-राज्य अपीलीय प्राधिकार के आदेशानुसार शिक्षिका का नियोजन रद करने का दिया गया था पत्र

BIHARSHARIFF/PATNA: नियोजन रद होने से परेशान पंचायत शिक्षिका ने गुरुवार को नूरसराय बाजार स्थित किराए के मकान में फांसी लगा कर अपनी जान दे दी। शिक्षिका सीता कुमारी ने 2012 में ही पंचायत शिक्षक के पद पर योगदान किया था। लेकिन योगदान के बाद से आज तक यानी सात साल तक वेतन नहीं मिला। वेतन के लिए विभाग का चक्कर लगाकर थक चुकी थी। मृतका सीता कुमारी नूरसराय प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय किश्मीरीचक में पंचायत शिक्षक पद पर कार्यरत थी। 19 जनवरी को राज्य अपीलीय प्राधिकार के आदेशानुसार नियोजन रद करने का पत्र दिया गया था।

सात साल से नहीं मिल रहा था वेतन

शिक्षिका नूरसराय प्रखंड क्षेत्र के लखीचक निवासी अनिल प्रसाद की पत्नी थी। वह नूरसराय में किराए के मकान में रहती थी। मृतका का भाई रानीपुर निवासी रच्मबच्चन प्रसाद ने बताया कि बहन 2012 से प्राइमरी स्कूल किश्मीरी चक में पदस्थापित थी। सात वर्ष से वेतन नहीं मिला था और 19 जनवरी को नियोजन रद कर दिया गया। इसके बाद से वह टेंशन में थी। बहन सीता ने वेतन के लिए जिला अपीलीय प्राधिकार में गुहार लगाई थी। जहां से राज्य अपीलीय प्राधिकार भेज दिया गया था। प्राधिकार के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग ने नियोजन इकाई को नियोजन रद करने का आदेश दिया था। सेवा समाप्त कर दी गई थी।

चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

आत्महत्या की सूचना मिलते ही थाना पुलिस मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सीता देवी के पुत्र ने चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। नूरसराय थानाध्यक्ष अभय कुमार ने बताया कि मृतका के पास से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें नियोजन में किन-किन लोगों का हाथ है उसके बारे में भी चर्चा की है। लेकिन पुलिस उस सुसाइड नोट के बारे में फिलहाल कुछ भी बताने से मना कर रही है।

विभागीय जांच में यह बात भी सामने आई थी कि नियोजन गलत तरीके से पंचायत के कुछ लोगों ने की थी। इसके बाद महिला शिक्षिका जिला अपीलीय प्राधिकार में गई थी जहां से राज्य अपीलीय प्राधिकारी को जांच करने के लिए पत्र लिखा गया था। राज्य अपीलीय प्राधिकारी से शिक्षा विभाग को सेवामुक्त करने का आदेश दिया गया। फिर शिक्षा विभाग ने नियोजन इकाई को पत्र दिया। इसके बाद नियोजन रद कर दिया गया। विभाग स्तर से कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इसके लिए कौन दोषी है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

-मनोज कुमार, डीईओ, नालंदा