PATNA: आपके मनोरंजन पर दलालों की नजर है। मौका मिलते ही वह आपकी जेब पर हाथ डालने को तैयार हो जाते हैं। न पुलिस का डर और न ही जिला प्रशासन का, वह थाना के पास ही खुलेआम ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं। इन दिनों पटना के गांधी मैदान थाना एरिया में दलालों की सक्रियता बढ़ गई है। दलाल थाना के आस पास ही सिनेमा के टिकट ब्लैक कर लोगों से दोगुना पैसा वसूल रहे हैं।

मनोरंजन पर लगा रहे हैं ग्रहण

गांधी मैदान थाना एरिया में दो सिनेप्लेक्स हैं। दोनों में जब भी कोई डिमांडेड फिल्म लगती है तो दलालों की सक्रियता बढ़ जाती है। वह खुलेआम सड़क से लेकर हॉल तक टिकट की ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर देते हैं। पटना में मामला सामने आने पर जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन किया तो दलालों का बड़ा चैनल सामने आया। सिनेप्लेक्स के विंडो हाउसफुल थे जबकि आस पास धड़ल्ले से दोगुना दाम में टिकट की बिक्री चल रही थी। आस पास पुलिस की ड्यूटी होने के बाद भी दलालों की सक्रियता बड़ा सवाल है।

रिपोर्टर - टिकट मिल जाएगी क्या?

दलाल -कितनी चाहिए।

रिपोर्टर - 10 से 12 लोग हैं हम?

दलाल - जितना चाहिए उतना ले लीजिए।

रिपोर्टर - कितना देना होगा?

दलाल - एक टिकट साढ़े तीन सौ में बेच रहे हैं, अधिक ले रहें हैं तीन सौ दे दीजिएगा।

रिपोर्टर - रेट तो कम है इतना क्यों ले रहे हैं?

दलाल - बड़ा रिस्क होता है उसे भी देखना होगा न ।

रिपोर्टर - 50 रुपए अधिक लेकर दे दीजिए?

दलाल - नहीं इससे कम नहीं हो पाएगा।

रिपोर्टर - और कोई बेचता है?

दलाल - कई हैं लेकिन कोई भी इससे कम में टिकट नहीं देगा आपको।

आबादी ज्यादा, मनोरंजन कम, जिम्मेदार बेदम

पटना की आबादी के हिसाब से मनोरंजन की व्यवस्था नहीं है। बात सिनेमाघरों की करें तो यहां आम लोगों के लिए सिनेमा हाल की भी व्यवस्था नहीं है। सिनेप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स में दाम अधिक है और महज गिने चुने ही हैं। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कत होती है। सिनेप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स के कम होने से जब भी कोई डिमांडेड फिल्म आती है भीड़ बढ़ जाती है और इसका फायदा दलाल खूब उठाते हैं। अगर सिनेप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स के साथ सिनेमाघरों की संख्या आबादी के हिसाब से होती तो लोगों के मनोरंजन में दिक्कत नहीं आती। मल्टीप्लेक्स की संख्या कम होने से दलाल इसका फायदा खूब उठाते हैं।