पटना ब्‍यूरो।

फिर मेरे कूरियर में यह सब किसने डाला होगा। फोन करने वाला खुद को पुलिस का अधिकारी बताकर आपको डराने की कोशिश करता है। लेकिन यहां पर न तो आपके कूरियर में कुछ आपत्तिजनक सामान होता है और न ही फोन करने वाला पुलिस का कोई अधिकारी। बल्कि यह कोई साइबर अपराधी हो सकता है। जो लोगों को ब्लैकमेल कर पैसा ऐंठने के फिराक में लगा रहता है। पटना में हाल-फिलहाल में कुछ ऐसे मामले आए हैं। जिसमें कूरियर भेजने वाले को फोन किया गया। हालांकि इसमें कुछ ऐसे लोगों को भी फोन किया गया जिन्होंने कभी कूरियर भेजा ही नहीं था।

क्या है इसका मॉडस ऑपरेंडिस


कूरियर क्राइम से जुड़े मामले के अलग-अगल पक्ष हैं। एक तो मामला यह हो सकता है कि आपको किसी का फोन आए और बताया जाए कि आपके नाम से दिल्ली एयरपोर्ट पर या कहीं भी किसी एयरपोर्ट पर कूरियर या पार्सल आया है। उसमें कुछ मादक पदार्थ है। फोन करने वाला खुद को कस्टम का अधिकारी बताता है। वहीं दूसरा तरीका यह हो सकता है कि अगर आपने नॉर्मली किसी को भी कूरियर भेजा है। तब आपके नंबर पर फोन आए और आपसे कहा जाता है कि आपके पार्सल में कुछ आपत्तिजनक चीज है। तब उस स्थिति में बाकई आप परेशान हो जाते हैं। लेकिन यहां भी मामला साइबर क्राइम से ही जुड़ा होता है।

कैसे पहुंचता है आपका नंबर


जब आप किसी को कूरियर भेजते हैं। तब उसमें अपना नंबर भी मेंशन करते हैं। ताकि कहीं एड्रेस संबंधी कोई मसला आए तो डिलिवर करने वाला फोन कर आसानी से इसके शॉटआउट कर सके। कूरियर भेजने के बाद आप उसके स्टेटस जांच के लिए गूगल क्रोम के सर्च इंजन में जाकर संबंधित कूरियर कंपनी का कस्टमर सर्विस नंबर तलाशते हैं। लेकिन बहुत बार होता है कि सर्च इंजन को मैन्यूपुलेट कर बड़ी चालाकी से उक्त कूरियर कंपनी के नाम से फर्जी वेबसाइट बना दी जाती है। आप उस फर्जी वेबसाइट को कूरियर कंपनी का असली वेबसाइट समझकर उससे कस्टमर सर्विस नंबर उठाकर फोन करते हैं। तो उस स्थिति में भी आपका फोन नंबर साइबर अपराधियों तक पहुंच जाता है।

कंपनी के स्टाफ ही अपराधियों तक पहुंचा रहे नंबर


दूसरा तरीका यह हो सकता है कि कूरियर कंपनी में काम करने वाला बंदा भी आपका नंबर साइबर अपराधियों तक पहुंचा सकता है। इसमें कूरियर कंपनी के स्टाफ या डिलीवरी एजेंट के साथ साइबर अपराधियों की मिली भगत से यह काम हो सकता है। यहीं कारण है कि कई बार बहुत सारी चीजें सटीक तौर पर बताने की वजह से साइबर अपराधियों की बातों पर भरोसा करके ठगी के शिकार हो जाते हैं।

केस नंबर 1


प्रदीप पटना के शास्त्रीनगर के रहने वाले हैं। एक दिन अचानक उनके पास फोन आता है। जिसमें उनके द्वारा भेजे गए कूरियर के रिगार्डिंग पूछताछ शुरू कर दी जाती है। पूछताछ करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया था। फिर इस तरह से प्रदीप से 55 हजार रुपये ठग लिए गए।

केस नंबर 2

संगीता कुमारी पुनाईचक की रहने वाली है। उन्होंने कुछ चीजें कूरियर की थी। फिर उनके पास भी इसी तर्ज पर फोन आता है और कूरियर में ड्रग्स होने की बात कही जाती है। यह बात वह अपने पति से बताती है और फिर वह ठगी के शिकार होने से बच जाती है।

केस नंबर 3


हनुमान नगर के रहने वाले ब्रिजकिशोर शर्मा के पास भी कूरियर के रिगार्डिंग कुछ ऐसे ही कॉल गए थे। लेकिन उन्होंने कोई कूरियर कभी किया ही नहीं था।

केस नंबर 4


भूतनाथ में रहने वाले रौशन कुमार के पास भी साइबर अपराधियों ने फोन करके कूरियर में स्मैक होने की बात कर पैसे की मांग की थी। शुरू में रौशन डर गया और उसने पांच हजार रुपये दे भी दिए थे। लेकिन बाद में और पैसे की मांग की जाने लगी। फिर उसने अपने अंकल से यह बात बताई और फिर यह मामला साइबर क्राइम के पास पहुंचा।

वर्ष 2023 में 42030 साइबर क्राइम के शिकायत दर्ज कराई गई


आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार वर्ष 2023 में 42030 साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कराई गयी थी। वहीं कुल 1689 केस दर्ज किए गए हैं। 2023 में 27.8 करोड़ राशि होल्ड कराई गई है। वहीं वर्ष 2024 में मई माह तक कुल 21 करोड़ की राशि होल्ड कराई गई है। साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की बात करें तो 2023 में 181 और 2024 में अभी तक 171 लोगों को अरेस्ट किया गया है।

वर्जन


किसी भी अनजान फोन कॉल का जवाब नहीं दें। इस तरह के फोन कॉल आने की स्थिति में साइबर क्राइम यूनिट या फिर स्थानीय पुलिस से जरूर संपर्क कर लें। अगर आपने कोई अपराध नहीं किया है तो डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि साइबर अपराधियों के लिए आपका डर ही उनका हथियार है।
मानवजीत सिंह ढिल्लो
डीआईजी, आर्थिक अपराध इंकाई