PATNA : पटना से दूर सात समंदर पार रहने वाले लोग भी अपने पूर्वजों का श्राद्ध व पिंडदान ऑनलाइन कर सकेंगे। पिंडदान की वीडियो रिकॉर्डिग कराई जाएगी जिसे आवेदकों को सीडी बनाकर डाक के माध्यम से भेज दी जाएगी। पर्यटन विभाग के इस पहल से सबसे अधिक ऐसे लोगों को लाभ मिलेगा जो समय अभाव में गया और पटना के पुनपुन में अपने पूर्वजों के पिंडदान अभी तक नहीं कर पाए हैं।

19,500 होगा विधिवत पिंडदान

अधिकारियों की मानें तो विभाग की ओर से पर्यटकों के लिए पिंडदान करने की व्यवस्था पहले से है मगर इस नई व्यवस्था के बाद वे घर बैठे पिंडदान कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें विभाग को 19,500 रुपए देने होंगे। जिसमें श्राद्ध कर्म के दौरान लगने वाली सामग्री भी शामिल है।

गया और पुनपुन में श्राद्ध कर्म

श्राद्ध करने की जगह आवेदकों के उपर निर्भर करेगा। विभाग की ओर से गया और पुनपुन को शामिल किया गया है। इन दोनों में कहीं भी आवेदक श्राद्ध करा सकते हैं। ये श्राद्ध पितृ पक्ष के दौरान होगा। श्राद्ध कर्म कराने के लिए विभाग की ओर से पंडितों की विशेष व्यवस्था कराई जाएगी।

मोक्ष का सरल मार्ग है पिंड दान

एम्सपर्ट की मानें तो अश्रि्वन माह के कृष्ण पक्ष से अमावस्या तक अपने पितरों के श्राद्ध की परंपरा है। सूर्य अपनी प्रथम राशि मेष से भ्रमण करता हुआ जब छठी राशि कन्या में एक माह के लिए भ्रमण करता है तब ही यह सोलह दिन का पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान पितरों को पिंडदान करते हैं।