पटना ब्‍यूरो। समाजिक ताने-बाने के बीच घर-आंगन में इंसानों के बीच रहने वाली गोरैया के संरक्षण के लिए सबको आगे आना होगा। समाज संरक्षण का बीड़ा उठाएगा, तब इन्हें संक्षित किया जा सकता है। इनकी संख्या में तेजी से गिरावट चिंता का विषय है। इनके संरक्षण के लिए टाईगर प्रोजेक्ट और एलिफैंट प्रोजेक्ट जैसी योजनाएं नहीं लाई जा सकती है। इसे 2013 में बिहार का राजकीय पक्षी घोषित किया गया था। जैव विविधता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। सिर्फ वन विभाग इसे संरक्षित नहीं कर सकता है। इनकी चहचहाहट और कलरव सुनने के लिए दाना-पानी देने के साथ संरक्षण का उपाय करने के लिए बिहारवासी आगे आएं। वन विभाग हर स्तर पर सहयोग करेगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता, निदेशक पारिस्थितिकी अभय कुमार ने बुधवार को विश्व गोरैया दिवस के अवसर पर संजय गांधी जैविक उद्यान के केना गार्डेंन में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इस अवसर पर पीआइबी के सहायक निदेशक संजय कुमार ने गोरैया गोरैया के संरक्षण, उनकी आवश्यकता, उनके संरक्षण की विधि पर विस्तार से जानकारी दी। केना गार्डेन में गौरैवा पर प्रदर्शनी लगाई गई। विश्व गोरैया दिवस पटना वन प्रमंडल सहित सभी वन प्रमंडलों ने मनाया।

मोबाइल एप किया लॉन्च
इस अवसर पर पीआइबी के सहायक निदेशक संजय कुमार की पुस्तक आओ गोरैया, गोरैया पर आधारित कहानियों एवं कविताओं का संकलन बाल-पुस्तक पत्रिका, गोरैया मोबाईल ऐप कार्टूनिस्ट पवन द्वारा गोरैया पर रचित गोरैया पोस्टर का विमोचन किया गया। उद्यान निदेशक सत्यजीत कुमार, पीआइपी के सहायक निदेशक संजय कुमार, उप निदेशक शशिभूषण प्रसाद, पटना विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष मो। नाजीम, लाईफ 360 डिग्री के हेड अजित कुमार झा, उद्यान के रेंज आफिसर आनंद कुमार, अरङ्क्षवद कुमार वर्मा, बायोलाजिस्ट मो। आरिफ, जू एंबेसडर्स किलकारी के बच्चे शामिल हुए।

वातानुकूलित वन आंगन का लोकार्पण
विश्व गोरैया दिवस के अवसर पर संजय गांधी जैविक उद्यान के गेट संख्या एक के पास पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने बेबी फीडिंग के लिए वातानुकूलित वन-आंगन (चाईल्ड केयर यूनिट) का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि जैविक उद्यान की तर्ज पर अन्य विभाग भी चाईल्ड केयर यूनिट की स्थापना अपने यहां कराएं। उद्यान में आने वाली महिला दर्शकों को काफी लाभ मिलेगा। यहां बच्चों को दूध पिलाने सहित सभी तरह की व्यवस्थाएं कराई गई है।