-जिलाधिकारियों को 20 अगस्त तक उपलब्ध करानी है विस्तृत रिपोर्ट

PATNA: भू सर्वे के तहत की गई एरियल फोटोग्राफी से तय हो रहा सूबे के जलस्त्रोतों पर अतिक्रमण का मामला। लगभग पैंसठ हजार ऐसे जलस्त्रोतों की अब तक जानकारी उपलब्ध हो चुकी है। इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को यह टास्क दिया गया है कि बीस अगस्त तक अपने-अपने जिले में चिन्हित जलस्त्रोतों का वे भौतिक सत्यापन कर लें। भौतिक सत्यापन के क्रम में जिलों से यह रिपोर्ट आनी है कि कौन से जलस्त्रोत सार्वजनिक हैं और कौन निजी। दिसंबर से इन्हें अतिक्रमण मुक्त किए जाने का अभियान चलाया जाना है। मुख्यमंत्री की हिदायत है कि एक-एक गांव में यह अभियान चलेगा और हर हाल में जलस्त्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कराना है। जल-जीवन-हरियाली अभियान का यह मुख्य तत्व है।

भू सर्वे से मिली जानकारी

कुछ दिनों पहले राज्य सरकार ने लैंड सर्वे के तहत एरियल फोटोग्राफी कराई थी। एरियल सर्वे की जो तस्वीर उपलब्ध है उसमें वह जगह एक अलग रंग में चिन्हित है जहां जलस्त्रोत है। इसके आधार पर यह सूचना उपलब्ध हो सकी है कि सूबे में जलस्त्रोतों की संख्या कितनी है। इसमें तालाब, अहर, पईन व अन्य जलस्त्रोत हैं।

अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई

जल-जीवन-हरियाली अभियान का मुख्य तत्व है सार्वजनिक जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराना। आमतौर पर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में तालाबों पर अतिक्रमण की शिकायत मिलती रही है। मुख्य सचिव की मॉनीट¨रग में अभियान को चलना है। डीएम को निर्देश है कि सार्वजनिक जलस्रोतों के अतिक्रमण सख्ती से हटे।