पटना (ब्यूरो)। बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन दूसरे जिलों की कौन कहे राजधानी पटना में भी स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में ठंड ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। पीएमसीएच में मरीजों के लिए कंबल और हीटर तो दूर की बात है, मरीजों के बेड पर चादर और ौंड से बचने के लिए कंबल तक उपलब्ध नहीं है। इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों से मिल रही थी। हकीकत जानने के लिए हमारी टीम ने अस्पताल जाकर पड़ताल की कुव्यवस्था सामने आई। पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

ठंड से बचाव के इंतजाम नाकाफी

स्वास्थ्य सुविधाओं की पड़ताल के लिए जैसे हमारी टीम पीएमसीएच पहुंची तो मरीजों का दर्द सामने आने लगा। हथुआ वार्ड में भर्ती मरीज सुशील ने बताया कि पिछले दो दिनों से अस्पताल में भर्ती हूं। सुविधा के नाम पर अस्पताल प्रशासन की ओर से चादर तक नहीं दी गई है। कंपकपाती ठंड में रात गुजारनी भी मुश्किल हो गई है। अस्पताल के कर्मियों से शिकायत करने पर कंबल और चादर उपलब्ध कराने की बात कहकर मामले को टाल रहे हैं, लेकिन उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। ये कोई एक दो लोगों का मामला नहीं है। अस्पताल में भर्ती अधिकांश मरीजों को कंबल उपलब्ध नहीं कराया गया है।

मच्छर के प्रकोप से मरीज परेशान

हथुआ वार्ड में भर्ती मरीज के तीमारदार चंदन बताया कि शहर में डेंगू का प्रकोप जारी है। बावजूद मरीजों को अस्पताल प्रशासन की ओर से मच्छरदानी उपलब्ध नहीं कराया गया है। वार्ड में मौजूद नर्स और मेडिकल कर्मियों से मांगने पर मच्छरदानी उपलब्ध नहीं होने की बात कर रहे हैं। दोनो दिन गुजरने के बाद मच्छरदानी नहीं मिलने पर बाजार से मच्छरदानी खरीदनी पड़ी।

बेड पर चादर उपलब्ध नहीं

शिशु विभाग में भर्ती मरीज की परिजन गुडिय़ा देवी ने बताया कि वार्ड में भर्ती सभी बच्चे अपनी ही चादर और कंबल ओढ़े हुए हैं। पूछने पर नाम न छापने की शर्त पर एक नर्स ने बताया कि आवश्यकता अनुसार जो डिमांड करते हैं उनको और चादर कंबल उपलब्ध कराया जाता है।

वार्ड में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं

सरकार अस्पतालों पर प्रति वर्ष लाखों रुपए खर्च करती है। लेकिन वार्ड के आसपास मरीजों की सुरक्षा के लिए कोई सिपाही की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में अगर कोई बाहरी व्यक्ति वार्ड में दाखिल होकर अनहोनी को अंजाम दे दे तो अस्पताल प्रशासन तुछ नहीं कर पाएगा।