-कैबिनेट के फैसले

-इथेनॉल प्रोत्साहन नीति -2021 पर मंत्रिमंडल की मुहर

PATNA: अब सिर्फ इथेनॉल उत्पादन करने वाली इकाइयों के दिन बहुरने वाले हैं। बिहार में नई इथेनॉल उत्पादन इकाई लगाने वाले निवेशकों को सरकार 15 परसेंट कैपिटल सब्सिडी या 5 करोड़ रुपए तक की आर्थिक मदद करेगी। ट्यूजडे को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इथेनॉल प्रोत्साहन नीति-2021 को मंजूरी दे दी गई। साथ ही राज्यपाल मनोनयन कोटे वाले एमएलसी के 12 नामों की अनुशंसा सीएम करेंगे। कैबिनेट ने इसके लिए सीएम को अधिकृत कर दिया। साथ ही बताया गया कि इन दो प्रस्तावों के साथ ट्यूजडे की बैठक में कुल 40 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

फ्यूल ग्रेड इथेनॉल पर छूट

ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने का निर्णय कुछ समय पहले ही लिया गया था। जिसके बाद राज्य सरकार प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल प्रोत्साहन नीति -2021 गठन की प्रक्रिया शुरू की थी। जिस पर ट्यूजडे को मुहर लग गई। नई इथेनॉल प्रोत्साहन नीति में किए गए प्रविधानों के मुताबिक उत्पादन इकाई लगाने वाले निवेशकों को भारी छूट दी जाएगी। यह छूट 5 करोड़ रुपए तक की होगी। लेकिन इस रियायत का फायदा वैसी इकाइयों को ही मिलेगा जो फ्यूल ग्रेड इथेनॉल का उत्पादन करेगी।

बिहार बन गया पहला राज्य

मंत्रिमंडल सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाने वाले बिहार देश में पहला राज्य बन गया है। नीति के तहत चीनी उत्पादन करने वाली कंपनियां बगैर चीनी उत्पादन के सिर्फ इथेनॉल बना सकेंगी। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में प्रदेश में 12 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है। जबकि आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 50 करोड़ लीटर करने का लक्ष्य है। बता दें कि इथेनॉल उत्पादन में देश में बिहार क स्थान पांचवा है। अभी पेट्रोल में 6.2 फीसदी एथनॉल की ब्लेंडिंग की जाती है। जिससे 2022 तक बढ़ाकर 10 फीसदी और 2025 तक 25 ब्लेंडिंग करने का लक्ष्य है।

सीएम किए गए अधिकृत

राज्यपाल कोटे से एमएलसी मनोनयन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत। मंत्रिमंडल ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्यपाल कोटे से विधान पार्षदों के नाम की अनुशंसा राज्यपाल को भेजने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया। संभावना है कि एक-दो दिन के अंदर 12 नाम राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे। बता दें कि प्रदेश में बीते वर्ष मई से विधान पार्षदों के 12 पद रिक्त हैं। जिन पर मनोनयन किया जाना है। यह मामला काफी लंबे समय से विचाराधीन था। सूत्रों ने बताया कि दो नामों पर भजपा-जदयू दोनों की सहमति है। ये नाम हैं भवन निर्माण मंत्री डॉ। अशोक चौधरी और खान एवं भू-तत्व विभाग के मंत्री जनक राम का। हालांकि मंत्रिमंडल की बैठक में नामों पर कोई चर्चा नहीं हुई।

योजना 5 वर्ष के लिए लागू

एक अन्य प्रस्ताव पर विमर्श के बाद मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना को अगले पांच वर्ष तक के लिए प्रभावी करने की मंजूरी दी है। सूत्रों की माने तो इस योजना में एक हजार करोड़ खर्च होने की संभावना है।

मक्का और राइस से बनेगा इथेनॉल

नई नीति के प्रभावी होने के बाद इथेनॉल इकाइयां मक्का, ब्रोकन राइस, गन्ना, सी मोलासिस से इथेनॉल का उत्पादन कर सकेंगी। इसके अलावा सड़े-गले और टूटे फूट अनाज से भी एथेनॉल बनाने की छूट होगी। उत्पादित इथेनॉल का सौ प्रतिशत ऑयल कंपनी को बेचा जा सकेगा। सूत्रों ने बताया कि इथेनॉल उत्पादन इंडस्ट्री स्थापित होने से राज्य में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी उपलब्ध होंगे। निवेशकों को राज्य की ओर आकर्षित करने के प्रविधान भी नई इथेनॉल प्रोत्साहन नीति में किए गए हैं।