- एक ही सड़क का तीन बार हुआ मिट्टीकरण व ईंटीकरण, बीडीओ सह सीओ ने ग्रामीणों का दर्ज किया बयान

CHAPRA : बनियापुर प्रखंड के सतुआं पचायत में एक ही योजना में क्7 लाख के घोटाला का पर्दाफाश हुआ है। जिसकी शिकायत मिलने पर शनिवार को सीओ सह बीडीओ और प्रखंड प्रमुख के द्वारा जांच पड़ताल की गई। जांच में च्च्चाई सामने आ गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रखंड के सतुआं पंचायत के भीठ्ठी सहाबुद्दीन के मुख्य सड़क से धनुपुर गांव के नदी किनारे तक की एक सड़क योजना के मिट्टीकरण व ईंटकरण के नाम पर तीन बार में क्7 लाख की राशि उठा ली गई है। जिसकी शिकायत स्थानीय निवासी श्रीप्रकाश पांडेय द्वारा की गई थी। इस शिकायत पर बीडीओ सह सीओ ललन प्रसाद सिंह व प्रखंड प्रमुख मंजूषा ओझा द्वारा जांच की गई।

बताया जाता है कि इसकी पहली योजना सत्र क्ब्-क्भ् में मनरेगा के तहत कराई गई है। जिसमें 797000 रुपए की योजना राशि उठा ली गई। फिर उसी सड़क का नाम बदल कर सत्र क्भ्-क्म् में पंचायत के चौदहवीं वित्त योजना के तहत ब्99700 रुपए की राशि उठा ली गई। फिर तीसरी बार भी इस सड़क का नाम बदल कर सत्र क्भ्-क्म् में चौदहवी वित्त योजना के तहत ब्फ्0ब्00 रुपए की राशि पुन: उठा ली गई। यानी तीन वर्षों के बीच एक योजना पर तीन बार मिट्टी करण व ईंट करण की योजना भी बनी और बारी-बारी से योजना की राशि भी उठा ली गई। इसके जांच-पड़ताल में कुछ देर के लिए बीडीओ भी दंग रह गये। जांच के दौरान बीडीओ पूछने लगे कि योजना के कनीय अभियंता योजना स्थल पर जाते भी है या नहीं? आवेदक ने इस योजना पर राशि निकासी की कापी भी बीडीओ को उपलब्ध कराई थी। जिसके कारण जांच स्थल पर ही बहुत बातें स्पष्ट हो गई। उधर स्थानीय लोग का भी बयान बीडीओ द्वारा दर्ज किया गया।

पुन: सड़क मरम्मती का क्या है नियम

प्रखंड के योजनाओं में नियम की बात करें तो नियम कहता है कि जिस योजना पर एक बार कार्य हुआ है। तो दूसरी बार उसकी मरम्मती की योजना पांच वर्षों के बाद ही लाई जा सकती है। वह भी अगर ईंटकरण का काम किया गया हो तो पुन: उस योजना पर मिट्टी करण का काम नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस योजना में लगातार तीनों बार मिट्टीकरण व ईंटकरण की योजना पारित की गई है।

घर बैठे कर देते हैं एमबी बुक

अगर एक ही योजना पर बार-बार योजना खुल रही है तो कनीय अभियंता भी इस घोटाले में कम दोषी नहीं है। अगर स्थल जांच कर प्रकलन राशि तैयार करते तो एक ही योजना पर तीन बार राशि उठाना संभव नहीं था। जहां लोगों का आरोप था कि पहले योजना में मिट्टी करण तो हुई थी। लेकिन ईंटकरण बाकी रह गया था तो फिर पहले वाले की एमबी बुक कनीय अभियंता द्वारा कैसे की गई होगी। यह समझने की बात है।

कहती है प्रखंड प्रमुख

प्रखंड प्रमुख मंजूषा ओझा ने बताया कि इस योजना की राशि के लूट में जनप्रतिनिधि से लेकर कनीय अभियंता और सचिव सभी लोग शामिल होंगे। जांच में सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।