पटना ब्‍यूरो। अगर आपसे कहें कि कोविड की पहली व दूसरी लहर यानी 2020 व 2021 में जो लोग कोविड से संक्रमित हुए थे वे अब एंजाइटी व पैनिक एंजाइटी का शिकार हो रहे हैं तो सुनकर आश्चर्य होंगे मगर ये हकीकत है। डॉक्टरों की माने तो ये दोनों एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिससे पेशेंट को घबराहट व बेचैनी बढ़ जाती है। पटना मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों के परिजनों ने बताया कि ऐसे ही बीमारी से कई मरीज जूझ रहे हैं।

हार्ट अटैक आने का डर
पीएमसीएच में सर्दी जुकाम से पीडि़त अपने पिता का इलाज कराने आए अनुज ने बताया कि कोविड के बाद बुखार होने पर भी पापा घबरा जाते हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगता है उन्हें हार्ट अटैक आएगा। पीएमसीएच सहित शहर के अन्य अस्पतालों के मनोरोग विभाग के ओपीडी में ऐसे रोजाना तीन-चार मरीज आ रहे हैं। सप्ताह में ऐसे मरीजों की संख्या 25 से 30 हो जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से मरीजों में बार-बार इंफेक्शन की संभावना भी बढ़ गई है।

कोरोना से उबरने के बाद भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही
कोविड पॉजिटिव होने के बाद लोग निगेटिव तो हो गए हैं मगर एंजाइटी व पैनिक एंजाइटी लोगों का पीछा नहीं छोड़ा रही है। न केवल पीएमसीएच बल्कि शहर के निजी अस्पतालों में भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार अचानक घबराहट, बेचैनी व सांस लेने में तकलीफ एंजाइटी के लक्षण हैं। ऐसे ही मिलते-जुलते लक्षण पैनिक एंजाइटी का है। लेकिन ये गंभीर है। कोविड पॉजिटिव मरीजों को रोग प्रतिरोधक कम होने की वजह से इस तरह की बीमारी के केस बढ़े हैं। जिस वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं।

चार से पांच घंटे ही सोते हैं मरीज
कोविड पॉजिटिव से ठीक हुए लोगों को नींद भी उड़ गई है। सर्दी जुकाम होने के बाद वे अपने आप को असहज महसूस करते हैं। डॉक्टरों ने अनुसार प्रतिदिन सात से आठ घंटे नींद आवश्यक है। सर्दी जुकाम होने पर कोरोना की डर की वजह से मरीजों की नींद पूरी नहीं हो रही है। वे चार से पांच घंटे ही सो पाते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना की नींद से सीधा संबंध तो नहीं है लेकिन लॉकडाउन के समय लगी मोबाइल की लत इसकी सबसे बड़ी वजह है। लोग घंटों मोबाइल फोन पर गुजार रहे हैं। इस वजह से लोगों की नींद पूरी नहीं हो रही है।

पैनिक एंजाइटी के लक्षण
- हाथ और पैरों में कंपन
-आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
-सांस लेने में तकलीफ
- हार्ट अटैक का भय
- अचानक घबराहट व बेचैनी बढ़ जाना

केस वन
फतुआ से पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग में अपने पिता का इलाज कराने के लिए आए संतोष ने बताया कि पिछले दिनों सर्दी जुकाम होने पर इलाज के लिए पीएमसीएच आया हूं। डॉक्टरों ने दवा दी है। मगर डर सता रहा है कि कोराना फिर आ गया है। अक्सर हाथ-पैर कांपने लगता है। डॉक्टर से दिखाने पर पता चला कि पैनिक एंजाइटिक के लक्षण हैं।

केस 2
20 वर्षीय विजय 2020 में कोरोना से संक्रमित हुए थे। पिछले तीन साल से सिर्फ चार-पांच घंटे ही सोते हैं। डॉक्टर से काउंसिल कराया तो पता चला कि पैनिक एंजाइटिक लक्षण है। इलाज कराने के लिए आए उनके बेटे संतोष ने बताया कि सर्दी-जुकाम व पेट दर्द होने पर उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने का डर लगने लगता है। सबसे अलग रहते हैं। फैमली के अन्य सदस्यों को पास आने नहीं देते हैं।

डेली रूटीन में बदलाव करें
-एक्सरसाइज करें
-समय पर भोजन करें
- मोबाइल पर समय कम दें
- अपने आपक खुश रखें
- लोगों से बात करें


कोरोना के बाद अनिद्रा संबंधित बीमारी के मरीज बढ़े हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कई बीमारी मरीजों को हो रहा है। घबराने की बात नहीं है। समय पर इलाज कराने से समस्या का निदान हो जाता है।
- विद्यापति चौधरी, प्रिंसिपल, पीएमसीएच

कोरोना पॉजिटिव मरीजों में एंजाइटी व पैनिक एंजाइटी बीमारी बढ़ी है। छोटी-छोटी बातों में भी उन्हें डर लगता है। मरीज को दिनचर्या परिवर्तन करने से लाभ मिलेगा। साथ ही मोबाइल पर कम समय दें। इससे नींद की समस्या खत्म होगी।
-डॉ। सरिता शिवांगी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट