-पैतृक गांव मधुबनी जिले के

कोइलख में हुई अंतिम विदाई

PATNA: प्रख्यात चिकित्सक पद्मश्री डॉ। मोहन मिश्र ( 86) नहीं रहे। लहेरियासराय के बंगाली टोला स्थित आवास पर गुरुवार रात उनका निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे। वे अपने पीछे दो पुत्रों और दो पुत्रियों समेत भरापूरा परिवार छोड़ गए। उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई। मिथिलांचल के लोग उन्हें धरती के भगवान के रूप में देखते थे। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के कोइलख गांव में किया गया। मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र नरोत्तम मिश्र ने दी। उत्तर बिहार में कालाजार पर किए गए रिसर्च के लिए वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पद्मश्री से सम्मानित किया था।

मंत्रियों ने शोक जताया

उनके निधन पर सूबे के जल-संसाधन सह सूचना व जन संपर्क विभाग के मंत्री संजय झा ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर डॉ। मिश्र के निधन को चिकित्सा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। लिखा- डॉ। मिश्र मिथिला के लोगों के लिए भगवान की तरह थे। सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि डॉ। मिश्र के निधन की भरपाई नहीं हो सकती। वे जनसेवा के लिए समर्पित थे। समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी, केवटी के डॉ। मुरारी मोहन झा, राजद नेता आरके चौधरी ने भी शोक जताया।