-पटना के 50 सेंटर्स पर हुई सीबीएससई नेट की परीक्षा

क्कन्ञ्जहृन्: सीबीएससई यूजीसी नेट की परीक्षा पटना के 50 सेंटर्स पर रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई। पहली बार बदले हुए पैटर्न को लेकर जहां परीक्षा से पहले कैंडिडेट्स के मन में कई सवाल थे, वहीं परीक्षा के बाद आसान अनुभव रहा। खासतौर पर पेपर टू में कैंडिडेट्स इस बात से खुश दिखे कि कोई सब्जेटिव प्रश्न नहीं आया। जबकि पुराने पैटर्न में पेपर टू और थ्री को मिलाकर पूछे गए प्रश्न से छात्र पहली बार निर्णायक पेपर दे रहे थे।

तीन घंटे में 150 प्रश्न

नए पैटर्न के अनुसार पहला पेपर 100 नंबर का था और 50 प्रश्न थे। जबकि दूसरा पेपर 200 मा‌र्क्स का था और 100 सवाल पूछे गए। प्रति प्रश्न दो मा‌र्क्स थे और निगेटिव मार्किंग नहीं थी। जबकि इससे पहले कुल 450 मा‌र्क्स की परीक्षा होती थी। परीक्षा देने आए कैंडिडेट्स ने बताया कि उन्हें नया पैटर्न ज्यादा बेहतर लगा। क्योंकि इसमें परीक्षा को बोझिल होने से रोका गया है।

जीके से थे अधिक प्रश्न

पेपर वन में ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल थे, जिसमें टीचिंग एबिलिटी, स्टूडेंट्स को पढ़ाते वक्तअपने साथ जोड़ने के लिए एप्टीट्यूड और एप्रोच से संबंधित सवाल पूछे गए। हालांकि इस बार पेपर वन में मैथ और रीनजिंग से कम और जीके से प्रश्न अधिक पूछे गए। इसके अलावा रिसर्च बेस्ट प्रश्न भी पूछे गए थे। जबकि पेपर टू में चयनित सब्जेक्ट से संबंधित 100 सवाल पूछे गए। पेपर वन एक घंटे जबकि पेपर टू दो घंटे का था।

कट ऑफ जाएगा हाई

परीक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि नेट में बीते वर्ष कट ऑफ 65 गया था जबकि इस बार यह 75 तक जाने की संभावना है। क्योंकि प्रश्न अपेक्षाकृत आसान होने के कारण यह कयास लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, जहां अब तक पेपर थ्री क्वालिफाई करने के लिए निर्णायक होता था अब यह स्थिति पेपर टू के साथ है। कैंडिडेट्स ने कहा कि पैटर्न बदने के बाद अब पेपर टू क्वालिफाई के लिए निर्णायक है।

कलाई घड़ी उतारी गई

इस बार भी सीबीएसई -यूजीसी नेट की परीक्षा में कड़ी जांच की गई। निर्देश के अनुसार कलाई घड़ी भी पहनने की अनुमति नहीं थी। इसके लिए परीक्षा हॉल में वाल क्लॉक लगाया गया था। इसके अलावा किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लाने की सख्त मनाही थी। इसलिए परीक्षा से पहले ही कैंडिडेट्स से कलाई घड़ी उतरवा ली गई। नोटिफिकेशन के मुताबिक परीक्षा शुरू होने से ढाई घंटे पहले एग्जाम सेंटर्स पर एंट्री करायी गई। इससे परीक्षार्थी सहज तरीके से सेंटर्स पर पहंच गए।

नए पैटर्न की अच्छी बातें

-समय प्रबंधन, पांच घंटे की बजाय तीन घंटे में ही परीक्षा हुई पूरी।

-आसान सवाल से प्रतिस्पद्र्धा का स्तर और बढे़गा।

-ऑब्जेक्टिव प्रश्नों से ही विश्लेषणात्मक योग्यता जांची जाएगी।

पुराने पैटर्न की अच्छी बातें

-आब्जेक्टिव के साथ सब्जेक्टिव प्रश्न। सब्जेक्टिव एबिलिटी की होती थी गहन जांच।

-पेपर एक व तीन में अतिरिक्त प्रश्न मिलने से आसान सवाल बनाने की रहती थी सुविधा।

-चयनित सब्जेक्ट के गहन अध्ययन पर आधारित होते थे प्रश्न।