-राज्यस्तरीय पंचायत स6मेलन में भागीदारी निभा रहीं हैं 5 जिले की सैकड़ों बेटियां

PATNA: बाल विवाह पर चाबुक अब पंचायतों से चलेगा। रणनीति ऐसी बन रही है जिससे बाल विवाह का संक्रमण ही समाज से दूर हो जाएगा। द हंगर प्रोजक्ट ने इसके लिए बड़ी पहल की है। पटना में गुरुवार से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में मंथन के बाद ऐसा प्लान तैयार किया जाएगा जिससे बाल विवाह करना तो दूर लोग इसके बारे में सोचना तक छोड़ देंगे। विशेष अतिथि महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक एन विजय लक्ष्मी ने कहा कि सरकार बाल विवाह की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है, अब ये कुरीति समाज में आखिरी सांसें ले रही है।

राज्य लैंगिक समानता की ओर

किशोरियों एवं महिला जनप्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में स्वीडेन दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी गौतम भट्टाचार्या ने कहा कि 'बिहार में बाल विवाह की रोकथाम के लिए किशोरियों और महिला जनप्रतिनिधियों की आवाज और सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान यह संकेत देता है कि यह राज्य लैंगिक समानता की ओर अग्रसर होगा' उन्होंने कहा कि सरकार का यह अभियान अब जन-जन का अभियान बन गया है।

मंत्री ने कहा बाल विवाह का अंत

द हंगर प्रोजक्ट द्वारा युवा आवास में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने कहा कि बिहार सरकार बाल विवाह को समाप्त करने को प्रतिबद्ध है। महिला जनप्रतिनिधियों ने बाल विवाह और किशोरियों के अधिकार पर ग्राम सभा में प्रावधान करने की मांग की। पंचायत राज्यमंत्री कपिलदेव कामत ने भरोसा दिया कि बाल विवाह विषय पर ग्राम सभा व वार्ड सभा के प्रावधान से अभियान सशक्त किया जाएगा। अध्यक्षता करते हुए द हंगर प्रोजेक्ट की ग्लोबल वाइस पे्रसिटेंड और भारत में महिलाओं की राजनीतिक सशक्तिकरण की पैरोकार रीटा सरीन ने बिहार सरकार से अपील की कि बाल विवाह जैसी कुरितियों को दूर करने के लिए पंचायत राज की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों को वैधानिक रूप से हक देने की जरूरत है। सुकन्या उत्सव का उद्घाटन करते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा ने भी योजनाएं बताई। किशोरियों एवं निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में पांच जिले मुजफ्फरपुर, शिवहर, पंश्चिमी चम्पारण, जमुई व रोहतास की 100 ऐसी किशोरियां भागीदारी निभा रहीं हैं। जिन्होंने स्वयं व अपने जैसी अन्य किशोरियों का बाल विवाह रोका है।