पटना ब्‍यूरो। कुर्जी चर्च, पाटलिपुत्र स्टेशन स्थित एजी चर्च, लोदीपुर स्थित मेथोडिस्ट चर्च, बाड़ी पथ स्थित बैपटिस्ट यूनियन चर्च समेत राजधानी के तमाम चर्चों में खजूर रविवार मनाया गया। इस मौके पर चर्च में विशेष प्रार्थना सभा और आशीष गीत गाए गए। हाथों में खजूर की डालियां लेकर लोग यीशु मसीह से अपने परिवार और समाज के सुख और शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्य याजक फादर दिनेश टोप्पो ने कहा कि प्रभु यीशु का दुखभोग हमें सिखाता है कि हमें कैसे ईश्वर के पुत्र-पुत्रियों के समान जीना चाहिए। ईश्वर प्रेम और पड़ोसी प्रेम ही सच्चे जीवन की बुनियाद है। यदि हम यीशु के सच्चे चेले हैं तो हमें चाहिए कि हम भी यीशु मसीह की तरह अपने आपको मानवीय हित के लिए दीन-हीन, दयालु, क्षमाशील और सबका सेवक बनें।

खजूर की डालियों के साथ निकली इसाई मंडली

सुबह 5:30 बजे संत माईकल स्कूल से जुलूस निकाला गया, जो कुर्जी चर्च के परिसर में प्रार्थना सभा में तब्दील हो गया। प्रार्थना सभा में धर्मग्रंथ से यीशु मसीह के दुखभोग के बारे में शोभा रंजन, प्रवीण कुमार और मुख्य याजक पुरोहित दिनेश टोप्पो ने बताया। खजूर रविवार में पांच हजार से अधिक इसाई समुदाय के लोग शामिल हुए। समारोह में पुरोहित के रूप में कुर्जी पल्ली पुरोहित फादर सेल्विन जेवियार, सहायक फादर अमुल राज, फादर पवन, फादर रोशन, फादर ग्रेगरी आदि शामिल थे। खजूर पर्व सुबह 8:00 बजे और शाम में पांच बजे किया गया।

क्यों मनाया जाता खजूर रविवार

यीशू मसीह जब यरुशलेम पहुंचे थे तो वहां के लोगों के लिए खुशी का मौका था। उस समय उनके पास साज-सजावट के लिए कुछ खास चीजें नहीं थीं, इसलिए वहां के लोगों ने प्रभु यीशु का स्वागत खजूर के पत्तों और डालियों से किया। इसलिए इस दिन को खजूर रविवार कहा जाता है।

खजूर की डाल लहराकर येशु का महिमागान

इधर, पटना सिटी में ईसा मसीह के येरुसलेम में प्रवेश की याद में पादरी की हवेली स्थित महागिरिजाघर में रविवार को ईसाई समुदाय की ओर से खजूर रविवार का पर्व मनाया गया। हाथ में खजूर की टहनियां लेकर प्रार्थना करते व भजन गाते ईसाई समुदाय के लोग मिशनरी आफ चैरिटी से पादरी की हवेली स्थित महागिरिजाघर तक ईसा मसीह का महिमागान करते पैदल पहुंचे। यहां पवित्र मिस्सा बलिदान की पूजा हुई। महागिरिजाघर के पल्ली पुरोहित फादर प्रवीण लोबो ने धार्मिक अनुष्ठान कराते हुए कहा कि मानव मुक्ति के लिए दुख उठानेवाले प्रभु यीशु को ह्दय व जीवन में उनकी नीतियों का स्वागत करें। फादर ने कहा कि आज से हमलोग पवित्र सप्ताह में प्रवेश कर गए हैं। फादर ने बताया कि शुक्रवार को गुड फ्राइडे और रविवार को ईस्टर का पर्व मनाया जायेगा। गुरुवार को येरस्टू के तहत शिष्यों के पैर धोने व मिस्सा बलिदान पूजा के साथ अन्य धार्मिक अनुष्ठान होगा। धार्मिक अनुष्ठान में पादरी की हवेली महागिरिजाघर के सहायक पुरोहित फादर प्रदीप सोरंग व फादर सुरेश खाखा, मिशनरी आफ चैरिटी व माता सदा सहायिका की धर्म बहनें, एम्ब्रोज पैट्रिक, विक्टर अल्फोंस, बसिल लकड़ा, अल्बर्ट, गायक मंडली के सदस्यगण समेत अन्य थे।