PATNA : राजधानी में साइबर ठगी के बाद लोग अब प्लास्टिक मनी से दूरी बनाने लगे हैं। ठगी से बचने के लिए लोग चेक और सीधे बैंक से लेनदेन करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामाना भी करना पड़ा रहा है। साथ ही बैंकों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। राजधानी में साइबर गैंग ने अपना पैर बहुत तेजी से फैला रहा है। हर रोज लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। हैरानी की बात ये है पहले साइबर जालसाज पहले ओटीपी पूछकर और बैंक से संबंधित डिटेल लेकर रुपए निकाल लेते थे लेकिन अब तो बिना ओटीपी से ही लोगों के खाते से रुपए निकल जा रहे हैं। इस कारण लोग काफी डरे हुए हैं। इस कारण प्लास्टिक मनी को ना बोल रहे हैं।

ठगी : 1

राजीवनगर में कोचिंग से जुड़े उदय कुमार के एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर साइबर अपराधी 80 हजार खाते से उठा लिए। उदय ने ओटीपी भी किसी को शेयर नहीं किया था। इसके बाद भी उनके खाते से रुपया निकाल लिया।

अब : उदय ने एटीएम ने दूरी बना ली है। वो अब चेक के माध्यम से रुपया निकालते हैं।

ठगी : 2

दीघा बाटा चक के निवासी राहुल कुमार के एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर खाते से 40 हजार रुपए निकाल लिए। राहुल ने भी एटीएम का डिटेल किसी को नहीं दिया था। इसके बाद भी उनके खाते से रुपए उड़ा लिए।

अब : ठगी के बाद राहुल काफी डरे हुए हैं। वो एटीएम में जाना पसंद नहीं करते हैं। उन्हे ऐस लगता है कि यहीं से डाटा लिक हो रहा है।

ठगी : 3

राजीवनगर के निवासी इंद्र मोहन कुमार पांडेय ने 19 अप्रैल को एटीएम से रुपया निकाला था। एक दिन बाद उनके खाते से 24 हजार रुपए कट गए। बाद में जब वे बैंक गए तो पता चला कि उनके खाते से रुपया ट्रांसफर हुआ है।

अब : इंद्र मोहन ने एटीएम का उपयोग बंद कर दिया। कोशिश करते हैं कि बैंक से लेन-देन करें। बहुत जरूरी है तो एटीएम से रुपए निकालते हैं।

क्लोन बनाकर हो रही ठगी

आमतौर पर बिना ओटीपी बताए लोग के साथ ठगी हो रही है। उसमें ये सामने आ रहा है कि साइबर ठग कार्ड का क्लोन बनाकर ठगी करते हैं। पुलिस ने कई ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो क्लोन बनाकर ठगी करते हैं। उनसे पूछताछ में ये सामने आया है कि साइबर ठग एटीएम इंट्री माउथ पर स्कीमर लगा देते हैं। इसके बाद जैसे ही लोग कार्ड इंट्री करते हैं पूरा डाटा उसमें रिकॉर्ड हो जाता है। इसके बाद वो लोग ब्लैंक एटीएम में डाटा ट्रांसफर कर क्लोन एटीएम बना लेते हैं।

कैश बैक के चक्कर में फंस रहे लोग

साइबर एक्सपर्ट राजेश कुमार का मानना है कि साइबर ठगों के पास लोगों का मोबाइल पहुंच जाता है। दरअसल, लोग कैश बैक के चक्कर में अपना नंबर देते हैं। वहां से उनका नंबर साइबर ठगों तक पहुंच जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि लोगों को अनधिकृत वेबसाइट से रिचार्ज कराने में बचना चाहिए।

ठगी की घटनाएं

वर्ष शिकायत

2014 84

2015 187

2016 167

2017 150

2018 141

2019 93

ठगी के तरीके

-77 एटीएम

-37 फेसबुक

-12 इमेल

-04 व्हाट्सएप

- 03 वेबसाइट

-08 लैपटॉप