-नई पुरानी कोई भी कहानी भेजकर पा सकते हैं अवार्ड

क्कन्ञ्जहृन्: हर सफर में कोई न कोई ऐसी कहानी बनती है जो हमेशा याद रहती है। कुछ रोचक होती है तो कोई प्रेरणादायक। बहुत सी कहानियां तो ऐसी बनती हैं जो जिंदगी में एक बड़ा सबक दे जाती हैं। आपके साथ भी रेल यात्रा के दौरान कोई ऐसी रोचक कहानी बनी है तो आप रेल मंत्रालय से 10 हजार रुपए का पुरस्कार जीत सकते हैं। रेल मंत्रालय ने यात्रियों की कहानियों पर पुरस्कार देने का प्लान बनाया है।

यात्रा वृतांत पुरस्कार की घोषणा

रेल मंत्रालय ने रेल यात्रा वृत्तांत पुरस्कार योजना की घोषणा की है। योजना के तहत रेलवे के अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा हर वह व्यक्ति शामिल हो सकता है, जिसके पास अपनी ट्रेन यात्रा को लेकर कोई रोचक कहानी हो। प्रतियोगिता में लोगों को सफर के दौरान ट्रेन में बिताए लम्हों को शेयर करना है। आपका लेख रेल यात्रा वृत्तांत पुरस्कार योजना के लिए चयनित होता है, तो इनाम दिया जाएगा।

31 अगस्त से पहले भेजें कहानी भाग लेने के लिए 3000 श?दों में अनुभव शेयर करना होगा। अपनी कहानी 31 अगस्त से पहले तक निदेशक, राजभाषा, कमरा नंबर-544, रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड), रेल भवन, रायसीना रोड, नई दिल्ली-110001 पर भेजना होगा।

कहानी पसंद आने पर 10 हजार के होंगे हकदार

रेल अफसरों का कहना है कि अगर आपकी कहानी रेल मंत्रालय द्वारा गठित जजेज को पसंद आती है तो आप 10 हजार रुपए तक के पुरस्कार पा सकते हैं। रेल यात्रा वृत्तांत पुरस्कार योजना के तहत प्रथम स्थान पाने वाले प्रतिभागी को 10000 रुपए, द्वितीय प्रतिभागी को 8000 रुपए, तृतीय प्रतिभागी को 6000 रुपए का इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा प्रेरणा पुरस्कार के रूप में 4000 रुपए दिए जाएंगे।

कहानी भेजने में यह बरतें सावधानी

-अपनी कहानी भेजते समय यह ध्यान रखें कि लेख कागज के एक ओर डबल स्पेस में टाइप होना चाहिए।

-प्रतियोगी का विवरण जैसे नाम, पदनाम, आयु, पता कार्यालय/निवास, मातृभाषा और मोबाइल सहित अन्य विशेष जानकारी स्पष्ट लिखें। किसी तरह की गलती होने पर आवेदन रिजेक्ट की जा सकती है।

-यात्रा वृत्तांत हिंदी में लिखा होना चाहिए, तभी यह प्रतियोगिता में शामिल की जाएगी।

-भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी योजना के अधीन एक बार पुरस्कार पाने वाले प्रतिभागी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

-प्रतियोगिता में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देना होगा कि उसके लेख को किसी अन्य योजना के अंतर्गत पुरस्कृत नहीं कि या गया है।