-सीओटी में दो ड्रेसर और आदेशपाल की लगी ड्यूटी

-इमरजेंसी ओटी में हुआ एक ऑपरेशन व ड्रेसिंग

-सर्जरी, गाइनी, आर्थो, आई में नहीं हो सका एक भी ऑपरेशन

-आंदोलनकारियों ने धरना दे किया विरोध-प्रदर्शन

-12 ओटी असिस्टेंट, 4 लैब तकनीशियन समेत 18 कर्मी स्ट्राइक पर, रेगुलर ओटी असिस्टेंट नहीं

कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, प्रधान सचिव अवगत

PATNA CITY : अनुबंध कर्मियों में ओटी असिस्टेंट, लैब तकनीशियन समेत क्8 का अनुबंध समाप्त हो चुका है। ऐसे में नवीकरण को लेकर अनुबंध कर्मी आंदोलनरत हैं। मगर बुधवार से सभी कर्मी स्ट्राइक पर चले गए। इस कारण एनएमसीएच के सीओटी में एक ऑपरेशन को छोड़ कोई ऑपरेशन नहीं हो सका। अधीक्षक का कहना है कि स्थिति से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को अवगत करा दिया गया है। स्ट्राइक समाप्त कराने या फिर वैकल्पिक व्यवस्था होने तक ऑपरेशन होना असंभव लग रहा है।

नहीं हुआ फ्0 से अधिक ऑपरेशन

एनेस्थेसिया के एचओडी डा। अशोक कुमार ने बताया कि ओटी असिस्टेंट के स्ट्राइक के कारण सर्जरी के एचओडी डा। सुधीर कुमार का क्फ् और डा। डीके मौर्या का भ् ऑपरेशन नहीं हो सका। इसमें लेप्रोस्कोपिक के ब् और यूरो का ख् मेजर आपरेशन था। आर्थो के छह मरीज का आपरेशन नहीं हुआ। इसी तरह से गाइनी और आंख विभाग में भी आपरेशन नहीं हो सका। सीओटी में दो ड्रेसर एवं एक आदेशपाल को आठ-आठ घंटे की ड्यूटी ओटी असिस्टेंट के काम को तैनात किया गया है। इमरजेंसी ओटी में मरीज जग्गू राम के पेट का ऑपरेशन डाक्टरों ने किया। जेनरल ओटी की चाबी को सिस्टर इंचार्ज को सौंपने की कवायद चलती रही। ऐसा इस कारण कि यदि कोई वैकल्पिक व्यवस्था हुई, तो चाबी रहने पर ऑपरेशन किया जा सकता है।

हड़तालियों ने दिया धरना की नाराबाजी

बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ अनुबंध पर कार्यरत पारा मेडिकल कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पैथोलॉजिकल जांच के काम पर भी असर पड़ा है। संघ शाखा के मंत्री विजेंद्र राम, राहुल देव, धनंजय कुमार, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार एवं बी राम ने कहा कि जब तक सरकार अनुबंध कर्मियों की सेवा नियमित करने, समान काम के लिए समान वेतन लागू करने एवं चिकित्सक शिक्षकों की तरह म्0 वर्ष तक स्थाई अवधि विस्तार आदि पांच सूत्री मांगें पूरी नहीं होती हैं, हड़ताल जारी रहेगी।

मरीज हुए बेहाल

आपरेशन कराने को लेकर वार्ड में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। लगातार मरीज के इंडोर में भर्ती होने से बेड भी कम पउ़ सकता है। ऑपरेशन नहीं होने से मरीज को दवा खरीद कर खाना पड़ेगा। इससे उन्हें आर्थिक के साथ परेशानियां भी बढ़ेंगी। इस कारण से अस्पताल कैंपस में दलाल एक्टिव हो गए हैं और मरीज के परिजन को प्रलोभन देकर उन्हें नर्सिग होम में ले जाने को गुमराह कर रहे हैं।

पूर्व से निर्धारित मरीजों का ऑपरेशन बुधवार को नहीं हो सका। सीओटी को चालू रखने की कोशिश की गई है। जबतक विकल्प नहीं मिलता, आपरेशन प्रभावित रहेगा।

डा। अशोक कुमार, एचओडी, एनेस्थेसिया

स्थिति से स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को अवगत करा दिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था होने तक या फिर हड़तालियों की मांग माने जाने पर आपरेशन शुरू हो सकेगा।

डा। आनंद प्रसाद सिंह, सुपरिटेंडेंट, एनएमसीएच