-बालू-गिट्टी खनन से संबंधित किस नियमवाली पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक यह स्पष्ट नहीं -जीतन राम मांझी और लालू यादव की सुरक्षा में राज्य सरकार ने नहीं की कटौती PATNA: राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में भरोसा दिलाया कि पहली दिसंबर से प्रदेश में बालू एवं गिट्टी की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बालू और गिट्टी के खनन से संबंधित नियमावली पर रोक लगा दिया है मगर रोक किन बिन्दुओं पर है, यह स्पष्ट नहीं किया है। इस फैसले का नई व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि लालू प्रसाद और जीतन राम मांझी की सुरक्षा में राज्य सरकार ने कोई कटौती नहीं की है। गरीब भी करते है उपयोग पहली पाली में ध्यानाकर्षण के माध्यम से भाजपा के शचींद्र सिंह ने बालू एवं गिट्टी की आपूर्ति बाधित रहने का मामला उठाया। पूरक प्रश्न के माध्यम से भाजपा के संजय सरावगी ने सरकार को घेरा.उन्होंने कहा कि शराब और बालू एक समान नहीं हैं। नई नीति के तहत अवैध बालू खनन एवं बिक्री के लिए पांच लाख रुपए तक जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि छोटे-छोटे कामों के लिए गरीबों द्वारा भी बालू का इस्तेमाल किया जाता है। सस्ती भी हो सकती है बालू इस दौरान उन्होंने जानना चाहा कि क्या पहली दिसंबर से बालू की कीमत पहले जैसी रहेगी? बाहर से आ रहे बालू का क्या होगा? खनन एवं भूतत्व मंत्री विनोद सिंह ने बताया कि नई खनन नीति के तहत नियमावली बनी है। खुदरा बिक्री के लिए जितने भी लोगों को लाइसेंस की जरूरत होगी, सरकार देगी। इस पर संजय सरावगी ने कहा कि ऐसी स्थिति में लॉटरी द्वारा लाइसेंस क्यों निर्गत किए जा रहे हैं? मंत्री ने कहा कि बालू की कीमत पहले जैसी ही रहेगी, हो सकता है बालू और सस्ती हो जाए। बाहर से गिट्टी आने पर रोक नहीं उनके मुताबिक, बाहर से गिट्टी के आने पर कोई रोक नहीं रहेगी। उसका यहां भंडारण होगा और नई व्यवस्था के तहत बिक्री होगी। सरावगी ने यह कहकर नई व्यवस्था का विरोध किया कि लोग ट्रैक्टर में जीपीएस और ई-लॉक कहां से लगाएंगे वहीं दूसरी पाली में दो विधेयकों को सदन ने मंजूरी प्रदान की। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रण करने का दावा मंगलवार को विधान परिषद में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच खूब सवाल-जवाब हुए। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष डेंगू व चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ा है। इसके साथ ही उन्होंने बीमारी पर नियंत्रण का दावा किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने नवल किशोर यादव के एक प्रश्न के जवाब में पांडेय ने कहा कि मेडिकल कालेज अस्पतालों को शीघ्र ब्लड सेपरेटेर उपलब्ध कराये जाएंगे। उन्होंने नवल किशोर यादव के एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि केंद्र ने नौ स्थानों पर ट्रामा सेंटर स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है। समस्या है कि ट्रामा सेंटर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। प्रदेश में न्यूरो व प्लास्टिक सर्जरी के विशेषज्ञों की भारी कमी है। ये सवाल तेज प्रताप से पूछिए मंत्री के जवाब के दौरान बीच में टोकते हुए राजद के सुबोध कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग चौपट है। अस्पताल में कुछ नहीं है तो ट्रामा सेंटर में क्या होगा? इस पर मंत्री ने कहा कि यह सवाल तो आपको तेज प्रताप यादव से पूछना चाहिए था जो विभाग में बैठकर बांसुरी बजाते थे। विभाग में कभी नहीं आते थे। सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि विभाग तो प्रधान सचिव चलाते हैं। पहले जो प्रधान सचिव थे वहीं तो आपके समय में भी हैं। आयुष मिशन का हुआ गठन सीपी सिन्हा के एक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि 8म् आयुर्वेद चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को भेजी गई है। प्रदेश में आयुष मिशन का गठन हो गया है। इससे आयुष चिकित्सा के लिए केंद्र से राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि नियमावली में संशोधन हो गया है।