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PANA : शहर में एक भी पालतू डॉग नहीं है। चौंकिए नहीं, यह सत्य है। दरअसल राजधानी के एक भी डॉग का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। जबकि यह नियम है कि घर में रखे गए डॉगी का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। डॉग के रजिस्ट्रेशन के लिए न लोग आगे आ रहे है और न ही नगर निगम लोगों को जागरूक कर रहा है। कई बार इसकी शिकायत नगर निगम और जिला प्रशासन के पास की गई है मगर आलाधिकारी सुनने को तैयार नहीं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने डॉग

रजिस्ट्रेशन को लेकर तहकीकात किया तो सामने आई निगम की लापरवाही। पढि़ए स्पेशल स्टोरी।

रजिस्ट्रेशन की नहीं है सुविधा

नगर निगम में डॉग रजिस्ट्रेशन न होने की शिकायत कई दिनों से आ रही थी। हमारी टीम निगम के मौर्यालोक कार्यालय में अधिकारियों से बात की तो किसी को डॉग रजिस्ट्रेशन की जानकारी नहीं थी। मजे की बात तो ये है कि यहां जो भी डॉग रजिस्ट्रेशन की जानकारी लेने आता हैं उन्हें नूतन राजधानी जाने के लिए कह दिया जाता है। नूतन राजधानी परिसर पहुंचने पर रजिस्ट्रेशन की बात को टाल दिया जाता है।

क्या है नियम

डॉग को पालने के लिए उसका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के बाद डॉग को एक बैच मिलता है जिसमें नंबर अंकित होता है। ये बैच कुत्ते के गले में लटका होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन न कराने वाले लोगों से 1500 से दो हजार रुपए जुर्माना वसूला जा सकता है।

ऐसे होता है रजिस्ट्रेशन

डॉग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए निगम से एप्लीकेशन फॉर्म मिलता है। उसे भरने के बाद डॉग का वैक्सीनेशन कराया जाता है। वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र लेकर निगम को देना होता है। फिर फीस जमा करने पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होती है।