-1160 पथों और 28 पुलों का कार्यारंभ, 1113 करोड़ होंगे खर्च

क्कन्ञ्जहृन्: रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने 1097.54 करोड़ की लागत से बनी 853 ग्रामीण सड़कों और 60 पुलों का उद्घाटन किया। उन्होंने 1160 ग्रामीण पथों और 28 पुलों के निर्माण कार्य का आरंभ भी किया। सीएम ने कहा कि ग्रामीण पथों के निर्माण का जिम्मा पहले केंद्रीय एजेंसियों के पास था। 2005 में जब हमने राज्य की सत्ता संभाली तो समीक्षा के क्रम में पाया कि केंद्रीय एजेंसियां कोई काम ही नहीं कर पा रही थीं। राज्य सरकार ने यह जिम्मेदारी संभाली और अबतक 72,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो चुका है। 12,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण जारी है और शेष 41,000 किलोमीटर ग्रामीण पथों का निर्माण भी जल्द शुरू हो जाएगा।

नाबार्ड से लिया 2800 करोड़ ऋण

सीएम ने 1959.03 करोड़ की लागत से बनने वाली 2096 ग्रामीण सड़कों और 45 पुलों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि पहले सड़कों का निर्माण लोगों की इच्छा के मुताबिक नहीं होता था। प्रभावशाली व्यक्तियों और ठेकेदारों के कहने पर सड़कें बनती थीं। हमने सात निश्चय कार्यक्रम के तहत हर घर तक पक्की गली पहुंचाने का संकल्प लिया है। गांव, बसावट और टोले ही नहीं, हर घर तक पक्की गली जाएगी। इसके लिए बड़ी राशि की आवश्यकता थी और हम कुल बजट का एक निर्धारित प्रतिशत तक ही कर्ज ले सकते हैं। ऐसे में हमने मुख्य ग्राम संपर्क योजना और टोला संपर्क निश्चय योजना के लिए नाबार्ड से 2800 करोड़ का 'आफ बजट' ऋण लिया है। इसपर हमें दस परसेंट की दर से ?याज चुकाने होंगे। ऋण के लिए हम ब्रिक्स के नए बैंक- 'न्यू डेवलपमेंट बैंक' और व‌र्ल्ड बैंक से भी हम संपर्क साधे हुए हैं। ऐसे 4000 टोले चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें सड़क से जोड़ना है।

इंजीनियर्स को दिए 4 सूत्री टिप्स

सीएम ने सड़के के दोनों ओर पेड़ लगाने पर जोर दिया और ग्रामीण कार्य विभाग को वन एवं पर्यावरण विभाग की बजाय खुद ही पौधरोपण कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत पेड़ों की देख-रेख की व्यवस्था हो। ग्रामीण कार्य विभाग इस योजना का भी लाभ उठाए। उन्होंने कहा कि इंजीनियर चार बातों का ख्याल रखें। सड़कों की मजबूती, नई तकनीक के उपयोग, रख-रखाव व पौधरोपण पर ध्यान दें। साथ ही अन्य जरूरी टिप्स बताए।

बेहतर काम को मिली सराहना

इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि 2016-17 में 6,601 किलोमीटर सड़कों का रिकार्ड निर्माण कर 4,503 बसावटों को जोड़ा गया। इसके लिए केंद्र सरकार ने 71 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। वहीं, 2017-18 में 5,226 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ और 3,418 बसावटों को जोड़ा गया है। बेहतर काम को सराहना मिली है।

घटी है सड़क निर्माण की लागत

ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने बताया कि नई तकनीक उपयोग से सड़क निर्माण की लागत प्रति किलोमीटर 90 लाख से घटाकर हम 70 लाख प्रति किलोमीटर करने में कामयाब हुए है। कचरे के तौर पर फेंक दी जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों और फ्लाई ऐश का इस्तेमाल सड़कों के निर्माण में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण पथों के देखरेख की नीति शीघ्र तैयार हो जाएगी। उनके मुताबिक, प्रदेश में पीएमजीएसवाई के पहले फेज का काम 2018-19 तक पूरा कर लिया जाएगा और दूसरे चरण का काम वित्तीय वर्ष 2019-20 में आरंभ हो जाएगा। दोनों ही फेज की स्वीकृति मिल चुकी है। तीन सालों में राज्य में 22,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनीं हैं जो कि राष्ट्रीय रिकार्ड है।

कई इंजीनियर किए गए पुरस्कृत

सीएम ने बेहतर कार्य के लिए इस अवसर पर कई अभियंताओं को पुरस्कृत भी किया। इनमें कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद सिंह, प्रबोध कुमार सिंह एवं मो। नबी अहमद, सहायक अभियंता अरविंद कुमार, सतीश चंद्र रजक एवं अविनाश कुमार और कनीय अभियंता रवि कुमार श्रीवास्तव, देवेश नंदा एवं विमल प्रसाद शामिल हैं। कार्यक्रम में मंच पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विधायक सुबोध राय एवं कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।