- जस्टिस वीएन सिन्हा और पीके झा की कोर्ट ने मॉल की एक्टिविटी पर रोक लगाने को कहा

- दो घंटे चली कोर्ट में जस्टिस ने दिए डीएम व एसएसपी को निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने फ्रेजर रोड स्थित पटना सेंट्रल मॉल में चल रही एक्टिविटी पर फौरन रोक लगाने का आदेश दिया है। यह रोक गुरुवार की शाम से लागू करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट के इस आदेश के साथ ही चार बजे डीएम और एसएसपी को फैक्स कर इस पर एक्शन लेने के लिए भी कहा गया है। इसमें कहा गया है कि दोनों प्लॉट पर होने वाली एक्टिविटीज को फौरन रोक दिया जाए। जस्टिस वीएन सिन्हा और पीके झा की खंडपीठ से पारित आदेश के साथ ही सदर एसडीओ पटना सेंट्रल मॉल पहुंच गए, तो वहीं कोतवाली थाना की पुलिस भी इर्द-गिर्द जमा होना शुरु कर दिया, क्योंकि अपनी ओर से एडमिनिस्ट्रेशन को रिपोर्ट भी हाईकोर्ट को सबमिट करना है। इस आदेश के साथ ही अब पटना सेंट्रल मॉल पब्लिक की एक्टिविटी के लिए रोक दिया जाएगा। पहले की तरह इस मॉल पर स्टेटस कोड लगा रहेगा।

निगम कमिश्नर चिल्लाते रहे, पर

इस आदेश के साथ ही एक बार फिर से पटना सेंट्रल मॉल का मामला तूल पकड़ लिया है, क्योंकि एक महीने पहले जब पटना सेंट्रल मॉल का इनॉगरेशन हुआ था। उस समय निगम कमिश्नर ने डीएम और एसएसपी को इस इर्नोग्रेशन को रोकने लिए कहा था, क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश पर इस बिल्डिंग पर स्टेटस कोड लगा हुआ था। इसके बाद भी इनॉगरेशन किया गया। इसके लिए बजायफ्ता कार्ड छपवाया गया और कई सीनियर लीडर को बुलवाया गया था, लेकिन कोई वहां पर नहीं आए। फिर भी इनॉगरेशन कर दिया गया। इस बीच, एक पुलिसकर्मी भी वहां पर नहीं पहुंचे और मॉल का इनॉगरेशन हो गया।

एसएसपी ने कहा कि नहीं हुआ इनॉगरेशन

पटना सेंट्रल मॉल के हुए इनॉगरेशन के मामले पर जब निगम की ओर से मामला दायर किया गया, तो हाईकोर्ट ने डीएम और एसएसपी ने इस बावत जवाब मांगा है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान एसएसपी ने अपने एपिड डेविड में कहा कि उसके एसएचओ स्पॉट पर गए थे और उन्होंने बताया कि किसी भी तरह का इनॉगरेशन नहीं हुआ है। इस पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए एसएसपी और डीएम को आदेश दिया कि जब इर्नोग्रेशन नहीं हुआ है तो फिर पब्लिक की एक्टिविटी कैसे शुरू हो गई है। इस एक्टिविटी पर फौरन रोक लगायी जाए। गुरुवार की शाम तक इसके स्टेटस रिपोर्ट भी भेजने का आदेश दिया गया है।

दोनों प्लॉट की एक्टिविटी पर रोक

हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि प्लॉट नंबर म्भ् और प्लाट नंबर म्म् पर होने वाली एक्टिविटी को रोक दिया जाए। आदेश में कहा गया है कि प्लॉट नंबर म्भ् पर बने दो फ्लोर की एक्टिविटी पर रोक लगाने के लिए कहा गया है, तो वहीं प्लॉट नंबर म्म् पर जो भी निर्माण हुआ है। उस पर पूरी तरह से रोक लगाने की बात कहीं गयी है। वहीं, निगम ने अपने एपिड डेविड में बताया है कि प्लाट नंबर म्भ् में बी प्लस जी प्लस फाइव पूरी तरह से इलीगल है, तो वहीं प्लॉट नंबर म्म् में बी प्लस जी प्लस टू इलीगल कंस्ट्रक्शन किया गया है।

बीस नवंबर को होगी इस पर फिर से सुनवाई

वहीं नरेंद्र मिश्रा एंड अदर्स के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस पर फिर बीस नवंबर को अगली सुनवाई का डेट रखा है। इस दौरान निगम कमिश्नर को जल्द से जल्द मामले को निपटारा करने का निर्देश दिया है। इस दौरान निगम कमिश्नर को भी फटकार लगी है कि उनकी ओर से केस को तेजी से डिस्पोजल नहीं किया जा रहा है।

करोड़ों की खरीदारी, निगम की नाक पर सवाल

पटना सेंट्रल मॉल उस समय खुला, जब त्योहार का मौसम था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इस मॉल के ऑनर ने इसे खोल दिया। इसमें कई ब्रांडेड शॉप होने की वजह से पटनाइट्स ने जमकर खरीदारी की। वहीं, दूसरी ओर यह निगम के नाक का सवाल बन गया था, क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी निगम ख्म् सितंबर को इनॉगरेशन कर दिया गया था।