पटना(ब्यूरो)। बिहार राज्य शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सरकारी स्कूल के बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी देने तथा उन्हें सचेत करने के उद्देश्य से कक्षा छह, सात, नौ और 10 वीं के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा के उपाय चैप्टर को शामिल किया है। इसमें बच्चों को जेब्रा क्राङ्क्षसग की जानकारी देने के साथ ही हेलमेट, सीट बेल्ट के फायदे के बारे में भी बताया गया है। इसके अलावा ओवर स्पीड और नशे में गाड़ी चलाने के दुष्परिणाम और सजा के बारे में भी जानकारी दी गयी है। बच्चों को यातायात के संकेत की जानकारी देने के लिए इंडेक्स बनाकर साइन के बारे में बताया गया है। बच्चों को खासकर साइकिल चलाने के समय सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बच्चे सुरक्षित ढंग से साइकिल चलाएं

पाठ्यक्रम में बच्चों को सुरक्षित ढंग से साइकिल चलाने के उपाय बताए गए हैं। सड़क पर चोटग्रस्त होने वाले साइकिल सवारों में लगभग 40 प्रतिशत वे बच्चे होते हैं, जिनकी उम्र 16 वर्ष से कम होती है। पाठ्यक्रम में बच्चों को सड़क पर साइकिल सीखने की मनाही की गई है। बताया गया है कि वयस्क व्यक्ति या अभिभावक की मौजूदगी में पार्क या खेल मैदान में जैसे सुरक्षित स्थानों पर साइकिल चलाना सीखें।

इन बातों का रखें ध्यान

साइकिल को सुचारु स्थिति में रखें। चलाने से पहले ब्रेक्स, टायर, हवा का दबाव व चेन की जांच करें।

यातायात नियमों का पालन करें, मुड़ते समय यातायात पर नजर डालें और हाथ से संकेत दें ।

साइकिल पर क्षमता से अधिक भार न लादें, साइकिल एक या अधिकतम दो व्यक्ति ही बैठें।

साइकिल हमेशा सड़क के बायीं ओर चलाएं।

ओवटेङ्क्षकग से बचे, यदि सड़क संकरी है तो एक कतार में रहें।

सड़क पर कालाबाजी न करें, हैंडल के दोनों डंडों पर अपना हाथ रखें।

यदि उपलब्ध हो तो सिर्फ साइकिल मार्ग का उपयोग करें, चौकस रहें।

साइकिल पर रिफ्लेक्टिव (परावर्तक) टेप लगाएं।

अधिक स्पीड में साइकिल नहीं चलाएं।

क्या कहते हैं अधिकारी

बच्चों को सड़क सुरक्षा को लेकर जानकारी होनी चाहिए, पाठ्यक्रम में यातायात के नियमों एवं संकेतों को इंडेक्स के माध्यम से समझाया गया है। बच्चों में सीखने की प्रवृति होती है। इसलिए इन विषयों को पाठयक्रम में शामिल किया गया है।