- जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल में सुविधाओं पर पड़ा कीचड़ और पानी

- लोगों की सुविधा के लिए लगाए गए हैं वाटर प्रूफ पंडाल फिर भी टपक रहा पानी

- टॉयलेट में पानी नहीं, पेशेंट और परिजन परेशान

PATNA : कोरोना काल में सरकार सभी को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए कह रही है। सरकारी अस्पतालों में सफाई पर काफी खर्च किया जा रहा है। साथ ही वैक्सीन और कोरोना की जांच कराने आए लोगों की सुविधाओं पर बड़ी धनराशि खर्च की जा रही है। लेकिन, राजधानी का प्रमुख सरकारी अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश नारायण हॉस्पिटल में सुविधा के नाम पर लूट मची हुई है। अस्पताल परिसर में वाटर प्रूफ पंडाल लगाए गए हैं। लोगों को बैठने के लिए काफी संख्या में कुíसयां भी किराए पर मंगाई गई हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से कुíसयां बेकार पड़ी हुई हैं और जांच कराने आए लोगों को खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। इसके अलावा हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट और उनके परिजनों पर अव्यवस्था की मार पड़ रही है। लोगों को गंदगी के बीच पीने का पानी लेना पड़ रहा है। ऐसी शिकायत मिलने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब वहां का जायजा लिया तो कई जगह अव्यवस्था दिखी। पेशेंट के परिजनों ने हॉस्पिटल में होने वाली परेशानी को बताया। आप भी जानें लोक नायक जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल में बदहाली का हाल।

टॉयलेट में पानी नहीं

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शनिवार को जब हॉस्पिटल का निरीक्षण किया तो पेशेंट के परिजनों ने बताया कि टॉयलेट में पानी नहीं है। जिस वजह से लोग सुबह से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि पानी नहीं रहने की वजह से टॉयलेट गंदी पड़ी है। वहीं जब सफाई कर्मचारी से पूछा गया तो उसने बताया कि जब पानी ही नहीं है तो सफाई कैसे होगी। उन्होंने बताया कि पानी आते ही टॉयलेट की सफाई कर दी जाएगी।

गंदगी में पीने का पानी

पेशेंट के परिजनों ने बताया कि पूरे परिसर में पीने के साफ पानी के लिए एक नल की व्यवस्था की गई है। वहां भी गंदगी रहती है। नल के पास दूसरा नल खराब हालत में पड़ा हुआ है। लोगों का आरोप है कि इतने बड़े हॉस्पिटल में पीने के साफ पानी के लिए सिर्फ एक ही नल चालू हालत में है। गंदगी की वजह से पानी खरीद कर लाना पड़ रहा है।

पंडाल में जमा है बारिश का पानी

लोगों को बारिश और धूप से बचाने के लिए हॉस्पिटल परिसर में वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया है। जहां लोग जांच और वैक्सीन लेने के लिए आराम से अपनी बारी का इंतजार कर सकें। जहां कोरोना की जांच हो रही है उसके सामने ही पंडाल की छत से बारिश का पानी टपक कर जमा हो गया है। लेकिन पानी को नहीं हटाया जा सका।

मुंह ताक रहीं कुíसयां

लोगों को पंडाल में बैठने के लिए कुíसयों की भी व्यवस्था की गई है। लेकिन कुíसयों को एक जगह रखा गया है। हॉस्पिटल में मौजूद लोगों ने बताया कि सुविधा के नाम पर पैसे की बर्बादी हो रही है। लापरवाही की वजह से कुíसयां बेकार पड़ी हुईं हैं। हमलोग खड़े होकर जांच कराने का इंतजार कर रहे हैं। यदि कुíसयां लाइन में रखी गईं होती तो आराम से बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते।

हॉस्पिटल में एंट्री के लिए मशक्कत

हॉस्पिटल के मेन गेट को बंद कर दिया गया है। आने-जाने के लिए छोटे गेट को खोलकर रखा गया है। कई पेशेंट जो बाइक से आए थे उन्होंने बताया कि वे मेन गेट के पास से पैदल ही हॉस्पिटल में आ रहे थे। लेकिन बारिश की वजह वहां कीचड़ हो गया है। कार वाले तो आराम से हॉस्पिटल में एंट्री कर लेते हैं। लेकिन बाइक वाले को कीचड़ में फिसल कर गिरने का डर सताता है। किसी तरह मशक्कत कर बाइक से हॉस्पिटल में आ रहे थे।

सुध लेने वाला कोई नहीं

हॉस्पिटल में काफी अव्यवस्था है। लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। लोगों का कहना है कि इलाज कराना मजबूरी है। इसलिए डर की वजह से हमलोग कहीं शिकायत नहीं कर रहे हैं। जब लोगों से परेशानी को लेकर बात की गई तो पेशेंट के परिजनों ने बताया कि हमलोगों का नाम और फोटो मत छापिएगा, नहीं तो कर्मचारी परेशान करेंगे।

धूप बारिश से बचाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से टेंट और बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था की गई है। पिछले दिनों हुई आंधी-पानी से थोड़ी परेशानी बढ़ी है। साफ-सफाई के लिए नया टेंडर दिया गया है। पीने की पानी की व्यवस्था को और सुदृढ किया जा रहा है।

- डॉ सुभाष चंद्रा, निदेशक, जय प्रकाश नारायण हड्डी हॉस्पिटल