रो बनाने की बात कही। देखना है आखिर स्टेट में कब तक स्ट्रो टर्फ बनेगा?

Voice of Stars

प्राइज मिलने से मैं बहुत खुश हूं। अब मेरी जिम्मेवारी और भी बढ़ गई है। अब मुझे अधिक से अधिक टूर्नामेंट जीतने होंगे। मैं पूरा प्रयास करूंगा कि स्टेट के लोगों की उम्मीद पर खड़ा उतरूं।

अंशुमत श्रीवास्तव, टेनिस प्लेयर।

मेरा काम प्लेयर्स को कोचिंग देना है। मैंने पूरी ईमानदारी से उन्हें कोचिंग दी है। नेशनल गेम में मेडल इसके सबूत हैं। प्राइज मिलने से हौसला बढ़ता है। आगे कुछ करने की प्रेरणा भी मिलती है।

संतोष त्रिवेदी, कोच साइक्लिंग।

यह प्राइज एक साल की कड़ी मेहनत का फल है। मैं आगे भी कड़ी मेहनत जारी रखूंगी। अब मेरा एक ही उद्देश्य है, इंटरनेशनल गेम में कंट्री को मेडल दिलाना। प्राइज मिलने पर मैं गदगद हूं।

श्रेया, थ्रो बॉल प्लेयर।

प्राइज मिलता है, तो खुशी मिलती ही है। मैं खेल में बेहतर करने की कोशिश में लगा रहता हूं। जूनियर इंटरनेशनल गोल्फ में फोर्थ पोजिशन उसी का नतीजा है। अब मेरी नजर फस्र्ट प्राइज पर है।

अमन राज, गोल्फ प्लेयर.