- बिना बताए बंद कर दी गई है कॉर्पोरेशन की ऑनलाइन सर्विस

PATNA : राजधानी अब स्मार्ट सिटी की तरफ बढ़ रहा है। ये बातें कहने-सुनने में अच्छी लगती है। लेकिन, धरातल पर सारी बातें फिजूल की लगती हैं। क्योंकि ई-सुविधा के नाम पर नगर निगम पटना की ओर से शुरू की गई हर सर्विस का हाल इतना बुरा हैं कि ई- सर्विस का मतलब मजाक लगने लगा है। हाल ही में स्मार्ट सिटी की रेस में शहर को शामिल करने के लिए निगम ने वेबसाइट की लॉन्चिंग की है, आई नेक्स्ट ने जब निगम की पुरानी ऑनलाइन सेवाओं की पड़ताल की तो सामने आया पटनाइट्स के साथ हो रहे मजाक का। दरअसल नगर निगम ने बिना किसी सूचना और जानकारी दिए 'माई पटना एप' को बंद कर दिया है। गुगल प्ले पर अभी भी यह एप डाउनलोड के लिए मौजूद है, लेकिन इसके जरिए शिकायत नहीं की जा सकती। इसके अलावा करीब एक साल से जो शिकायतें पेंडिंग है उसका अबतक निपटारा नहीं किया जा सका है।

सालभर बाद भी नहीं कंप्लेन की कोई सुनवाई

http://mobapp.bih.nic.in पोर्टल पर किए गए कंप्लेन का ब्यौरा दिया गया है। यहां सामान्य समस्याओं को सुलझाने में निगम को 284 दिन से भी ज्यादा लग रहा है। समस्या अब भी जस की तस है। यहां कंप्लेन नंबर #23 में वार्ड नंबर ब्म् के ज्योतिरादित्य सिंह ने स्ट्रीट लाइट संबंधी समस्या पोस्ट की है। ख्8भ् दिन बीतने के बाद भी इसे इन प्रोसेस दिखा रहा। इस तरह के सैकड़ों मामले यहां पेंडिंग पड़े हैं।

ब्0 दिन बाद जवाब मिला

जब आई नेक्स्ट ने रिसॉल्व कंप्लेन वाले सेक्शन को खंगाला तो रिपोर्ट चौकाने वाला था। लोगों ने डस्टबिन टूटने या न होने की शिकायत की तो महीने भर बाद उन्हें जवाब मिला कि निगम के पास डस्टबिन नहीं है। इस तरह कंप्लेन को रिसॉल्व बता दिया गया। मजाक की हद तब हो गई जब कंप्लेन आने के बाद उसे सॉल्व करने के बदले अधिकारी एक दूसरे पर टालने लगे। वेबसाइट पर कई समस्याओं के जवाब में ये भी लिखा हुआ मिला।

बंद पड़ा है अपना पटना एप

नगर निगम ने पिछले साल काफी जोर शोर से स्मार्ट पटना के लिए एक एप लॉन्च किया था। इसके जरिए मोबाइल से ही कंप्लेन किया जा सकता है। एप के हाल इतने बुरे हैं कि ओपन करते ही यह क्रैश हो जाता है। हालत यह है कि इसमें पहले दिन से अबतक किए यूजर के ब्म् कमेंट में से इक्का दुक्का ही पॉजिटिव कमेंट हैं। सभी कमेंट इस एप को वाहियात करार दे रहे, लेकिन विभाग ने एप अपडेट नहीं कराया।

हमने इस सर्विस को बंद किया है। इसकी वजह आने वाले समय में पूरे स्टेट के लिए बनने वाला इंटीग्रेटेड एप है। यह जल्द ही तैयार हो जाएगा।

- अभिषेक सिंह, कमिश्नर, पीएमसी