पटना (ब्यूरो)। पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल) में बक्सर से इलाज कराने आए मरीज की मौत के बाद स्वजन और जूनियर डॉक्टरों में हुए विवाद के बाद बुधवार की देर रात जमकर मारपीट हुई। सूचना पर तीमारदारों की ओर से आए इकबाल छात्रावास के छात्रों द्वारा हॉस्टल में घुसकर चार-पांच जूनियर डॉक्टरों को पीटने की भी बात कही जा रही है। इसके विरोध में रात करीब एक बजे मेडिसिन इमरजेंसी में इलाज कार्य बाधित हो गया। हालांकि, विभागाध्यक्ष डॉ। कौशल किशोर व स्वास्थ्य प्रबंधक संजय मांझी के आग्रह पर मरीजों के हित में सुबह तक इलाज के लिए तैयार हो गए। सुबह 11 बजे के आसपास जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और पंजीयन काउंटर बंद कराना शुरू किया। 12 बजते-बजते ओपीडी, इमरजेंसी समेत तमाम वार्डों में इलाज ठप करा दिया गया। प्राचार्य डॉ। विद्यापति चौधरी और अधीक्षक डॉ। आइएस ठाकुर ने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए जूनियर डॉक्टरों से कार्य पर लौटने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने। शाम को जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा सुनिश्चित होने तक हड़ताल पर रहने की सूचना अधीक्षक को दे दी है।

इलाज में लापरवाही से उग्र थे तीमारदार

इकबाल छात्रावास के एक छात्र ने अपने रिश्तेदार बक्सर जिला निवासी 56 वर्षीय हदीस अंसारी को टाटा वार्ड स्थित मेडिसिन इमरजेंसी में भर्ती कराया था। मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और हालत गंभीर थी। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन समेत अन्य जांच के लिए सर्जिकल इमरजेंसी ले जाने को कहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से सहायता नहीं मिलने के कारण वे भटकते रहे। करीब रात 12 बजे रोगी की मौत के बाद स्वजन भड़क गए और ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टरों से विवाद के क्रम में कालर पकड़ लिया। इसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। छात्रों ने इसकी सूचना पीएमसीएच प्रशासन को देररात ही दी, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और वे लोग शव लेकर चले गए।

सुरक्षा नहीं, सिर्फ आश्वासन मिलता

जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। मनोरंजन कुमार ने बताया कि हाल में शिशु रोग में तीमारदारों व पुलिस के द्वारा अभद्र व्यवहार के बाद अधीक्षक व एसडीपीओ ने सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। ऐसा नहीं किया गया और मेडिसिन इमरजेंसी में दोबारा मारपीट हो गई। हास्टल में पथराव किया गया। इसे देखते हुए सुरक्षा मिलने तक हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया गया है। प्राचार्य डॉ। विद्यापति चौधरी ने बताया कि जूनियर डाक्टरों से मरीजों के हित में हड़ताल नहीं करने के लिए बातचीत जारी है।